पटना: केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने सरकार की कामगार, किसान और जन विरोधी नीतियों के विरोध (Protest Against Government Policies in Bihar) में आज से 29 मार्च तक देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. ट्रेड यूनियनों की हड़ताल (Trade Unions Strike) से बैंकिंग सेवाएं 29 मार्च तक प्रभावित रहेंगी. श्रमिक संगठनों के बयान के अनुसार, सरकार की नीतियों के खिलाफ निजीकरण चार श्रम कोड के अलावा 12 सूत्री मांगों को लेकर 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन और सैकड़ों ट्रेड यूनियनों ने इस बंद का आह्वान किया है. दो दिवसीय हड़ताल के कारण 20 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है. हालांकि, इस हड़ताल में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल नहीं है. बैंकिंग उद्योग के तीन प्रमुख संगठन एआईबीईए, एआईबीओए और बेफी की ओर से हड़ताल का आह्वान करने से स्टेट बैंक को छोड़कर सभी व्यावसायिक बैंक, ग्रामीण बैंक और पोस्ट ऑफिस के अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर हैं.
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ये हैं प्रमुख मांगें: 4 श्रमिक कोर्ड निरस्त करने, रक्षा क्षेत्र में हड़ताल पर रोकने वाले कानून को निरस्त करने, कृषि कानून को रद्द करने, बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने, मनरेगा के लिए आवंटन में वृद्धि, शहरी क्षेत्र में रोजगार गारंटी, आंगनवाड़ी, आशा मध्यान्ह भोजन, योजना वर्करों मजदूर का दर्जा देने, फ्रंटलाइन वर्करों को उचित सुरक्षा बीमा देने सहित 12 सूत्री मांगें शामिल हैं.
केंद्रीय कामगार यूनियनओं की आज से दो दिवसीय हड़ताल है. जिसको लेकर राज्यभर के सभी 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन और सैकड़ों ट्रेड यूनियन सुबह से ही सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन और सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी करते दिख रहे हैं. इसी क्रम में राजधानी पटना समेत मसौढ़ी में भी सुबह से ही लोग सड़क पर उतर कर झंडा बैनर के साथ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए नजर आए हैं. एक्टू एवं केंद्रीय श्रमिक संगठन के लोग उतर कर विरोध प्रदर्शन करते हुए कर्पूरी चौक अनुमंडल चौराहा रेलवे स्टेशन और रेलवे गुमटी चौराहा के पास में प्रदर्शन करते नजर आए हैं. अपनी 12 सूत्री मांगों को लेकर आज दो दिवसीय हड़ताल और विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
जहानाबाद में प्रदर्शनकारियों ने रोकी ट्रेन: जहानाबाद में संयुक्त ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न संगठन के कार्यकर्ताओं ने गया-पटना रेलखंड ट्रेन रोककर जमकर प्रदर्शन (Protest By Stopping Train In Jehanabad) किया है. कार्यकर्ताओं ने जहानाबाद स्टेशन पर सोमवार को सुबह इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे संगठन के नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार गरीब विरोधी है. मजदूरों को सभी अधिकारों से वंचित करते जा रही है. इसी के खिलाफ संयुक्त ट्रेड यूनियन के आह्वान पर पूरे देश में दो दिनों का हड़ताल रखा गया है. जिसमें सभी बैंक और विभिन्न संस्थाएं हड़ताल में शामिल है.
कई प्रदर्शनकारी पुलिस की हिरासत में: जहानाबाद में भारत बंद को लेकर सुबह से ही प्रदर्शन जारी है. ट्रैक जाम रहने की सूचना पर रेल पुलिस मौके पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर रेल परिचालन शुरू करने का प्रयास करने लगी. लेकिन प्रदर्शनकारी रेलखंड पर खड़े होकर प्रदर्शन कर रहे हैं और उन लोगों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम लोग आंदोलन जारी रखेंगे. इस दौरान आरपीएफ के पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रेलखंड से जबरन हटा कर परिचालन को शुरू कराया और लगभग आधा दर्जन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है. इन लोगों के खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है.
अररिया के बैंक कर्मी गए दो दिनों की हड़ताल पर: अररिया में पुरानी पेंशन नीति को लागू करवाने की मांग को लेकर और निजीकरण के विरोध में बैंक कर्मी गए हड़ताल पर हैं. बैंक कर्मियों की मांग है कि सरकार जो नेशनलाइज बैंकों को निजीकरण कर रही है उसको बंद करे और जो पुरानी पेंशन योजना थी उसे लागू करें. इन्हीं सब मांगों को लेकर अररिया के तकरीबन दो दर्जन से अधिक बैंक हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल कर्मियों ने बताया कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो हमारा आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. जिले में बैंकों के बंद रहने से एटीएम सेवा भी प्रभावित होगी.
नालंदा में डाकघर से जुड़ी सेवाएं प्रभावित: भारत बंद का असर प्रदेश के साथ-साथ नालंदा जिले में भी देखने को मिल रहा है. नालंदा में डाक कर्मचारियों के हड़ताल में शामिल होने से डाकघर से जुड़ी सेवाएं पूरी तरह प्रभावित है. जिसमें बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के कुछ संगठन ने भी आंदोलन को समर्थन किया है. मुख्यतः निजीकरण, रिक्तियों को संविदा पर बहाली को परमानेंट करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, नए श्रम क़ानून को वापस करने और बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी सहित 12 मुद्दों को लेकर यह दो दिवसीय हड़ताल किया गया है. इस दो दिवसीय बंदी से जहां आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है, तो वहीं करोड़ों का नुकसान भी होने का अनुमान है.
भारत बंद से बैंकिंग सेवाएं प्रभावित: 4 दिनों तक बैंक बंद रहने से आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कयास लगाया जा रहा है कि दो दिवसीय हड़ताल के कारण राज्य में 50 हजार करोड़ का कारोबार बाधित होगा. बता दें कि बैंकों के निजीकरण के खिलाफ ये कोई पहली बार नहीं है कि बैंकों को बंद का आह्वान किया गया है. इससे पहले भी कई बार बैंक कर्मचारियों द्वारा बैंकों के निजीकरण का विरोध किया गया है.
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