पटना: बिहार में अग्निपथ स्कीम योजना के विरोध में उग्र प्रदर्शन (Agnipath Scheme Controversy) किया गया. इस दौरान उपद्रवियों ने कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया. बीते दो दिन में बिहार पुलिस प्रशासन उपद्रवियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए हैं. जिससे प्रदेश में हो रहे उग्र प्रदर्शन पर एक तरह से विराम लग गया है. ऐसे में प्रदेश के 20 जिलों में बाधित इंटरनेट सेवा पहले की तरह ही बहाल कर दिया गया है. फिलहाल पुलिस प्रशासन उन उपद्रवियों को खोजने में जुटी है, जोकि विरोध के आड़ में हिंसा कर रहे थे.
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इंटरनेट सेवा फिर से बहाल: पुलिस मुख्यालय के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह की माने तो प्रदेश में स्थिति अब सामान्य है. जिस वजह से जिन जिलों में इंटरनेट बाधित हुई थी, उन जिलों में आज सुबह से ही इंटरनेट सेवा फिर से बहाल (Internet Started In Bihar) कर दी गई है. फिलहाल विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक प्रदर्शन करने वालों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जा रही है. बताया जा रहा है कि इसके लिए आर्थिक अपराध ईकाई की मदद ली जा रही है. यह यूनिट फोरेंसिक टेक्नोलोजी के मदद से सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी नजर बनाए हुए हैं.
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आर्थिक अपराध ईकाई से मदद: बता दें कि उपद्रवियों के विरुद्ध बिहार पुलिस लगातार कारवाई कर रही है. कार्रवाई और धारदार और पुख्ता साक्ष्य के साथ हो, इसको लेकर बिहार पुलिस के अलावा आर्थिक अपराध इकाई की यूनिट को भी कार्य में लगाया गया है. यह यूनिट फोरेंसिक टेक्नोलॉजी के आधार पर काम कर रही है. एक टीम सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी नजर बनाए हुए है. इसके साथ ही बिहार के जिन-जिन इलाकों में असामाजिक तत्वों ने उपद्रव किया था, उन को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है.
एक हजार लोगों की गिरफ्तारी: बिहार पुलिस मुख्यालय की एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह के मुताबिक अब तक 161 FIR दर्ज की गई है. लगभग एक हजार से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है. जिन पर अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान हिंसा करने का आरोप है. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार अभियान चला रही है. सोशल मीडिया, सीसीटीवी कैमरे और मीडिया रिपोर्ट्स को आधार पर बनाकर आरोपियों को चिन्हित किया जा रहा है. बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल (DGP Sanjeev Kumar Singhal) की माने तो पुलिस साक्ष्य के आधार पर लोगों पर कार्रवाई कर रही है. जल्दी ही हिंसक प्रदर्शन के लिए वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.