पटना: यूनियन बजट 2019 की घोषणा के बाद बिहार के डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि इस बजट से बिहार को बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा. उप मुख्यमंत्री ने बजट की सारी योजनाओं का जिक्र करते हुए बिहार को पहुंचने वाले लाभ के बारे में विस्तार से बताया.
बिहार के वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में जितनी भी घोषणाएं की गई हैं. उसका सबसे ज्यादा लाभ बिहार को मिलेगा. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में सबसे ज्यादा गरीब हैं. 8 करोड़ लोगों को एलपीजी कनेक्शन मिलेगा. सबको पक्का मकान मिलेगा. गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में तो कच्चे मकान हैं नहीं. 1 करोड़ 95 लाख गरीबों का घर बनना है. तो इसका सीधा फायदा बिहार को मिलेगा.
हर घर नल जल योजना और पीएम सड़क निर्माण का जिक्र करते हुए डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 1 लाख 25 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण होना है. इसके तहत बिहार में भी कई पक्की सड़कें बननी हैं. ग्राम सड़क योजना के तहत 80 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
बिहार की महिलाओं को फायदा
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में 9 लाख स्वयं सहायता समूह हैं. बजट में घोषणा की जा चुकी है कि स्वयं सहायता समूह के तहत 1 लाख तक का ऋण दिया जाएगा. तो बिहार के 9 लाख समूह को इससे फायदा मिलेगा. इससे बिहार की 1 करोड़ महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा.
इंफ्रा स्ट्रेक्चर पर जोर दिया गया है- सुमो
- सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ये बजट 10 साल का विजन है.
- घर-घर शौचालय का लक्ष्य पूरा हुआ है. अब गांव-गांव कचरा प्रबंधन का काम होगा.
- बिजली से चलने वाली गाड़ियों का प्रवधान किया गया है.
- एक साल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया है. इसके चलते एयर कनेक्टिविटी, रोड कनेक्टिविटी और बिजली पर खर्च किया जाएगा.
- 100 लाख रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर पर सलाना खर्च होगा. ये एक साल का बजट नहीं है. ये 10 साल का विजन है.
स्पेशल स्टेटस पर बोले सुमो
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे पर बयान देते हुए कहा कि बजट पूरे देश का होता है. इसमें किसी एक राज्य की बात नहीं की जाती है. जब सुशील मोदी से राबड़ी देवी के सवाल पर पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि क्या राबड़ी देवी ने 2 घंटे का पूरा बजट देखा. उन्होंने क्या देखा होगा अंग्रेजी में बजट भाषण था. ना उन्होंने इसे देखा ना ही उन्होंने समझा. पहले उन्हें बजट को पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए.
पहले समझ लिजिए क्या है पीपीपी- सुमो
रेल बजट में पीपीपी को लेकर विपक्ष के हमले को लेकर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इसमें कहीं निजीकरण की बात नहीं की गई है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप आज से तो है नहीं. ये तो यूपीए सरकार से ही चल रहा है. देश के सभी राज्यों में पीपीपी चल रहा है. ये कोई नई चीज नहीं है. ये कोई निजीकरण की बात नहीं है. इसका अर्थ है कि जन निजी भागीदारी. जन यानी सरकार, निजी यानी प्राइवेट दोनों मिलकर काम करेंगे. पीपीपी मोड पर ही काम होगा.