ETV Bharat / state

किसानों की मेहनत बेकार, लॉकडाउन के बीच उम्मीद से ज्यादा उत्पादन के बावजूद नहीं मिल रही सही कीमत

लॉकडाउन के बावजूद किसानों ने फसल का रिकॉर्ड उत्पादन किया है. अब उन्हें बाजार और न्यूनतम समर्थन मूल्य का इंतजार है. हालांकि किसानों की मदद के लिए सरकार ने कोशिशें तेज कर दी है.

author img

By

Published : Jun 9, 2020, 6:24 PM IST

Updated : Jun 15, 2020, 6:21 PM IST

farmers of bihar
farmers of bihar

पटना: देश में जारी लॉकडाउन के बीच तमाम परेशानियों के बावजूद बिहार के मेहनतकश किसानों ने अपने खेतों में पसीना बहाकर फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन किया. सरकार भी बेहतर उपज से खासी उत्साहित दिख रही है. हालांकि उत्पादन के बाद फसलों को बाजार तक पहुंचाना और किसानों को उसकी सही कीमत दिलाना अभी भी बड़ी चुनौती है.

कोरोना वायरस और लॉकडाउन में अन्नदाता परेशान
कोरोना वायरस और लगातार जारी लॉकडाउन के कारण फसलों के अच्छे उत्पादन के बाद भी किसानों की मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही है. फसल बेचने के लिए न तो उन्हें बाजार मिल रहा है और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य. इन सबसे इतर किसानों ने खेती के लिए पहले से ही बैंकों और साहूकार से लोन ले रखा हैं. मौजूदा हालातों में इसकी अदायगी भी नहीं हो पा रही है. ऐसे में अन्नदाता परेशान हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

10 लाख किसानों को मिली 10 हजार करोड़ की केसीसी
हालांकि किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकार की ओर से कई तरह की पहल शुरू कर दी गई है. बिहार की करीब 79 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है. ऐसे में उनकी परेशानी को समझते हुए कृषि विभाग ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 10 लाख किसानों को 10,000 करोड़ की नई किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी देने की योजना बनाई है. जिसके लेकर ऑनलाइन काम जारी है. अब तक 166000 किसानों को कर्ज़ मिल भी चुका है. जिसकी पूरी राशि 1600 करोड़ के आसपास है.

farmers of bihar
मंत्री नीरज कुमार

सरकार की दलील
कृषि मंत्री प्रेम कुमार कहते हैं कि हम किसानों की चिंता समझते हैं. यही वजह है कि लगातार ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं. मंत्री नीरज कुमार के मुताबिक सरकार किसानों को लेकर काफी गंभीर है. इसीलिए आपदा की स्थिति में 5 लाख 61 हजार किसानों को राहत पहुंचाई जा चुकी है. अब तक बिहार के किसानों को 5915 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति राशि के रूप में दी जा चुकी है.

farmers of bihar
कृषि मंत्री प्रेम कुमार

विपक्ष का आरोप
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्र और बिहार सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार किसानों के हित के चाहे लाख दावे करे लेकिन हकीकत यही है कि उसे किसानों की जरा भी फिक्र नहीं है.

farmers of bihar
आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र

विशेषज्ञों की राय
बिहार राज्य किसान सभा के सचिव रविंद्र नाथ राय कहते हैं कि किसानों को कर्ज देने से समस्या का समाधान नहीं होगा. सरकार को फिलहाल अनाज के लिए मंडी खोलने की व्यवस्था करनी चाहिए. कृषि और आर्थिक मामलों के जानकार डीएम दिवाकर भी मानते हैं कि सिर्फ लोन देना किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो सकता.

farmers of bihar
रविंद्र नाथ राय, किसान सभा के सचिव

किसानों को सरकारी मदद की दरकार
जाहिर है सरकारी स्तर पर जो प्रयास हो रहे हैं, उससे आने वाले वक्त में तो किसानों को मदद मिल सकती है. मगर फिलहाल किसानों को राहत तब मिलेगी जब उनकी फसलों की उचित कीमत उन्हें मिलेगी. ऐसे में किसानों को सरकारी मदद की दरकार है.

