पटना: बिहार में यातायात नियमों के उल्लंघन (Violation of TrafficRrules in Bihar) को लेकर परिवहन विभाग की दी गई जानकारी के अनुसार मोटरवाहन अधिनियम के विभिन्न धाराओं के उल्लंघन के विरुद्ध शनिवार को भी दूसरे दिन सभी जिलों में विशेष सघन वाहन जांच अभियान चलाया गया. इस दौरान रैश ड्राइविंग, हेलमेट-सीटबेल्ट, परमिट, फिटनेस, डाइविंग लाइसेंस, प्रदूषण, वाहन का इन्श्योरेंस, प्रदूषण इत्यादि की जांच की गई. राज्य के विभिन्न जिलों में दोनों दिन चलाये गये अभियान में कुल 7771 वाहनों की जांच में नियमों के उल्लंघन में 2207 वाहन चालकों का ई-चालान काट कर जुर्माना लगाया गया. यह अभियान सभी जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक एवं प्रवर्तन अवर निरीक्षक के द्वारा चलाया गया.
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2207 वाहन चालकों का कटा ई-चालान: राज्य परिवहन आयुक्त बी.कार्तिकेय धनजी ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके, इसके लिए सड़क सुरक्षा एवं मोटरवाहन अधिनियम के तहत नियमों का अनुपालन कराने के लिए हर सप्ताह विशेष वाहन जांच अभियान चलाया जायेगा. ओवर स्पीडिंग, खतरनाक तरीके से वाहन चलाना एवं यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाना सड़क दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है. जिलों में शुक्रवार एवं शनिवार को चले विशेष वाहन जांच अभियान में मोटरवाहन अधिनियम के विभिन्न नियमों के उल्लंघन में कुल 2207 वाहन चालकों पर लगभग दो करोड़ 68 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
"सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके, इसके लिए सड़क सुरक्षा एवं मोटरवाहन अधिनियम के तहत नियमों का अनुपालन कराने के लिए हर सप्ताह विशेष वाहन जांच अभियान चलाया जायेगा. ओवर स्पीडिंग, खतरनाक तरीके से वाहन चलाना एवं यातायात नियमों का पालन नहीं किया जाना सड़क दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है."-बी.कार्तिकेय धनजी, राज्य परिवहन आयुक्त
रैश ड्राइविंग न करने की हिदायत: राज्य परिवहन आयुक्त ने बताया कि ओवर स्पीडिंग एवं खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वाले अपनी रफ्तार की वजह से सड़क पर चलने वाले दूसरे आम लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं. ऐसा कर खुद की एवं दूसरों की जिंदगी के साथा खिलवाड़ न करें. वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। वाहन जांच के दौरान रैश डाइविंग में 68 वाहन चालकों पर कार्रवाई की गई. उनसे जुर्माना वसूला गया एवं संबंधित जांच पदाधिकारी द्वारा भविष्य में दोबारा रैश ड्राइविंग न करने की हिदायत भी दी गई.
स्पीड लिमिट डिवाइस की जांच: अभियान के दौरान वाहनों में लगे स्पीड लिमिट डिवाइस की जांच की गई. 114 वाहनों पर जुर्माना लगाया गया. जुर्माना के तौर पर 4.67 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. जांच में पाया गया कि कई वाहनों में स्पीड गवर्नर लगे होने के बावजूद कार्यरत नहीं था. जबकि कई वाहनों में स्पीड गवर्नर नहीं लगे थे. ऐसे वाहन चालकों से जुर्माना लिया गया एवं सख्त निर्देश दिया गया कि अविलंब स्पीड गवर्नर लगाएं एवं वह कार्यरत रहे, यह सुनिश्चित करें। वाहनों में स्पीड लिमिट डिवाइस लगे होने से गति को नियंत्रित रखा जा सकता है एवं सड़क दुर्घटना की संभावना भी कम जाती है.