पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में चाचा-भतीजे के बीच चली लड़ाई का असर पार्टी पर पड़ा है. चुनाव आयोग ने चिराग पासवान (Chirag Paswan) और चाचा पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) के बीच जारी लड़ाई को देखते हुए पार्टी चुनाव चिन्ह को ही अंतिम फैसला आने तक फ्रीज कर दिया है. वहीं बिहार विधानसभा की 2 सीटों कुशेश्वरस्थान और तारापुर के लिए होने वाले उपचुनाव में चिराग पासवान अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं.
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लोजपा प्रवक्ता चंदन सिंह के अनुसार एक 2 दिनों के अंदर लोजपा अपने उम्मीदवारों की औपचारिक के घोषणा कर देगी. दोनों सीटों पर उम्मीदवार फाइनल हो चुका है. लोजपा के प्रवक्ता चंदन सिंह ने बताया कि चुनाव आयोग की ओर से चिराग पासवान गुट को टॉर्च, हेलीकॉप्टर, गैस सिलेंडर के अलावा कई अन्य और चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया है.
"विभिन्न चुनाव चिन्ह में से जल्द ही किसी एक कोे चुना जाएगा. इनमें से एक चिन्ह पर लोजपा द्वारा फैसला कर लिया जाएगा. विधानसभा की दोनों सीटों पर हम मजबूत उम्मीदवार देने जा रहे हैं और उनकी जीत सुनिश्चित होगी. क्योंकि वह इन दोनों सीटों पर काफी पहले से ही तैयारी करते आए हैं."- चंदन सिंह, लोजपा प्रवक्ता
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दरअसल लोजपा के चुनाव चिन्ह यानी के 'बंगला' को चुनाव आयोग द्वारा सीज़ किए जाने पर लोजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर निशाना साधा है. लोजपा का कहना है कि सीएम को इन दोनों सीटों पर अपनी हार नजर आ रही है. तभी उन्होंने केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के माध्यम से लोजपा का चुनाव चिन्ह सीज करवाया है ताकि लोजपा चुनाव नहीं लड़ सके.
लोजपा के प्रवक्ता चंदन सिंह ने कहा कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का चेहरा ही एक सिंबल है. चिराग पासवान इन दोनों विधानसभा के चुनाव में जिस भी कैंडिडेट पर अपना हाथ रखेंगे उसकी जीत सुनिश्चित होगी.
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आपको बता दें कि तारापुर विधानसभा क्षेत्र से राजपूत उम्मीदवार उतारने की तैयारी की जा रही है. तारापुर में लगभग 30,000 राजपूतों की संख्या हैं. तो वहीं कुशेश्वरस्थान से पासवान जाति के उम्मीदवार होंगे. पिछले बार कुशेश्वरस्थान से महिला उम्मीदवार उतारा गया था जिन्हें 15000 वोट मिले थे. लेकिन इस बार पुरुष उम्मीदवार उतारने की बात की जा रही है.
लोजपा के प्रवक्ता चंदन सिंह ने कहा कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस नीतीश कुमार और ललन सिंह के इशारे पर चुनाव आयोग के समक्ष पशुपति पारस ने ज्ञापन देकर चुनाव चिन्ह जब्त करने का आग्रह किया है. इस बात को उन्होंने स्वीकार भी किया है.
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लोजपा ने जदयू को चैलेंज करते हुए कहा कि अगर आप में इतना ही दम है तो अकेले दम पर इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ कर देख लीजिए. लोजपा का कहना है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एनडीए एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रही है, जबकि हकीकत कुछ और ही है.
चंदन सिंह ने कहा कि लोजपा पुन: अपने पूरे दस्तावेज के साथ चुनाव आयोग के समक्ष जाएगी और बताएगी कि बंगले का असली हकदार चिराग पासवान ही हैं. लोजपा का आरोप है कि नीतीश कुमार इन दोनों सीटों पर पीछे से षड्यंत्र रच रहे हैं ताकि लोजपा का चुनाव चिन्ह जब्त हो जाए और जनता कंफ्यूज हो जाए. लोजपा के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार वोटिंग मशीन पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति रामविलास पार्टी या राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का नाम दर्ज होगा इस दोनों में से एक पर विचार किया जा रहा है.