पटना: बिहार में पिछले कुछ समय में पटना के 2 बड़े स्कूलों में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था. ऐसे मामलों को लेकर स्कूलों पर गंभीर सवाल उठ रहे थे. ऐसे ही मामलों की सुनवाई के दौरान बिहार के लोकायुक्त ने शिक्षा विभाग को महिलाओं और छात्राओं के संरक्षण को सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया था. इसे देखते हुए शिक्षा विभाग का एक महत्वपूर्ण आदेश जारी हुआ है.
स्कूलों में बनेगी महिला शिक्षकों की कमेटी
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी स्कूलों में जहां क्लास 6 से ऊपर तक की लड़कियों की पढ़ाई होती है, वहां स्कूल स्तर पर ही महिला शिक्षकों की कमेटी बनाने का आदेश जारी किया है. प्रधान सचिव के आदेश में ये स्पष्ट किया गया है कि बिहार के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल के शिक्षक और शिक्षिका को कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष अधिनियम 2013 की जानकारी देने के लिए प्रखंड स्तर पर हर साल कार्यशाला का आयोजन किया जाए.
स्कूलों में छात्रा क्लब का होगा गठन
स्कूल के प्रिंसिपल को कक्षा 6 और उससे ऊपर की कक्षाओं में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए स्कूल लेवल पर छात्रा क्लब का गठन करना होगा. इस क्लब का मेंटोर किसी महिला शिक्षक को बनाना होगा. इस क्लब के माध्यम से छात्राओं को गुड टच और बैड टच की जानकारी देना और उन्हें इस पर संवेदनशील बनाना है.
शिक्षिकाएं करेंगी छात्राओं को सजग
छात्राओं के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी स्कूल लेवल पर शिक्षिकाओं के द्वारा छात्राओं के साथ साझा की जाएगी. विशेष रूप से किशोरी स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं पर छात्राओं को सजग करना ताकि उनके अधिकारों को संरक्षित करने में आवश्यक सहयोग हो सके. स्कूल परिसर में अश्लील चित्रों के प्रदर्शन और मोबाइल का इंटरनेट के माध्यम से अश्लील फिल्मों का अवलोकन पर पूर्ण पाबंदी लगाना होगी.
शिकायत की 10 दिन के अंदर होगी जांच
स्कूल लेवल पर यदि शारीरिक संपर्क, छेड़छाड़ या वैसी कोई शिकायत जो छात्राओं के मर्यादा से संबंधित हो, इसकी शिकायत मिलने पर प्रिंसिपल स्कूल में पदस्थापित शिक्षकों में से कम से कम 2 शिक्षकों का एक जांच दल गठित करना होगा. जो शिकायत मिलने की तिथि से 10 दिन के अंदर जांच करके उसके आधार पर विधि सम्मत कार्रवाई करेगा. हाल के दिनों में बिहार के विभिन्न स्कूलों में यौन हिंसा से संबंधित बढ़ते मामलों को देखते हुए शिक्षा विभाग का यह आदेश अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.