पटना: शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापारवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है. सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद कई जिलों में शिक्षाकर्मियों का भुगतान समय पर नहीं हो पाया है.
इसके बाद 11 जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सरकार के निशाने पर आ गए हैं. इन सभी पर शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों के वेतन भुगतान में देरी करने का आरोप है. दरअसल बिहार सरकार ने इसी साल 1 अप्रैल से सीएफएमएस यानी (comprehensive financial management system) लागू किया है.
विभाग ने 4 जून तक वेतन देने का दिया था आदेश
इसके तहत सभी राज्य कर्मियों को वेतन का भुगतान ऑनलाइन तरीके से किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के डिपार्टमेंट ऑफिस एडमिन सह अपर सचिव गिरिवर दयाल सिंह ने सभी डीईओ को पत्र लिख कर 4 जून तक वेतन देने का आदेश दिया था. ऐसा नहीं करने पर सारी जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) की होगी. लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की भी बात कही गई थी.
मई माह का नहीं हुआ भुगतान
इस कड़े आदेश के बाद भी 11 जिलों में शिक्षाकर्मियों के वेतन भुगतान में ढिलाई बरती गई. बिहार सरकार के अपर सचिव गिरवर दयाल सिंह ने इस संबंध में पत्र जारी किया है. उनके मुताबिक बिहार के 11 जिलों में मार्च महीने का लगभग 50% जबकि अप्रैल माह में 16 परसेंट से भी कम कर्मियों का वेतन भुगतान किया गया है. मई माह का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है.
11 डीपीओ को नोटिस
दरभंगा, मुंगेर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, वैशाली, गोपालगंज, सारण, सिवान, बेगूसराय, सीतामढ़ी और रोहतास जिले में वेतन भुगतान में घोर लापरवाही बरती गई है. इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को नोटिस जारी किया गया है. पत्र में कहा गया है कि कार्य के प्रति लापरवाही, कर्तव्यहीनता और अनुशासनहीनता के कारण ही वेतन भुगतान लंबित है. इन अधिकारियों से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया है. साथ ही पूछा है कि इसके लिए विभागीय कार्यवाही क्यों नहीं की जाए?