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Shikshak Niyamawali 2023: 'विरोध हो रहा तो हमें क्या? इसलिए हटा डोमिसाइल'.. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर - Patna News

बिहार शिक्षक नियमावली में डोमिसाइल हटाने के विरोध पर शिक्षा मंत्री ने बेतुका बयान दिया. उन्होंने कहा कि हर चीज का विरोध होता है तो हमें क्या? कई सीट खाली रह जाती थी, इसलिए इस नियम को हटाया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jun 27, 2023, 7:37 PM IST

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर.

पटनाः बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर नियमावली में बदलाव कर दिया गया है. इसको लेकर शिक्षक अभ्यर्थी के साथ-साथ शिक्षक संघ भी आक्रोशित हो गए हैं. इसी बीच बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर का अजीबोगरीब बयान आया है. उन्होंने कहा कि हर अच्छी और बुरी बात का विरोध होते रहता है. उन्होंने कहा कि कई सीट खाली रह जाती है. इसी को देखते हुए डोमिसाइल को हटाया गया है.

यह भी पढ़ेंः Shikshak Niyamawali 2023: डोमिसाइल हटाकर बिहार के युवाओं से क्रूर मजाक, सड़क पर उतरेंगे शिक्षक संघ

"हर अच्छी और बुरी बात का विरोध होता है तो हम क्या करें. कई सीट खाली रह जाती थी, इसलिए यह फैसला लिया गया है ताकि देश के विभिन्न राज्य से टैलेंटेड छात्र इसमें भाग ले सकेंगे. भर्ती के बाद विशेष रूप से मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स, अंग्रेजी और कंप्यूटर का सीट खाली होने से परेशानी होती है. इसलिए डोमिसाइल को हटाया गया है." -प्रोफेसर चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार



टैलेंटेड शिक्षक आएंगेः शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि यह संशोधन देश के लिए होगा. देश के विभिन्न राज्यों के जो टैलेंटेड छात्र हैं, वह इसमें हिस्सा लेंगे. हमारे सामने एक समस्या जरूर है. साइंस और विशेष रूप से मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स और अंग्रेजी टैंलेंड शिक्षक नहीं है. कंप्यूटर शिक्षक नहीं मिल पाते हैं. सीटें खाली रह जाती है, इसलिए इस तरह का संसोधन किया गया है.

विरोध हो रहा है तो हमें क्या?: प्रोफेसर ने कहा कि साइंस ब्लॉक में रिक्तियां बच जाती थी. गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य के लिए गुणवत्तापूर्ण विशेषज्ञ और खास करके साइंस और अंग्रेजी के लिए समस्या थी, इसलिए संशोधन हुआ. डोमिसाइल के विरोध पर प्रोफेसर ने कहा कि हर बात का विरोध होता है. अच्छी बात का भी विरोध होता है और बुरी बात का भी होता है, उससे हमें क्या करना है?

क्यों हो रहा विरोध?: सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट की बैठक में बिहार शिक्षक भर्ती से डोमिसाइल हटाने का निर्णय लिया गया है. इससे पहले साल 2020 में नियोजित शिक्षकों की बहाली में इसे लागू किया गया था. इससे पहले तक शिक्षक भर्ती में भाग लेने के लिए बिहार का स्थायी निवासी अनिवार्य था, लेकिन डोमिसाइल हटने के बाद देश के किसी भी राज्य के अभ्यर्थी इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं. इसी फैसले को लेकर लगातार विरोध हो रहा है.

बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर.

पटनाः बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर नियमावली में बदलाव कर दिया गया है. इसको लेकर शिक्षक अभ्यर्थी के साथ-साथ शिक्षक संघ भी आक्रोशित हो गए हैं. इसी बीच बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर का अजीबोगरीब बयान आया है. उन्होंने कहा कि हर अच्छी और बुरी बात का विरोध होते रहता है. उन्होंने कहा कि कई सीट खाली रह जाती है. इसी को देखते हुए डोमिसाइल को हटाया गया है.

यह भी पढ़ेंः Shikshak Niyamawali 2023: डोमिसाइल हटाकर बिहार के युवाओं से क्रूर मजाक, सड़क पर उतरेंगे शिक्षक संघ

"हर अच्छी और बुरी बात का विरोध होता है तो हम क्या करें. कई सीट खाली रह जाती थी, इसलिए यह फैसला लिया गया है ताकि देश के विभिन्न राज्य से टैलेंटेड छात्र इसमें भाग ले सकेंगे. भर्ती के बाद विशेष रूप से मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स, अंग्रेजी और कंप्यूटर का सीट खाली होने से परेशानी होती है. इसलिए डोमिसाइल को हटाया गया है." -प्रोफेसर चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री, बिहार



टैलेंटेड शिक्षक आएंगेः शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि यह संशोधन देश के लिए होगा. देश के विभिन्न राज्यों के जो टैलेंटेड छात्र हैं, वह इसमें हिस्सा लेंगे. हमारे सामने एक समस्या जरूर है. साइंस और विशेष रूप से मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स और अंग्रेजी टैंलेंड शिक्षक नहीं है. कंप्यूटर शिक्षक नहीं मिल पाते हैं. सीटें खाली रह जाती है, इसलिए इस तरह का संसोधन किया गया है.

विरोध हो रहा है तो हमें क्या?: प्रोफेसर ने कहा कि साइंस ब्लॉक में रिक्तियां बच जाती थी. गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य के लिए गुणवत्तापूर्ण विशेषज्ञ और खास करके साइंस और अंग्रेजी के लिए समस्या थी, इसलिए संशोधन हुआ. डोमिसाइल के विरोध पर प्रोफेसर ने कहा कि हर बात का विरोध होता है. अच्छी बात का भी विरोध होता है और बुरी बात का भी होता है, उससे हमें क्या करना है?

क्यों हो रहा विरोध?: सीएम नीतीश कुमार की कैबिनेट की बैठक में बिहार शिक्षक भर्ती से डोमिसाइल हटाने का निर्णय लिया गया है. इससे पहले साल 2020 में नियोजित शिक्षकों की बहाली में इसे लागू किया गया था. इससे पहले तक शिक्षक भर्ती में भाग लेने के लिए बिहार का स्थायी निवासी अनिवार्य था, लेकिन डोमिसाइल हटने के बाद देश के किसी भी राज्य के अभ्यर्थी इस परीक्षा में भाग ले सकते हैं. इसी फैसले को लेकर लगातार विरोध हो रहा है.

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