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10 दिसंबर को पटना में क्षेत्रीय परिषद की बैठक, सीएम नीतीश और अमित शाह का होगा आमना-सामना!

EZC Meeting 2023: राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक होने जा रही है. गृह मंत्री अमित शाह बैठक में हिस्सा लेंगे तो चार राज्यों के मुख्यमंत्री की मौजूदगी भी बैठक में होगी. लंबे अरसे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गृह मंत्री अमित शाह आमने-सामने होंगे.

पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक
पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 30, 2023, 6:36 PM IST

पटना: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक अलग-अलग राज्यों में होती है. इस बार पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक 10 दिसंबर को पटना में होगी. इससे पहले 2022 में 25 वीं बैठक कोलकाता में हुई थी और उस बैठक में नीतीश कुमार भाग नहीं दिए थे. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बैठक में भाग लेने के लिए भेजा गया था. वहीं 26वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हिस्सा लेने वाले हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बैठक में मौजूद होंगे.

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पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक : आगामी 10 दिसंबर को राजधानी पटना में क्षेत्रीय परिषद की बैठक होने वाली है. चार राज्यों के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन और नवीन पटनायक के बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब अमित शाह और नीतीश कुमार आमने-सामने होंगे और दोनों के बीच बातचीत भी हो सकती है.

कई मुद्दों पर होगी चर्चा: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए राज्य आर्थिक और सामाजिक योजना के क्षेत्र में आपसी हित से जुड़े किसी भी मुद्दे पर विचार विमर्श कर उसका समाधान करते हैं. इसके अलावा भाषण अल्पसंख्यक इंटर स्टेट परिवहन जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाती है. वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए भी आपसी सहयोग और समन्वय बैठक के जरिए स्थापित की जाती है.

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अमित शाह से नीतीश का होगा सामना!: पटना में होने वाली बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हैं. 9 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार एनडीए से अलग हुए थे. इसके बाद से नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आमना-सामना नहीं हुआ है. राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्र परिषद के स्थाई समिति की बैठक 17 जून 2023 को संपन्न हुई थी, जिसकी अध्यक्षता बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने की थी.

बैठक में राज्यों के बीच आपसी संबंध में बढ़ाने और आगामी योजना पर चर्चा हुई थी.बैठक में 16 बिंदु पिछली बैठक से लिए गए थे जबकि 29 अन्य बिंदु सदस्य राज्य सरकारों और विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा प्रायोजित थे. आपको बता दें कि क्षेत्रीय परिषद का गठन 1956 में हुआ था. इसमें 5 जोन है पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में चार राज्यों में पांच बार इसकी बैठक पटना में हुई है.

क्षेत्रीय परिषद के गठन का उद्देश्य: देश में केंद्र और राज्यों के बीच मिलकर काम करने की संस्कृति को विकसित करने के लिए क्षेत्रीय परिषद का गठन हुआ था. क्षेत्रीय परिषद के जरिए क्षेत्रीय विषमता, नक्सलवाद, अलगाववादी, नारकोटिक्स, अंंतर राज्यीय परिवहन, भाषाई अल्पसंख्यक जैसे मुद्दों पर विमर्श के जरिए फैसला लिया जाता है.

जी 20 की बैठक में पीएम मोदी से मिले थे नीतीश: दो महीने पहले जी 20 की बैठक में राष्ट्रपति द्वारा दिए गए डिनर में नीतीश कुमार शामिल हुए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आमने-सामने हुए थे. क्षेत्रीय परिषद का पदेन अध्यक्ष केंद्रीय गृह मंत्री होता है. प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में शामिल किए गए राज्यों के मुख्यमंत्री, रोटेशन से एक समय में एक वर्ष की अवधि के लिए उस अंचल के आंचलिक परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं. मुख्यमंत्री एवं प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा नामित दो अन्य मंत्री और परिषद में शामिल किए गए संघ राज्य क्षेत्रों से दो सदस्य साथ ही प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद के लिए नीति आयोग द्वारा नामित एक मुख्य सचिव और जोन में शामिल प्रत्येक राज्य द्वारा नामित एक अन्य अधिकारी एवं विकास आयुक्त शामिल होते हैं.

