पटना: बिहार के बेगूसराय में 13 सितंबर 2022 को बाइक सवार हथियारबंद अपराधियों ने 40 किलोमीटर तक अंधाधुंध फायरिंग (Begusarai Firing Case) की थी. वारदात के 10 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक पुलिस के द्वारा इस मामले में शामिल दो अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. इस घटना में दो बाइक पर सवार चार अपराधियों के द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 व्यक्ति घायल हुए थे. एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कई वारदात को लेकर बातचीत की.
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केस नंबर 1
बेगूसराय मामले में दो अपराधी अब भी फरार हैं. इस मामले को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा बताया गया कि इस मामले में गोली चलाने वाले दो अपराधी और इस मामले के प्लान दो अपराधी कुल 4 लोगों की गिरफ्तारी अब तक की गई है. हालांकि बिहार पुलिस मुख्यालय का कहना है कि इस गोलीकांड में और जो अपराधी शामिल थे उनकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है और इस मामले का अनुसंधान अभी जारी है. अब सवाल यह उठता है कि आखिर 10 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले का पूर्ण रूप से पुलिस द्वारा नहीं खुलासा किया गया है और ना ही इस बात की पुष्टि की गई है कि आखिर किन कारणों से बेगूसराय में अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था.
केस नंबर 2
आंबेडकर छात्रावास में मारपीट: 18 सितंबर को राजधानी पटना में सुलतानगंज थाना से 100 गज की दूरी पर स्थित राजकीय आंबेडकर कल्याण बालक छात्रावास में रविवार की देर रात स्थानीय दबंगों ने घुसकर फायरिंग कर दहशत फैला दी. इस दौरान छात्रों और दूसरे गुट के बीच मारपीट, फायरिंग और पथराव हुआ. जिसमें दोनों ओर से आधा दर्जन लोग घायल हुए. घायल छात्रों को इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया. सभी घायलों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जाती है.
तीन आरोपी गिरफ्तार: छात्रों की मानें तो दबंग बदमाशों ने पुलिस के साथ भी दुर्व्यवहार किया. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुसूचित जाति की टीम भी पटना पहुंच गई और मामले की जांच शुरू कर दी है. बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में दो एफआईआर दर्ज किया गया है. एक FIR सनी कुमार के द्वारा, जबकि दूसरा अनिल कुमार के द्वारा दर्ज करवाया गया है. जिसके तहत 3 लोगों की गिरफ्तारी की गई है.
आगे की कार्रवाई जारी: पुलिस ने सनी कुमार, अनिल कुमार और एक और व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. फिलहाल स्थिति सामान्य है. दरअसल इस मामले में पुलिस मुख्यालय का कहना है कि उनकी पुत्री के साथ से छेड़खानी की गई थी. जिसके बाद कुछ लोगों ने छात्रावास में फायरिंग, पथराव जैसे घटना को अंजाम दिया था. दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी, जिसको अपराधियों द्वारा स्वीकार किया गया है.
केस नंबर 3
पुलिस कर्मी को हाजत में बंद करने का मामला: बिहार के नवादा जिले में थाने के पुलिसकर्मियों को ही हवालात में बंद करने का मामला सामने आया था. ये घटना 8 सितंबर, गुरुवार रात की है, लेकिन इसका वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ था. मिली जानकारी के मुताबिक नवादा के एसपी गौरव मंगला बीते गुरुवार रात करीब 9 बजे नगर थाने में मामलों की रिव्यू के लिए पहुंचे थे. वहां काम में लापरवाही पाए जाने और एक मामले का समय से निपटारा नहीं करने से नाराज एसपी ने 5 पुलिसकर्मियों को हाजत में बंद किया था. इनमें 2 सब इंस्पेक्टर और 3 एएसआई शामिल थे.
मामले की हो रही जांच: हवालात में बंद पुलिसकर्मियों की सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद घटना का खुलासा हुआ. जानकारी के मुताबिक एसपी ने इन पुलिसकर्मियों को 2 घंटों तक हाजत में बंद रखा था. नवादा मामले को लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र गंगवार की माने तो नवादा घटनाक्रम को लेकर पुलिस महानिरीक्षक गया इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहे हैं. जांच पूरा होने के बाद ही इस मामले का खुलासा किया जा सकता है. बिहार पुलिस मुख्यालय इस पूरे मामले पर अपनी नजर बनाई हुई है. बिहार पुलिस मुख्यालय इस पूरे प्रकरण की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
"उसमें चार अपराधकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से जो मोबाइल बरामद हुआ है. उससे तकनीकी जांच की जा रही है. अभी कौन-कौन शामिल हैं, उसका सबुत आएगा, तो जो भी पुलिस की कार्रवाी होगी, वो पुलिस करेगी."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
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