पटना: शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों के हड़ताल अवधि के वेतन का समंजन का फार्मूला तय कर दिया है. विभाग से जारी आदेश के मुताबिक शिक्षकों को गर्मी के छुट्टी के 10 दिन के अलावा बचे 19 दिन भा काम करना होगा. साथ ही संडे और सार्वजनिक अवकाश वाले दिन भी ड्यूटी पर तैनात रहना होगा.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी आदेश के मुताबिक हड़ताल अवधि के 29 दिनों के वेतन के सामंजन के लिए 7 सार्वजनिक अवकाश, 3 निरीक्षण अवकाश, 7 रविवारीय अवकाश और 10 गर्मी की छुट्टी के दिन शिक्षकों को ड्यूटी करनी पड़ेगी.
एक्सट्रा ड्यूटी की तिथि
गर्मी की छुट्टी- 1 जून से 10 जून, सार्वजनिक अवकाश- 3, 11 अगस्त, 1 सितंबर, 17, 22 अक्टूबर, 27, 28 अक्टूबर, 19 नवंबर और 30 नवंबर शामिल है. वहीं, रविवार अवकाश- 5 जुलाई, 26 जुलाई , 9 अगस्त, 23 अगस्त, 13 सितंबर, 20 सितंबर और 27 सितंबर शामिल हैं.
हड़ताल अवधि की गणना आपत्ति दर्ज
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) की ओर से जारी आदेश जिसमें माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के हड़ताल अवधि की गणना 29 दिन किए जाने पर आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा कि अब तक की परम्परा के अनुसार हड़ताल अवधि की गणना और समंजन मात्र उस अवधि में कार्य दिवसों की हुई क्षति की रही है. मगर विभाग ने इससे इतर कार्य दिवसों के अतिरिक्त हड़ताल अवधि में रविवार और होली जैसे महान पर्व के छुट्टियों की भी गणना कर दी है. जो ना सिर्फ मानवीय दृष्टिकोण के खिलाफ है. बल्कि संगठन और विभाग के परंपरा के भी प्रतिकूल भी है.
शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी की मांग
मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने मांग की है कि शिक्षा विभाग की ओर से जारी इस पत्र को सुधार करते हुए हड़ताल अवधि में रविवार सहित अन्य सार्वजनिक छुट्टियों को हटाकर मात्र कार्य दिवसों की ही गणना कर उस आधार पर उतने ही दिनों का समंजन शिक्षकों को करने का निर्देश पुनः जारी किया जाए. उन्होंने कहा कि ग्रीष्मावकाश के छुट्टियां में भी विभाग के आदेशानुसार कार्य कर रहे शिक्षकों की हड़ताल अवधि में समंजन न किया जाना शिक्षकों के साथ अन्याय है.
अभिषेक कुमार ने दी जानकारी
अभिषेक कुमार ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के शैक्षिक कैलेंडर सह अवकाश तालिका के अनुसार ग्रीष्मावकाश की छुट्टियां 18 मई से 10 जून तक पूर्व से ही तय की गई है. जिसमें विभाग के ही आदेशानुसार इन छुट्टियों में शिक्षक क्वारंटीन सेंटरों के अलावा अपने विद्यालयों में उपस्थित रहकर कार्य करने पर भी शिक्षकों का कार्य दिवसों की गणना ना करना शिक्षा विभाग का शिक्षकों के प्रति अमानवीय है. इसलिए इस अवधि को भी कार्य दिवस मानते हुए हड़ताल अवधि की गणना से अलग किया जाए.