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आखिर क्यों हो रही है BPSC के इस कोडिंग सिस्टम की देशभर में चर्चा?

बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा से खास बातचीत की है हमारे बिहार ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने. इस साक्षात्कार में बोर्ड अध्यक्ष ने कैसे बीपीएसएसी रिजल्ट में पारदर्शिता लाई जा रही है, किस तरह बोर्ड अप टू डेट हो गया है. इन तमाम बातों पर विस्तार से चर्चा की.

exclusive interview of bpsc president shishir sinha with etv bharat
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Published : Sep 25, 2019, 8:05 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 1:04 PM IST

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग हमेशा चर्चा में रहा है. हाल के दिनों में बीपीएससी देशभर में मिसाल बन गया है. न सिर्फ इसकी कार्यप्रणाली सही हुई है, बल्कि इसमें पारदर्शिता भी आई है. 16 महीनों में 110 परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित कर बीपीएससी ने एक अलग पहचान बनाई है.

ईटीवी भारत बिहार के ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने बीपीएससी के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा से खास बातचीत की. प्रवीण बागी ने अध्यक्ष शिशिर सिन्हा से बीपीएससी की बदली हुई तस्वीर के बारे में बातचीत की. इस बाबत शिशिर सिन्हा ने सभी सवालों का तथ्य के साथ जवाब दिया.

जानकारी देते बीपीएसी अध्यक्ष
जानकारी देते बीपीएससी अध्यक्ष

प्रवीण बागी- बिहार लोक सेवा आयोग की तस्वीर को बदलने में क्या-क्या दिक्कतें आईं. इसके लिए क्या-क्या कदम उठाए गए?
शिशिर- संविधान ने हमें संरक्षण दिया है, ये उसी प्रोटक्शन की देन है.

बीपीएससी अध्यक्ष ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि संविधान के अंतर्गत संविधान निर्माताओं ने पब्लिक कमीशन को 100 प्रतिशत संरक्षण दिया है. इसके चलते किसी भी सदस्य या अध्यक्ष को हटाया नहीं जा सकता. अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत राज्यपाल और राष्ट्रपति को भेजते हैं. फिर कोर्ट के आदेश के बाद ही कुछ होता है. ऐसे में जब हम लोगों को इतनी प्रोटेक्शन मिली है, तो हमारा भी दायित्व है कि हम 100 प्रतिशत पारदर्शिता लाएं.

बीपीएससी अध्यक्ष से खास बातचीत

प्रवीण बागी- ये संरक्षण पहले भी थी, तो क्यों बीपीएसी के ऊपर हर रोज नया दाग लगता रहा?
शिशिर- इसके चलते ही तो पूरा सिस्टम बदला गया, अब अध्यक्ष के पास पॉवर न होकर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के पास है.

बीपीएसएसी अध्यक्ष ने कहा कि कि मैंने डेढ़ साल पहले अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. सेलेक्शन प्रोसेस में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए मैंने सिस्टम बदला. नियुक्ति के लिए मैंने मानव कार्यप्रणाली को दूर कर दिया. अब अध्यक्ष के पास भी नियुक्ति और इंटरव्यू लेने की पॉवर नहीं है.

'हमारी सराहना हुई है...'
शिशिर सिन्हा ने बताया कि अब इंटरव्यू के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर ही इंटरव्यू बोर्ड का गठन करता है. हमने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है जिसकी चर्चा यूपीएसएसी समेत देशभर में हुई है. उन्होंने बताया इससे पारदर्शिता आयी है. कंप्यूटर आधे घंटे पहले ही इंटरव्यू बोर्ड का गठन करता है.

बस इतनी जानकारी, समीक्षा के लिए
बस इतनी जानकारी, समीक्षा के लिए- शिशिर

प्रवीण बागी- तो क्या कैंडिडेट की पहचान कोड से होती है?
शिशिर-
जब कोई अभ्यर्थी सुबह इंटरव्यू के लिए आता है, तो उसकी समीक्षा की जाती है. उसके बाद उन्हें कोड नंबर दिया जाता है. इस दौरान उनके बारे में सिर्फ इतना पता रहता है कि अभ्यर्थी ने कहां से स्नातक किया है. वहीं, कोड सिस्टम की वजह से कोई सदस्य किसी अभ्यर्थी की पैरवी नहीं कर सकता.