इसे भी पढ़ें- पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक : ममता की अमित शाह से हो सकती है मुलाकात

पटना: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक अलग-अलग राज्यों में होती है. इस बार पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 26वीं बैठक 10 दिसंबर को पटना में होगी. इससे पहले 2022 में 25 वीं बैठक कोलकाता में हुई थी और उस बैठक में नीतीश कुमार भाग नहीं दिए थे. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बैठक में भाग लेने के लिए भेजा गया था. वहीं 26वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हिस्सा लेने वाले हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बैठक में मौजूद होंगे.

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पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक : आगामी 10 दिसंबर को राजधानी पटना में क्षेत्रीय परिषद की बैठक होने वाली है. चार राज्यों के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन और नवीन पटनायक के बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब अमित शाह और नीतीश कुमार आमने-सामने होंगे और दोनों के बीच बातचीत भी हो सकती है.

कई मुद्दों पर होगी चर्चा: पूर्वी क्षेत्रीय परिषद एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए राज्य आर्थिक और सामाजिक योजना के क्षेत्र में आपसी हित से जुड़े किसी भी मुद्दे पर विचार विमर्श कर उसका समाधान करते हैं. इसके अलावा भाषण अल्पसंख्यक इंटर स्टेट परिवहन जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की जाती है. वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए भी आपसी सहयोग और समन्वय बैठक के जरिए स्थापित की जाती है.

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अमित शाह से नीतीश का होगा सामना!: पटना में होने वाली बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हैं. 9 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार एनडीए से अलग हुए थे. इसके बाद से नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आमना-सामना नहीं हुआ है. राजधानी पटना में पूर्वी क्षेत्र परिषद के स्थाई समिति की बैठक 17 जून 2023 को संपन्न हुई थी, जिसकी अध्यक्षता बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने की थी.

बैठक में राज्यों के बीच आपसी संबंध में बढ़ाने और आगामी योजना पर चर्चा हुई थी.बैठक में 16 बिंदु पिछली बैठक से लिए गए थे जबकि 29 अन्य बिंदु सदस्य राज्य सरकारों और विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा प्रायोजित थे. आपको बता दें कि क्षेत्रीय परिषद का गठन 1956 में हुआ था. इसमें 5 जोन है पूर्वी क्षेत्रीय परिषद में चार राज्यों में पांच बार इसकी बैठक पटना में हुई है.

क्षेत्रीय परिषद के गठन का उद्देश्य: देश में केंद्र और राज्यों के बीच मिलकर काम करने की संस्कृति को विकसित करने के लिए क्षेत्रीय परिषद का गठन हुआ था. क्षेत्रीय परिषद के जरिए क्षेत्रीय विषमता, नक्सलवाद, अलगाववादी, नारकोटिक्स, अंंतर राज्यीय परिवहन, भाषाई अल्पसंख्यक जैसे मुद्दों पर विमर्श के जरिए फैसला लिया जाता है.

जी 20 की बैठक में पीएम मोदी से मिले थे नीतीश: दो महीने पहले जी 20 की बैठक में राष्ट्रपति द्वारा दिए गए डिनर में नीतीश कुमार शामिल हुए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आमने-सामने हुए थे. क्षेत्रीय परिषद का पदेन अध्यक्ष केंद्रीय गृह मंत्री होता है. प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद में शामिल किए गए राज्यों के मुख्यमंत्री, रोटेशन से एक समय में एक वर्ष की अवधि के लिए उस अंचल के आंचलिक परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं. मुख्यमंत्री एवं प्रत्येक राज्य से राज्यपाल द्वारा नामित दो अन्य मंत्री और परिषद में शामिल किए गए संघ राज्य क्षेत्रों से दो सदस्य साथ ही प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद के लिए नीति आयोग द्वारा नामित एक मुख्य सचिव और जोन में शामिल प्रत्येक राज्य द्वारा नामित एक अन्य अधिकारी एवं विकास आयुक्त शामिल होते हैं.

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