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Kurhani by election effect: जेडीयू कार्यालय में सन्नाटा, जनसुनवाई में नहीं पहुंचे मंत्री

जेडीयू ने कुढ़नी उपचुनाव को प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है. इस कारण वहां अपने वरिष्ठ नेता और मंत्रियों की पूरी फौज प्रचार के लिए उतार दी है. इसका साइड इफेक्ट जेडीयू के कार्यालय (effect of Kurhani by election in JDU office ) में भी दिख रहा है. आज जनसुनवाई कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, परिवहन मंत्री शीला मंडल और मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को आना था, लेकिन चुनाव प्रचार में लगे होने के कारण यहां कोई नहीं पहुंचे. पढ़ें पूरी खबर..

जेडीयू कार्यालय में कुढ़नी उपचुनाव का साइड इफेक्ट
जेडीयू कार्यालय में कुढ़नी उपचुनाव का साइड इफेक्ट
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Published : Dec 1, 2022, 2:11 PM IST

पटनाः बिहार में कुढ़नी उपचुनाव (Kurhani by election)को लेकर जेडीयू ने प्रचार में पूरी ताकत लगा दी है. चुनाव प्रचार में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के साथ पार्टी के अधिकांश मंत्री और नेता कुढ़नी में ही डेरा डाले हुए हैं. इसका असर पार्टी कार्यालय में भी दिख रहा है. पार्टी कार्यालय पूरी तरह से सुनसान है. यही वजह रही कि आज जनसुनवाई कार्यक्रम में भी कोई मंत्री नहीं पहुंचे.

ये भी पढ़ेंः कुढ़नी उपचुनाव बिहार का नहीं देश का चुनाव है- जगदानंद सिंह

जनसुनवाई कार्यक्रम में नहीं पहुंचे मंत्रीः जेडीयू कार्यालय में आज जनसुनवाई कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, परिवहन मंत्री शीला मंडल और मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को आना था, लेकिन चुनाव प्रचार में लगे होने के कारण मंत्री जन सुनवाई कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 30 नवंबर को ललन सिंह के साथ प्रचार किया और अब दो दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ चुनाव प्रचार करेंगे. उसको लेकर भी पार्टी के नेता वहां तैयारी में लगे हुए हैं.

कुढ़नी में लगाई गई है सभी नेताओं की ड्यूटीः जेडीयू ने कुढ़नी उपचुनाव को प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है. ऐसे तो आरजेडी के विधायक अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद कुढ़नी का सीट खाली हुआ है, लेकिन सीटिंग सीट होने के बावजूद आरजेडी ने जेडीयू को यह सीट दिया है. महागठबंधन में नीतीश कुमार के जाने के बाद जेडीयू के लिए यह पहला चुनाव होगा और इसलिए हर हाल में जेडीयू इसे जीतने की कोशिश में लगी है. इसलिए पार्टी ने अपने विधायकों मंत्रियों और पार्टी के नेताओं को कुढ़नी में ही तीन दिसंबर तक रहने का निर्देश दिया है.


पटनाः बिहार में कुढ़नी उपचुनाव (Kurhani by election)को लेकर जेडीयू ने प्रचार में पूरी ताकत लगा दी है. चुनाव प्रचार में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के साथ पार्टी के अधिकांश मंत्री और नेता कुढ़नी में ही डेरा डाले हुए हैं. इसका असर पार्टी कार्यालय में भी दिख रहा है. पार्टी कार्यालय पूरी तरह से सुनसान है. यही वजह रही कि आज जनसुनवाई कार्यक्रम में भी कोई मंत्री नहीं पहुंचे.

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जनसुनवाई कार्यक्रम में नहीं पहुंचे मंत्रीः जेडीयू कार्यालय में आज जनसुनवाई कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव, परिवहन मंत्री शीला मंडल और मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री सुनील कुमार को आना था, लेकिन चुनाव प्रचार में लगे होने के कारण मंत्री जन सुनवाई कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 30 नवंबर को ललन सिंह के साथ प्रचार किया और अब दो दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ चुनाव प्रचार करेंगे. उसको लेकर भी पार्टी के नेता वहां तैयारी में लगे हुए हैं.

कुढ़नी में लगाई गई है सभी नेताओं की ड्यूटीः जेडीयू ने कुढ़नी उपचुनाव को प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है. ऐसे तो आरजेडी के विधायक अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद कुढ़नी का सीट खाली हुआ है, लेकिन सीटिंग सीट होने के बावजूद आरजेडी ने जेडीयू को यह सीट दिया है. महागठबंधन में नीतीश कुमार के जाने के बाद जेडीयू के लिए यह पहला चुनाव होगा और इसलिए हर हाल में जेडीयू इसे जीतने की कोशिश में लगी है. इसलिए पार्टी ने अपने विधायकों मंत्रियों और पार्टी के नेताओं को कुढ़नी में ही तीन दिसंबर तक रहने का निर्देश दिया है.


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