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रेलवे निजीकरण के विरोध में रेल कर्मियों का पटना जंक्शन पर प्रदर्शन

इस प्रदर्शन में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव सहायक महामंत्री एसएसडी मिश्रा समेत संगठन के कई अधिकारी मौजूद रहे.

रेलवे निजीकरण का विरोध
रेलवे निजीकरण का विरोध
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Published : Sep 19, 2020, 11:05 PM IST

पटना: रेलवे के निजीकरण के विरोध में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के दिशा निर्देश पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन पटना शाखा द्वारा 14 सितंबर से 19 सितंबर तक जन जागरण सप्ताह मनाया गया.

इस कार्यक्रम के आखिरी दिन शनिवार को ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले रेल कर्मियों ने पटना जंक्शन पर काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया.

रेलवे निजीकरण का विरोध

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने कहा कि जनवरी में सरकार से ट्रेड यूनियन की बात हुई, उसमें उन्होंने खुले तौर पर निजीकरण का विरोध किया था. जिसके बाद रेल मंत्रालय से उन्हें आश्वासन मिला था कि रेलवे का निजीकरण नहीं होगा, मगर बाद में यह देखने को मिला कि डेढ़ सौ ट्रेनों को निजी क्षेत्रों में सौंप दिया गया जबकि 50 स्टेशनों को भी निजी क्षेत्रों को देने को प्रस्तावित किया गया.

देखें रिपोर्ट.

हमारी मांगों पर अमल करे सरकार

ईसीआरकेयू के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा रेल कर्मचारियों के 50-55 वर्ष उम्र से अधिक होने और 30 वर्ष की ड्यूटी पूरी कर चुके कर्मियों के जबरन सेवानिवृत्ति का वह पुरजोर विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि वह सरकार से पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू कराने की भी मांग करते हैं और महामारी के समय रेल कर्मियों का महंगाई भत्ता बंद किया गया है वह उसे पुनः बहाल करने की सरकार से मांग करते हैं.

पटना: रेलवे के निजीकरण के विरोध में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के दिशा निर्देश पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन पटना शाखा द्वारा 14 सितंबर से 19 सितंबर तक जन जागरण सप्ताह मनाया गया.

इस कार्यक्रम के आखिरी दिन शनिवार को ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के बैनर तले रेल कर्मियों ने पटना जंक्शन पर काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया.

रेलवे निजीकरण का विरोध

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने कहा कि जनवरी में सरकार से ट्रेड यूनियन की बात हुई, उसमें उन्होंने खुले तौर पर निजीकरण का विरोध किया था. जिसके बाद रेल मंत्रालय से उन्हें आश्वासन मिला था कि रेलवे का निजीकरण नहीं होगा, मगर बाद में यह देखने को मिला कि डेढ़ सौ ट्रेनों को निजी क्षेत्रों में सौंप दिया गया जबकि 50 स्टेशनों को भी निजी क्षेत्रों को देने को प्रस्तावित किया गया.

देखें रिपोर्ट.

हमारी मांगों पर अमल करे सरकार

ईसीआरकेयू के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा रेल कर्मचारियों के 50-55 वर्ष उम्र से अधिक होने और 30 वर्ष की ड्यूटी पूरी कर चुके कर्मियों के जबरन सेवानिवृत्ति का वह पुरजोर विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि वह सरकार से पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू कराने की भी मांग करते हैं और महामारी के समय रेल कर्मियों का महंगाई भत्ता बंद किया गया है वह उसे पुनः बहाल करने की सरकार से मांग करते हैं.

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