पटना: कोरोना महामारी के बढ़ते संभावित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. पिछले 24 घंटे में राजधानी पटना में ही सिर्फ 8 नये मामले सामने आए हैं. साथ ही कई अन्य जिलों में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है. इस वजह से बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चुनौती बढ़ गई है. सूबे में महामारी को लेकर सरकार की तैयारियों का जायजा लेने के लिए हमारे ईटीवी भारत संवाददाता ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार से विशेष बातचीत की. आइये जानते हैं महामारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने क्या तैयारियां कर रखी हैं.
सवाल-1 स्वास्थ्य विभाग के लिए पटना क्या एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है?
जवाब- पटना स्थित खाजपुरा में कुल 8 मामले सामने आये हैं, जिनमें एक जगदेवपुर का है. पटना राज्य की राजधानी होने की वजह से घनी आबादी वाला जिला है. हालांकि, हमने सभी कंटेनमेंट करा लिया है. इसी के तहत हमने जितने भी सैंपल लिए थे, उसमें ही पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. इससे साफ होता है कि हम सही ट्रैक पर हैं. कंटेनमेंट को इफेक्टीवली लागू किया जाना है. साथ ही हम ईटीवी भारत के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जा रही गाइडलाइन को फॉलो करने का संदेश भी देना चाहते हैं.
सवाल-2 महामारी का प्रकोप तेजी से नये-नये जिलों में फैल रहा है, क्या लोगों को और ज्यादा सचेत होने की जरूरत है?
जवाब- इसको आप दूसरे नजरिये देखें, अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ों को देखें तो पायेंगे की हमारे यहां केस काफी कम है. अभी हमें सजग रहने की जरूरत है. हम जितना सजग रहेंगे, उतना ही सेफ रहेंगे.
सवाल-3 ग्रामीण क्षेत्रों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की क्या तैयारियां हैं?
जवाब- ग्रामीण क्षेत्रों में स्क्रीनिंग की प्रकिया जोर-शोर से जारी है. साथ ही विदेश और बाहर से आये लोगों की जांच की जा रही है. बाहर से आये लोगों को स्कैनिंग चल रही है साथ ही माइग्रेंट लेबर की तेजी से पहचान करके उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.
सवाल-4 लॉकडॉउन खत्म होने का समय नजदीक है, स्वास्थ्य विभाग के अनुसार लॉकडाउन खत्म करना सही रहेगा?
जवाब- महामारी को नियंत्रित करने के साथ-साथ स्थिति को सामान्य करना भी जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग दोनों के बीच संतुलन बना कर काम कर रही है. ऐसी स्थिति में रेड जोन को कंटेनमेंट करके स्थिति नियंत्रण किया जा रहा है.