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पटना: फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर एडमिशन दिलाने वाले संस्था का भंडाफोड़, EOU ने सरगना को किया गिरफ्तार

पटना में ईओयू ने एक फर्जी संस्था का खुलासा किया (EOU Exposed Fake Education Organization In Patna) है जो फर्जी तरीके से छात्रों का एडमिशन विभन्नों कॉलेज में करवाता था. ये संस्था पटना के बोरिंग कैनाल रोड में चलता था. इसके मालिक का नाम फहीम अहमद बताया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

आर्थिक अपराध इकाई ने पटना में की छापेमारी
आर्थिक अपराध इकाई ने पटना में की छापेमारी
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Published : Dec 4, 2022, 10:47 PM IST

पटना: राजधानी पटना में आर्थिक अपराध इकाई ने छापेमारी की (Economic Offences Unit Raid In Patna) है. आर्थिक अपराध इकाई ने बोरिंग कैनाल रोड पटना के जमुना अपार्टमेंट के सामने एडिक्शन जिम के ऊपर दूसरे तले पर एडमिशन प्रोवाइडर नाम का कार्यालय चलाने की सूचना मिली थी. जिसके मालिक एवं कर्मियों के द्वारा बिहार बोर्ड ओपन स्कूलिंग एग्जामिनेशन के छात्रों का अवैध रूप से नामांकन एवं रजिस्ट्रेशन करवाकर छात्र के स्थान पर किसी अन्य छात्र स्कॉलर को परीक्षा में शामिल करवा कर परीक्षा दिलाया जाता था. और बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एंड एग्जामिनेशन के कर्मियों के साथ मिली भगत कर अवैध रूप से छात्रों को मिले अंक को बढ़ावा कर फर्जी अंक प्रमाण पत्र बनाया जा रहा था.

ये भी पढे़ं- शिक्षा विभाग की डिप्टी डायरेक्टर के ठिकानों पर छापा, आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई

फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाली संस्था पर छापेमारी : मिली जानकारी के अनुसार, फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाली संस्था (Bogus Certificate Maker Organization) असल में फर्जी तरीके से छात्रों को विभिन्न कोर्स में गलत अंक प्रमाण पत्र देकर नामांकन करवा रही थी. एडमिशन प्रोवाइडर के मालिक एवं कर्मियों के द्वारा इसके एवज में छात्रों के अभिभावकों से अवैध रूप से लाखों रुपए की वसूली की जा रही थी. जिसके बाद आर्थिक अपराध इकाई द्वारा इस सूचना के सत्यापन हेतु एक विशेष टीम का गठन किया गया. जांच का सत्यापन के क्रम में एडमिशन प्रोवाइडर के मालिक नसीम मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया है.

गलत प्रमाण पत्र बनाकर दिलाया जाता है एडमिशन : एडमिशन प्रोवाइडर के कार्यालय में कई छात्रों का बिहार बोर्ड आफ ओपन स्कूलिंग एंड एग्जामिनेशन का होलोग्राम कटा हुआ एवं ओरिजंल अंकपत्र पेंसिल से बढ़ाकर अंकित किया हुआ और सुधार हेतु पेंसिल से दूसरा जन्म तिथि आदि अंकित किया हुआ मिला. कई छात्रों का एडमिशन फॉर्म, मनी रिसिप्ट, बुक, विभिन्न लोगों के द्वारा दिया गया विभिन्न रकम का चेक, कई पेनड्राइव, लैपटॉप एवं अन्य कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुआ है. जिन्हें जब्त किया गया है.

EOU के छापेमारी से मचा हड़कंप : पूछताछ में एडमिशन प्रोवाइडर के मालिक फहीम अहमद द्वारा बताया गया है कि जब भी कोई छात्र डॉक्टरी, इंजीनियरिंग आदि में नामांकन करवाने के लिए इनके कार्यालय में संपर्क करते थे तो इनके एकेडमिक्स कैटेगरी आदि की सारी जानकारी प्राप्त कर लेते थे. यदि जानकारी प्राप्त होती थी कि छात्र बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एवं एग्जामिनेशन के 12वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए हैं तो कर्मियों की मदद से उसका नामांकन एवं रजिस्ट्रेशन विभिन्न स्टडी सेंटर के माध्यम से करवा देते हैं. अभियुक्त फहीम अहमद एवं अन्य के विरुद्ध आर्थिक अपराध थाना में मामला दर्ज कर उनके खिलाफ आगे का अनुसंधान किया जा रहा है.

