पटना: बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने राज्य के 3 जिला पटना गया और मुजफ्फरपुर में मास्टर प्लान सीमाकन क्षेत्र में 22 तरह के उद्योग स्थापना पर पाबंदी लगाई गई है. इस फैसले पर बिहार के उद्यमियों ने एतराज जताया है.
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने कहा कि इस तरीके के फैसले को लेने से पहले केंद्र सरकार और राज्य सरकार को आपस में तालमेल करना चाहिए. साथ ही उद्यमियों के साथ बैठकर इस पर बातचीत करनी चाहिए. इसमें कहीं से कोई तालमेल नहीं दिख रहा. इस फैसले से बिहार के उद्यमियों को काफी नुकसान होगा. बिहार में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. अगर उद्योग लगेंगे नहीं तो लोगों को रोजगार कहां से मिलेगा.
वहीं, उद्योगपति आशीष रोहतगी ने बताया कि बिहार में अभी बाजार में पैसे कम है और उद्योगों की संख्या भी काफी कम है. ऐसे में जो लोग चल रहे हैं उन्हें यहां चले जाना पड़ेगा, तो उनका पैसा भी बर्बाद होगा. इससे उद्यमियों को काफी परेशानी होगी. इसलिए सरकार को चाहिए कि इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और इसका कोई समाधान निकाला जाए. अन्यथा आने वाले समय में उद्यमियों को काफी परेशानी होगी. उद्योग सही तरीके से नहीं चलेगा तो रोजगार की भी कमी होगी और बिहार में कैपिटल की भी.