पटना: बिहार के कांटी और बरौनी बिजली घर ( Kanti and Barauni Power House ) को बंद करने की तैयारी हो रही है. एनटीपीसी ( NTPC ) अधिकारियों के अनुसार, कांटी और बरौनी बिजली घर पुरानी इकाई होने के कारण उत्पादन लागत काफी अधिक है और इससे प्रदूषण फैल रहा है और छोटी इकाई को बंद करने का पहले ही फैसला हो चुका है. 110 मेगावाट की दो इकाई से यहां बिजली उत्पादन हो रहा है.
1985 में जॉर्ज फर्नांडिस के प्रयास से बिजली घर की स्थापना हुई थी. उसमें 50 मेगा वाट की दो इकाई यहां शुरू हुआ था लेकिन 2002 -2003 में बिजली उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया लेकिन 2005-06 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) के प्रयास से 472.80 करोड़ में मरम्मत करने का निर्णय लिया गया.
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2013 में पहली यूनिट से उत्पादन भी शुरू हुआ और 2015 के बाद दूसरी इकाई से भी उत्पादन शुरू हुआ है अभी 220 मेगावाट बिजली इससे बिहार को मिलता है लेकिन 25 साल पुराने इस इकाई को अब एनटीपीसी बंद करने जा रही है.
जानकारी के अनुसार, बिहार ने कांटी से बिजली लेना भी इस महीने से बंद कर दिया है, लेकिन बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव ( Energy Minister Vijendra Yadav ) कह रहे हैं कि मुझे कोई जानकारी नहीं है इस मामले में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ही कुछ बताएंगे क्योंकि बिहार सरकार ने एनटीपीसी को बिजलीघर दे दिया है.
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बिहार को बिजली की किल्लत हो सकती है? इस सवाल पर मंत्री विजेंद्र यादव का कहना है कि बिजली बाजार से खरीदी जाएगी. ऐसे बिहार में नवीनगर की नई इकाई भी जल्द चालू हो रही है तो उससे बिहार को बिजली मिलने वाली है.
गौरतलब है कि कांटी बिजली घर मुजफ्फरपुर में है और उसके बंद होने के बाद बरौनी बिजली घर भी एनटीपीसी बंद करेगी, लेकिन बिहार के ऊर्जा मंत्री इससे पूरी तरह अनभिज्ञ हैं और कह रहे हैं कि जानकारी लेने के बाद ही कुछ बता पाएंगे.