पटना: देश में जारी लॉकडाउन के बीच तमाम परेशानियों के बावजूद बिहार के मेहनतकश किसानों ने अपने खेतों में पसीना बहाकर फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन किया. सरकार भी बेहतर उपज से खासी उत्साहित दिख रही है. हालांकि उत्पादन के बाद फसलों को बाजार तक पहुंचाना और किसानों को उसकी सही कीमत दिलाना अभी भी बड़ी चुनौती है.

कोरोना वायरस और लॉकडाउन में अन्नदाता परेशान
कोरोना वायरस और लगातार जारी लॉकडाउन के कारण फसलों के अच्छे उत्पादन के बाद भी किसानों की मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही है. फसल बेचने के लिए न तो उन्हें बाजार मिल रहा है और न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य. इन सबसे इतर किसानों ने खेती के लिए पहले से ही बैंकों और साहूकार से लोन ले रखा हैं. मौजूदा हालातों में इसकी अदायगी भी नहीं हो पा रही है. ऐसे में अन्नदाता परेशान हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

10 लाख किसानों को मिली 10 हजार करोड़ की केसीसी
हालांकि किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकार की ओर से कई तरह की पहल शुरू कर दी गई है. बिहार की करीब 79 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है. ऐसे में उनकी परेशानी को समझते हुए कृषि विभाग ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 10 लाख किसानों को 10,000 करोड़ की नई किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी देने की योजना बनाई है. जिसके लेकर ऑनलाइन काम जारी है. अब तक 166000 किसानों को कर्ज़ मिल भी चुका है. जिसकी पूरी राशि 1600 करोड़ के आसपास है.

farmers of bihar
मंत्री नीरज कुमार

सरकार की दलील
कृषि मंत्री प्रेम कुमार कहते हैं कि हम किसानों की चिंता समझते हैं. यही वजह है कि लगातार ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी परेशानियों को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं. मंत्री नीरज कुमार के मुताबिक सरकार किसानों को लेकर काफी गंभीर है. इसीलिए आपदा की स्थिति में 5 लाख 61 हजार किसानों को राहत पहुंचाई जा चुकी है. अब तक बिहार के किसानों को 5915 करोड़ रुपए क्षतिपूर्ति राशि के रूप में दी जा चुकी है.

farmers of bihar
कृषि मंत्री प्रेम कुमार

विपक्ष का आरोप
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्र और बिहार सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि सरकार किसानों के हित के चाहे लाख दावे करे लेकिन हकीकत यही है कि उसे किसानों की जरा भी फिक्र नहीं है.

farmers of bihar
आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र

विशेषज्ञों की राय
बिहार राज्य किसान सभा के सचिव रविंद्र नाथ राय कहते हैं कि किसानों को कर्ज देने से समस्या का समाधान नहीं होगा. सरकार को फिलहाल अनाज के लिए मंडी खोलने की व्यवस्था करनी चाहिए. कृषि और आर्थिक मामलों के जानकार डीएम दिवाकर भी मानते हैं कि सिर्फ लोन देना किसानों की समस्या का समाधान नहीं हो सकता.

farmers of bihar
रविंद्र नाथ राय, किसान सभा के सचिव

किसानों को सरकारी मदद की दरकार
जाहिर है सरकारी स्तर पर जो प्रयास हो रहे हैं, उससे आने वाले वक्त में तो किसानों को मदद मिल सकती है. मगर फिलहाल किसानों को राहत तब मिलेगी जब उनकी फसलों की उचित कीमत उन्हें मिलेगी. ऐसे में किसानों को सरकारी मदद की दरकार है.

Last Updated : Jun 15, 2020, 6:21 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.