अध्यक्ष ने बताया कि दो मीटिंग में अगर इंटरव्यू होता है तो दोनों समय में उक्त सिस्टम लागू होता है. उन्होंने कहा सेकेंड हाफ में इंटरव्यू बोर्ड पूरा बदल जाता है. वहीं, शिशिर सिन्हा ने बताया कि सिर्फ बिहार में ये सिस्टम लागू है. उड़ीसा, हरियाणा और अन्य राज्यों से बोर्ड अध्यक्ष आकर इस सिस्टम का अध्ययन कर रहे हैं. संभवत: धीरे-धीरे सभी राज्यों में ये सिस्टम लागू हो जाएगा.

प्रवीण बागी- 100 से ज्यादा पेंडिंग रिजल्ट को घोषित करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
शिशिर- हम दिन रात काम कर रहे हैं, अप टू डेट हो गए हैं.

बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि हम नौ साल पीछे चल रहे थे. आज के दिन हम अप टू डेट चल रहे हैं. बोर्ड दिन रात काम कर रहा है. 15 अक्टूबर को 65 बैच का एक्जाम आयोजित हो रहा है. हम गर्व से कह सकते हैं कि हम आज अप-टू-डेट हैं.

दिन रात कर रहे मेहनत, अप टू डेट हो गए हैं- शिशिर

प्रवीण बागी- पिछले एक्जाम में फिर एक बार गलत परीक्षाफल का आरोप लगा, क्यों?
शिशिर- संतुष्टि की जांच कर हम सर्टिफिकेट देते हैं. एक्सपर्ट कैंडिडेट की संतुष्टि देख रिजल्ट घोषित करते हैं.

अध्यक्ष ने बताया कि सेवानिवृत्त एक्सपर्ट ही कैंडिडेट का इंटरव्यू ले रहे हैं. उक्त सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम 7 एप्टीट्यूड टेस्ट के जरिए ही मार्क करते हैं. ये बिहार ही नहीं यूपी में भी लागू है. ऐसे में अभ्यर्थियों को एप्टीट्यूड में ध्यान देना चाहिए न की चार सवालों के सही जवाबों का.

कौन हैं शिशिर सिन्हा?

  • अध्यक्ष शिशिर सिन्हा 1982 बैच के आईएएस अफसर हैं.
  • आईएएस शिशिर सिन्हा बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं.
  • इन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से पूरी की है.
  • शिशिर दिल्ली के हिंदू कॉलेज से इतिहास विषय में ग्रेजुएट हैं.
    बीपीएससी अध्यक्ष शिशिर सिन्हा
    बीपीएससी अध्यक्ष शिशिर सिन्हा
  • शिशिर कुमार सिन्हा ने स्वीडेन से ह्यूमन राइट्स पर एक शॉर्ट टर्म कोर्स भी किया है.
  • आप श्रेष्ठ अफसरों में गिने जाते हैं.
  • अपने करियर में इन्होंने सरकार के साथ कई महत्वपूर्ण विभागों में प्रशंसनीय योगदान दिया है.
  • शिशिर सिन्हा पूर्व आईएएस अधिकारी और राज्य के विकास आयुक्त रहे हैं. आप बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन के अध्यक्ष भी थे.
  • शिशिर सिन्हा राज्य में कई जिलों के जिलाधिकारी और डिविजनल कमिश्नर के पद पर रहते हुए अपने कुशल नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है.

जारी है आगे की बातचीत, जिसमें बीपीएससी अध्यक्ष शिशिर सिन्हा से परीक्षा में आने वाले गलत सवालों के बारे में क्या राय दी? आगे बीपीएससी का क्या लक्ष्य है? कैसे बोर्ड अब दो से तीन महीने में पूरा परीक्षाफल घोषित कर देगा? बताएंगे गुरुवार शाम पांच बजे, बने रहिए ईटीवी भारत के साथ.

