पटना : बिहार में 2016 से ही पूर्ण शराबबंदी है. सरकार की तरफ से लगातार अवैध शराब के कारोबार पर कार्रवाई की जा रही है. नए साल में भी शराब की खरीद फरोख्त हो सकती है. इसलिए मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग अलर्ट पर है. मद्य निषेध और उत्पाद विभाग के मंत्री सुनील कुमार का कहना है कि अभी क्रिसमस के समय भी विभाग ने सतर्कता दिखाई थी और नए साल में भी हमलोग सचेत हैं. विभाग की ओर से जिला अधिकारियों को और पुलिस पदाधिकारी को पत्र भेजा गया है.
शराब की तस्करी पर विभाग की नजर : मंत्री सुनील कुमार के अनुसार एंटी लिकर टास्क फोर्स दूसरे राज्यों से बिहार आने वाली शराब की खेप पर विशेष रूप से नजर बनाए हुए है और अवैध कारोबार में लिप्त ऐसे कारोबारी पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. दूसरे राज्यों से भी गिरफ्तारियां की जा रही है. विभाग की नजर देसी शराब बनाने वालों पर भी है. क्योंकि लगातार जहरीली शराब से भी लोगों की मौत पिछले दिनों हुई है तो नए साल का जश्न गम में न बदल जाये इसके लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
बॉर्डर इलाकों में खास सतर्कता : एंटी लिकर टास्क फोर्स जिसमें एक्साइज और पुलिस विभाग के भी लोग हैं. लगातार नजर बनाए हुए हैं. खासकर बॉर्डर इलाकों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. टीम पूरी तरह से अलर्ट है और लगातार छापेमारी और अन्य कार्रवाईयां की जा रही है. वहीं जीतन मांझी की ओर से गुजरात मॉडल को लागू करने की मांग पर मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत बयान है. जब साथ में थे तो हमेशा समर्थन करते रहे.
"1 जनवरी को पीने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. पहली बार जो पीयेंगे उन्हें बेल मिल जाएगा, लेकिन दूसरी बार उन्हें जेल जाना होगा."- सुनील कुमार, मंत्री, मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग
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