पटना: बिहार में निष्पक्ष चुनाव कराना राजनीतिक दल और चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती हुआ करती है. लोकसभा चुनाव को लेकर राज्य के अंदर तैयारी शुरू हो गई है. चुनाव आयोग 22 जनवरी को बैठक करने जा रही है और तैयारी के बाबत समीक्षा भी किया जाएगा.
चुनाव की तैयारी में जुटा आयोग: राजनीतिक दल भी तैयारी में जुट गए हैं. बिहार के ज्यादातर बूथों पर किसी भी राजनीतिक दल के पास ना तो अधिकृत और ना ही दूसरे नंबर का बूथ लेवल यानी कि बीएलए तैनात किया जा सकता है. भाजपा के पास सबसे अधिक बूथ लेवल के एजेंट हैं. दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय जनता दल है.
बीजेपी के पास सबसे ज्यादा बूथ एजेंट: भारतीय जनता पार्टी के पास राजभर में सर्वाधिक 44183 बूथों के लिए बूथ लेवल एजेंट 2 की नियुक्ति की जा चुकी है. दूसरे स्थान पर राष्ट्रीय जनता दल जिसके पास 35170 बूथ लेवल एजेंट है. जदयू के बूथ लेवल एजेंट दो की संख्या 10526 है तो कांग्रेस के पास सिर्फ 1106 बूथ लेवल एजेंट हैं.
मतदाता सूची को दिया जा रहा अंतिम रूप: बिहार में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए वर्तमान में कुल 77221 बूथ स्थापित किए गए हैं. चुनाव आयोग तमाम राजनीतिक दलों से यह उम्मीद करता है कि तमाम दलों के बूथ एजेंट हर बूथ पर मौजूद हों ताकि निष्पक्ष चुनाव कराया जा सके. चुनाव आयोग भी तैयारी में जुट गई है. मतदाता सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
25 लाख नए मतदाताओं का नाम शामिल: 22 जनवरी 2024 को बैठक आयोजित की गई है. सभी जिलों से प्राप्त आवेदनों के अनुसार मतदाता सूची में नए नाम को शामिल करने का काम अंतिम चरण में है. अब तक 25 लाख नए मतदाताओं का नाम शामिल किया गया है. इसके अलावा मृतक मतदाताओं का नाम भी सूची से हटाए जाने का काम अंतिम चरण में है.
"चुनाव को लेकर तमाम तरह की तैयारी की जा रही है. मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके अलावा तमाम बूथों पर सुरक्षा के इंतजाम और जरूरी लॉजिस्टिक्स को उपलब्ध कराया जाना चुनाव के लिए चुनौती है. एक सांसद 80 लाख रुपए खर्च कर सकते हैं. इसमें आयोग की ओर से कोई तब्दीली नहीं हुई है."-राजीव कुमार, संयोजक, बिहार इलेक्शन वॉच
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