पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2021 का परीक्षा फल जारी कर दिया. परीक्षा फल जारी होने के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रेस वार्ता की और इस दौरान कहा कि यह प्रदेश के लिए काफी अच्छी बात है कि कोरोना काल में भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने समय पर मैट्रिक और इंटर के परीक्षा आयोजित कराये और रिजल्ट भी काफी रिकॉर्ड समय में प्रकाशित किया है. इस उपलब्धि के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सभी लोग बधाई के पात्र हैं.
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'इस बार मैट्रिक की परीक्षा में 78.17 फीसदी छात्र सफल हुए हैं और यह सफलता का काफी अच्छा प्रतिशत है. इस बार टॉप 10 में 101 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हैं. यह इस बात को दर्शाता है कि प्रदेश के छात्रों में ऊंचा स्थान प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ी है. 484 से 475 अंक के बीच में 101 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हैं. इस बार तीन बच्चे टॉप किए हैं. दो छात्राएं और एक छात्र संयुक्त रूप से 484 अंक लाकर टॉप हुए हैं.' - विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री
मंत्री ने कहा कि इस रिजल्ट में सबसे अच्छी बात यह कि टॉप टू में 10 बच्चे सम्मिलित हैं. जिनमें 7 छात्राएं और 3 छात्र हैं. छात्राओं की सफलता का प्रतिशत यह बता रहा है कि प्रदेश की छात्राओं में पढ़ाई की प्रवृत्ति काफी बढ़ी है और यह प्रदेश के लिए शुभ संकेत है. आज प्रदेश में शिक्षा के स्तर में आमूलचूल परिवर्तन आया है और यह साफ नजर आ रहा है.
'बिहार में कदाचार मुक्त परीक्षा'
विजय चौधरी ने कहा कि पहले बिहार में परीक्षाएं किस रूप में जानी जाती थीं, यह सबको पता है. लेकिन आज काफी बदलाव हुआ है. आज प्रदेश में कदाचार मुक्त परीक्षाओं का आयोजन हो रहा है और रिकॉर्ड समय में रिजल्ट भी प्रकाशित हो रहे हैं. पूरे देश में सबसे पहले इंटर और माध्यमिक वार्षिक परीक्षा का आयोजन और रिजल्ट प्रकाशन का काम बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने किया है. ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में बिहार ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि कोरोना का संकट दूर हो और फिर से विद्यालय खुल जाएं. बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके. कोरोना का संक्रमण एक बार फिर से तेजी से फैलने लगा है. जिस वजह से 11 अप्रैल तक प्रदेश भर के शिक्षण संस्थानों को बंद करना पड़ा हैं.