पटनाः दीपावली और छठ त्योहार के दौरान दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में लोग बिहार आते हैं और इस दौरान कोरोना संक्रमण (Corona Virus) के फैलने की संभावना ज्यादा है. संभावित खतरों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एहतियाती कदम उठाए हैं. साथ ही ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवेलप करने के लिए केंद्र की सहायता से बिहार सरकार ने एक्शन प्लान तैयार किया. इस बात की जानकारी बिहार सरकार के स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) ने दी.
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बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि फिलहाल तीसरी लहर को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन हम लगातार तैयारियों में जुटे हैं. लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है. केंद्र से इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज के तहत 1350 करोड़ मिलना है.
इस मद में राज्य स्वास्थ्य समिति को लगभग 860 करोड़ रुपये मिल चुका है. भारत हेल्थ इंस्ट्रक्शन मिशन के तहत इस वर्ष 1116 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत हुई है. 2025 तक बिहार को 62 सौ करोड़ रुपया मिलना है. प्रत्येक 15000 शहरी आबादी पर एक हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर स्थापित किया जाना है.
'स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ-साथ पीडियाट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी सरकार का ध्यान रहेगा. सभी 38 जिलों में आर्टिफिशियल जांच की सुविधा बहाल कर दी गई है. इस बार प्रखंड स्तर पर जन स्वास्थ्य कार्यों के माध्यम से लोगों के निगरानी और जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला को विकसित किया जाना है. इसके अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास भी किया जाएगा'- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री
आपको बता दें कि बिहार में तीसरी लहर की आशंका बरकरार है. हालांकि राज्य में लगभग 7 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. छठ और दीपावली त्योहार के दौरान बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लोग बिहार आते हैं. संभावित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मुकम्मल तैयारी कर रखी है.
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तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल जैसे राज्यों से आने वाले लोगों पर खास नजर रखी जा रही है. सरकार ने परिजनों से भी अनुरोध किया है कि वह बाहर से आने वाले लोगों का जांच करायें और उन्हें टीका भी लगवाएं. दरअसल पिछले साल भी त्योहार के बाद ही बिहार में संक्रमण के रफ्तार में बढ़ोतरी हुई थी और इस बार भी त्योहार को लेकर सरकार चिंतित है.