पटना: बिहार लोक सेवा आयोग हमेशा चर्चा में रहा है. हाल के दिनों में बीपीएससी देशभर में मिसाल बन गया है. न सिर्फ इसकी कार्यप्रणाली सही हुई है, बल्कि इसमें पारदर्शिता भी आई है. 16 महीनों में 110 परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित कर बीपीएससी ने एक अलग पहचान बनाई है.

ईटीवी भारत बिहार के ब्यूरो चीफ प्रवीण बागी ने बीपीएससी के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा से खास बातचीत की. प्रवीण बागी ने अध्यक्ष शिशिर सिन्हा से बीपीएससी की बदली हुई तस्वीर के बारे में बातचीत की. इस बाबत शिशिर सिन्हा ने सभी सवालों का तथ्य के साथ जवाब दिया.

जानकारी देते बीपीएसी अध्यक्ष
जानकारी देते बीपीएससी अध्यक्ष

प्रवीण बागी- बिहार लोक सेवा आयोग की तस्वीर को बदलने में क्या-क्या दिक्कतें आईं. इसके लिए क्या-क्या कदम उठाए गए?
शिशिर- संविधान ने हमें संरक्षण दिया है, ये उसी प्रोटक्शन की देन है.

बीपीएससी अध्यक्ष ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि संविधान के अंतर्गत संविधान निर्माताओं ने पब्लिक कमीशन को 100 प्रतिशत संरक्षण दिया है. इसके चलते किसी भी सदस्य या अध्यक्ष को हटाया नहीं जा सकता. अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत राज्यपाल और राष्ट्रपति को भेजते हैं. फिर कोर्ट के आदेश के बाद ही कुछ होता है. ऐसे में जब हम लोगों को इतनी प्रोटेक्शन मिली है, तो हमारा भी दायित्व है कि हम 100 प्रतिशत पारदर्शिता लाएं.

बीपीएससी अध्यक्ष से खास बातचीत

प्रवीण बागी- ये संरक्षण पहले भी थी, तो क्यों बीपीएसी के ऊपर हर रोज नया दाग लगता रहा?
शिशिर- इसके चलते ही तो पूरा सिस्टम बदला गया, अब अध्यक्ष के पास पॉवर न होकर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के पास है.

बीपीएसएसी अध्यक्ष ने कहा कि कि मैंने डेढ़ साल पहले अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया. सेलेक्शन प्रोसेस में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए मैंने सिस्टम बदला. नियुक्ति के लिए मैंने मानव कार्यप्रणाली को दूर कर दिया. अब अध्यक्ष के पास भी नियुक्ति और इंटरव्यू लेने की पॉवर नहीं है.

'हमारी सराहना हुई है...'
शिशिर सिन्हा ने बताया कि अब इंटरव्यू के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर ही इंटरव्यू बोर्ड का गठन करता है. हमने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है जिसकी चर्चा यूपीएसएसी समेत देशभर में हुई है. उन्होंने बताया इससे पारदर्शिता आयी है. कंप्यूटर आधे घंटे पहले ही इंटरव्यू बोर्ड का गठन करता है.

बस इतनी जानकारी, समीक्षा के लिए
बस इतनी जानकारी, समीक्षा के लिए- शिशिर

प्रवीण बागी- तो क्या कैंडिडेट की पहचान कोड से होती है?
शिशिर-
जब कोई अभ्यर्थी सुबह इंटरव्यू के लिए आता है, तो उसकी समीक्षा की जाती है. उसके बाद उन्हें कोड नंबर दिया जाता है. इस दौरान उनके बारे में सिर्फ इतना पता रहता है कि अभ्यर्थी ने कहां से स्नातक किया है. वहीं, कोड सिस्टम की वजह से कोई सदस्य किसी अभ्यर्थी की पैरवी नहीं कर सकता.