'छात्र से राशि लेकर उसके स्थान पर किसी अन्य छात्र स्कॉलर को परीक्षा में शामिल करवा कर उसे अच्छे नंबरों से 12वीं पास करवा देते हैं. अगर कोई छात्र स्वयं परीक्षा में सम्मिलित होता है या मुझ से कम नंबर आते हैं तो उन छात्रों से राशि लेकर उनके नंबर को आयोग के कर्मियों की मदद से बढ़वा कर, फर्जी अंकपत्र प्रमाण पत्र तैयार करवा देते थे. इससे भविष्य में सत्यापन के समय भी प्रमाण पत्र पकड़ा नहीं जाता था. इन पत्रों के आधार पर छात्रों की इच्छा अनुसार अन्य राज्यों के कॉलेज, विश्वविद्यालय एवं विभिन्न कोर्स में एडमिशन करवा देते थे. और उसके एवज में कोर्स पाठ्यक्रम एवं कॉलेज, विश्वविद्यालय के अनुसार उससे सर्विस चार्ज वसूलते थे.' - फहीम अहमद, अभियुक्त

पटना: राजधानी पटना में आर्थिक अपराध इकाई ने छापेमारी की (Economic Offences Unit Raid In Patna) है. आर्थिक अपराध इकाई ने बोरिंग कैनाल रोड पटना के जमुना अपार्टमेंट के सामने एडिक्शन जिम के ऊपर दूसरे तले पर एडमिशन प्रोवाइडर नाम का कार्यालय चलाने की सूचना मिली थी. जिसके मालिक एवं कर्मियों के द्वारा बिहार बोर्ड ओपन स्कूलिंग एग्जामिनेशन के छात्रों का अवैध रूप से नामांकन एवं रजिस्ट्रेशन करवाकर छात्र के स्थान पर किसी अन्य छात्र स्कॉलर को परीक्षा में शामिल करवा कर परीक्षा दिलाया जाता था. और बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एंड एग्जामिनेशन के कर्मियों के साथ मिली भगत कर अवैध रूप से छात्रों को मिले अंक को बढ़ावा कर फर्जी अंक प्रमाण पत्र बनाया जा रहा था.

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फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाली संस्था पर छापेमारी : मिली जानकारी के अनुसार, फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाली संस्था (Bogus Certificate Maker Organization) असल में फर्जी तरीके से छात्रों को विभिन्न कोर्स में गलत अंक प्रमाण पत्र देकर नामांकन करवा रही थी. एडमिशन प्रोवाइडर के मालिक एवं कर्मियों के द्वारा इसके एवज में छात्रों के अभिभावकों से अवैध रूप से लाखों रुपए की वसूली की जा रही थी. जिसके बाद आर्थिक अपराध इकाई द्वारा इस सूचना के सत्यापन हेतु एक विशेष टीम का गठन किया गया. जांच का सत्यापन के क्रम में एडमिशन प्रोवाइडर के मालिक नसीम मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया है.

गलत प्रमाण पत्र बनाकर दिलाया जाता है एडमिशन : एडमिशन प्रोवाइडर के कार्यालय में कई छात्रों का बिहार बोर्ड आफ ओपन स्कूलिंग एंड एग्जामिनेशन का होलोग्राम कटा हुआ एवं ओरिजंल अंकपत्र पेंसिल से बढ़ाकर अंकित किया हुआ और सुधार हेतु पेंसिल से दूसरा जन्म तिथि आदि अंकित किया हुआ मिला. कई छात्रों का एडमिशन फॉर्म, मनी रिसिप्ट, बुक, विभिन्न लोगों के द्वारा दिया गया विभिन्न रकम का चेक, कई पेनड्राइव, लैपटॉप एवं अन्य कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुआ है. जिन्हें जब्त किया गया है.

EOU के छापेमारी से मचा हड़कंप : पूछताछ में एडमिशन प्रोवाइडर के मालिक फहीम अहमद द्वारा बताया गया है कि जब भी कोई छात्र डॉक्टरी, इंजीनियरिंग आदि में नामांकन करवाने के लिए इनके कार्यालय में संपर्क करते थे तो इनके एकेडमिक्स कैटेगरी आदि की सारी जानकारी प्राप्त कर लेते थे. यदि जानकारी प्राप्त होती थी कि छात्र बिहार बोर्ड ऑफ ओपन स्कूलिंग एवं एग्जामिनेशन के 12वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए हैं तो कर्मियों की मदद से उसका नामांकन एवं रजिस्ट्रेशन विभिन्न स्टडी सेंटर के माध्यम से करवा देते हैं. अभियुक्त फहीम अहमद एवं अन्य के विरुद्ध आर्थिक अपराध थाना में मामला दर्ज कर उनके खिलाफ आगे का अनुसंधान किया जा रहा है.

'छात्र से राशि लेकर उसके स्थान पर किसी अन्य छात्र स्कॉलर को परीक्षा में शामिल करवा कर उसे अच्छे नंबरों से 12वीं पास करवा देते हैं. अगर कोई छात्र स्वयं परीक्षा में सम्मिलित होता है या मुझ से कम नंबर आते हैं तो उन छात्रों से राशि लेकर उनके नंबर को आयोग के कर्मियों की मदद से बढ़वा कर, फर्जी अंकपत्र प्रमाण पत्र तैयार करवा देते थे. इससे भविष्य में सत्यापन के समय भी प्रमाण पत्र पकड़ा नहीं जाता था. इन पत्रों के आधार पर छात्रों की इच्छा अनुसार अन्य राज्यों के कॉलेज, विश्वविद्यालय एवं विभिन्न कोर्स में एडमिशन करवा देते थे. और उसके एवज में कोर्स पाठ्यक्रम एवं कॉलेज, विश्वविद्यालय के अनुसार उससे सर्विस चार्ज वसूलते थे.' - फहीम अहमद, अभियुक्त

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