पटना: कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन है. आने वाले दिनों में कई राज्यों में चुनाव होने हैं. चुनाव के स्वरूप को लेकर चर्चा भी होने लगी है. जब तक कोरोना वायरस का खतरा देश में है. तब तक देश में ना तो बड़ी रैलियां होंगी और ना ही नेता चुनावी सभाएं कर सकेंगे.
बता दें कि कोरोना वायरस के खतरों के बीच चुनाव भी दस्तक दे रही है. बिहार सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन अब चुनाव का स्वरूप बदल जाएगा. देश में अब न ही बड़ी रैलियां होंगी ना ही हेलिकॉप्टर का उपयोग होगा. भविष्य में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल चुनाव पर देखा जा सकेगा.
'डिजिटल हो सकता है चुनाव का स्वरूप'
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मानते हैं कि चुनाव का स्वरूप बदलेगा. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण के राज्यों में चुनाव बेहद खर्चीला होता है और लोग वहां घर-घर पैसा पहुंचा देते हैं. टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जब होगा तो संभव है कि वह इसका दुरुपयोग करें, लेकिन पैसों के बल पर चुनाव नहीं जीता जा सकता है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि संभव है कि आने वाले दिनों में बूथ पर वोटर को जाने की जरूरत ही न पड़े. इस बार चुनाव का स्वरूप डिजिटल हो सकता है. पुराने तरीके बदल जाएंगे. इसकी संभावना से भी आप इनकार नहीं कर सकते हैं.