अध्यक्ष ने बताया कि दो मीटिंग में अगर इंटरव्यू होता है तो दोनों समय में उक्त सिस्टम लागू होता है. उन्होंने कहा सेकेंड हाफ में इंटरव्यू बोर्ड पूरा बदल जाता है. वहीं, शिशिर सिन्हा ने बताया कि सिर्फ बिहार में ये सिस्टम लागू है. उड़ीसा, हरियाणा और अन्य राज्यों से बोर्ड अध्यक्ष आकर इस सिस्टम का अध्ययन कर रहे हैं. संभवत: धीरे-धीरे सभी राज्यों में ये सिस्टम लागू हो जाएगा.

प्रवीण बागी- 100 से ज्यादा पेंडिंग रिजल्ट को घोषित करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
शिशिर- हम दिन रात काम कर रहे हैं, अप टू डेट हो गए हैं.

बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि हम नौ साल पीछे चल रहे थे. आज के दिन हम अप टू डेट चल रहे हैं. बोर्ड दिन रात काम कर रहा है. 15 अक्टूबर को 65 बैच का एक्जाम आयोजित हो रहा है. हम गर्व से कह सकते हैं कि हम आज अप-टू-डेट हैं.

दिन रात कर रहे मेहनत, अप टू डेट हो गए हैं- शिशिर

प्रवीण बागी- पिछले एक्जाम में फिर एक बार गलत परीक्षाफल का आरोप लगा, क्यों?
शिशिर- संतुष्टि की जांच कर हम सर्टिफिकेट देते हैं. एक्सपर्ट कैंडिडेट की संतुष्टि देख रिजल्ट घोषित करते हैं.

अध्यक्ष ने बताया कि सेवानिवृत्त एक्सपर्ट ही कैंडिडेट का इंटरव्यू ले रहे हैं. उक्त सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम 7 एप्टीट्यूड टेस्ट के जरिए ही मार्क करते हैं. ये बिहार ही नहीं यूपी में भी लागू है. ऐसे में अभ्यर्थियों को एप्टीट्यूड में ध्यान देना चाहिए न की चार सवालों के सही जवाबों का.

कौन हैं शिशिर सिन्हा?

  • अध्यक्ष शिशिर सिन्हा 1982 बैच के आईएएस अफसर हैं.
  • आईएएस शिशिर सिन्हा बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं.
  • इन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से पूरी की है.
  • शिशिर दिल्ली के हिंदू कॉलेज से इतिहास विषय में ग्रेजुएट हैं.
    बीपीएससी अध्यक्ष शिशिर सिन्हा
    बीपीएससी अध्यक्ष शिशिर सिन्हा
  • शिशिर कुमार सिन्हा ने स्वीडेन से ह्यूमन राइट्स पर एक शॉर्ट टर्म कोर्स भी किया है.
  • आप श्रेष्ठ अफसरों में गिने जाते हैं.
  • अपने करियर में इन्होंने सरकार के साथ कई महत्वपूर्ण विभागों में प्रशंसनीय योगदान दिया है.
  • शिशिर सिन्हा पूर्व आईएएस अधिकारी और राज्य के विकास आयुक्त रहे हैं. आप बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन के अध्यक्ष भी थे.
  • शिशिर सिन्हा राज्य में कई जिलों के जिलाधिकारी और डिविजनल कमिश्नर के पद पर रहते हुए अपने कुशल नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है.

जारी है आगे की बातचीत, जिसमें बीपीएससी अध्यक्ष शिशिर सिन्हा से परीक्षा में आने वाले गलत सवालों के बारे में क्या राय दी? आगे बीपीएससी का क्या लक्ष्य है? कैसे बोर्ड अब दो से तीन महीने में पूरा परीक्षाफल घोषित कर देगा? बताएंगे गुरुवार शाम पांच बजे, बने रहिए ईटीवी भारत के साथ.

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Last Updated : Sep 26, 2019, 1:04 PM IST
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