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पटना में दिख रहा नाइट कर्फ्यू का असर, सडकें सुनसान , लोगों के कहा- यही ठीक है लॉकडाउन समाधान नहीं

ऐसा नहीं है कि लोग नाइट कर्फ्यू का सही से पालन नहीं कर रहे हैं. शाम के 6 बजते ही पटना की सड़कें सुनसान हो जा रही हैं. लोग कह रहे हैं यही ठीक है, लॉकडाउन समस्या का समाधान नहीं है.

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Published : May 1, 2021, 10:26 PM IST

पटना: राजधानी पटना में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कोरोना गाइडलाइन के तहत सारे मार्केट शाम 4 बजे ही बन्द ही जाते हैं. साथ ही शाम 6 बजे के बाद नाइट कर्फ्यू लगाकर आने जाने पर भी पाबंदी लगाई जा रही है. लोग घर से ना निकलें, प्रशासन इसको लेकर शाम 6 बजे के बाद सक्रिय हो जाता है. राजधानी की सड़कों पर सन्नाटा पसरा नजर आता है.

कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक जो पहल सरकार ने किया है. उससे पटना में मरीजों की संख्या में कहीं से भी कमी नहीं दिखाई पड़ती दिख रही है. स्थानीय लोगों का भी मानना है कि जरूरी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए.

ये भी पढ़ें: जेल और अस्पताल में लगाते थे 'दरबार', एसपी पर भी कर चुके हैं वार, जानिए शहाबुद्दीन का अब तक का सफर

उपेन्द्र सिंह का कहना है कि अभी जो हालात हैं. उसमें डॉक्टर, नर्स से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मी को ईमानदारी से काम करने की जरूरत है, जिससे मरीजों को या उनके परिजन को कोई समस्या नहीं हो. साथ ही मधुमेह या ब्लड प्रेशर सहित अन्य बीमारी से जो मरीज पहले से ग्रसित हैं. उन्हें प्रॉपर देखभाल की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि कोविड के जो भी मरीज हैं. उनके साथ एक अटेंडेंट रहें. इसकी किसी तरह व्यवस्था किया जाय, जिससे मरीज़ों को परेशानी नहीं होगी.

पटना: राजधानी पटना में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कोरोना गाइडलाइन के तहत सारे मार्केट शाम 4 बजे ही बन्द ही जाते हैं. साथ ही शाम 6 बजे के बाद नाइट कर्फ्यू लगाकर आने जाने पर भी पाबंदी लगाई जा रही है. लोग घर से ना निकलें, प्रशासन इसको लेकर शाम 6 बजे के बाद सक्रिय हो जाता है. राजधानी की सड़कों पर सन्नाटा पसरा नजर आता है.

कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक जो पहल सरकार ने किया है. उससे पटना में मरीजों की संख्या में कहीं से भी कमी नहीं दिखाई पड़ती दिख रही है. स्थानीय लोगों का भी मानना है कि जरूरी सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए.

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उपेन्द्र सिंह का कहना है कि अभी जो हालात हैं. उसमें डॉक्टर, नर्स से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मी को ईमानदारी से काम करने की जरूरत है, जिससे मरीजों को या उनके परिजन को कोई समस्या नहीं हो. साथ ही मधुमेह या ब्लड प्रेशर सहित अन्य बीमारी से जो मरीज पहले से ग्रसित हैं. उन्हें प्रॉपर देखभाल की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि कोविड के जो भी मरीज हैं. उनके साथ एक अटेंडेंट रहें. इसकी किसी तरह व्यवस्था किया जाय, जिससे मरीज़ों को परेशानी नहीं होगी.

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