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मसौढ़ी में पेयजल के लिए त्राहिमाम, एक चापाकल से सैकड़ों लोग भरते हैं पानी - etv bharat news

राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में इन दिनों पेयजल का संकट (Drinking Water Crisis in Masaurhi) बना हुआ है. गर्मी में मसौढ़ी प्रखंड के दर्जनों गांवों में नल खराब हैं. जिससे इन गांवों के सैकड़ों लोग एक नल से पानी भर रहे हैं. पानी भरने को लेकर कई बार ग्रामीणों के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है.

Drinking water Crisis in Masaurhi
मसौढ़ी में पेयजल के लिए त्राहिमाम
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Published : Mar 14, 2022, 5:58 PM IST

पटना: गर्मी के दस्तक के साथ ही पटना के ग्रामीण इलाकों में पेयजल की समस्या (Drinking Water Problem in Patna) गहराती जा रही है. मसौढ़ी के हांसाड़ीह और चेथौलल गांव में सरकारी चापाकल खराब (Hand Pump not Working in Masaurhi) हो गए हैं. जिससे लोगों को पेयजल के लिए खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव में एकाध नल से काफी मुश्किल से पानी निकल रहा है. वहां, भारी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे पानी भरने के लिए आ रहे हैं. जहां उन्हें घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- सारण में रेलवे कॉलोनियों की स्थिति दयनीय, रहवासियों को शुद्ध पेयजल भी मयस्सर नहीं

एक चापाकल से पूरा गांव भरता है पानी: वहीं, गर्मी के दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना फेल होती दिखाई दे रही है. जहां नल का जल योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. जिससे पटना के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों पानी के लिए हाय तौबा मची है. मसौढ़ी के हांसाड़ीह और चेथौलल गांव में एक चापाकल पर सैकड़ों परिवार रोजाना सुबह और शाम पानी के लिए जंग लड़ते नजर आते हैं. मसौढ़ी प्रखंड के तकरीबन दो दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं. जहां पर सिर्फ एक चापाकल के सहारे पूरे गांव के लोग पानी ले रहे हैं.

चापाकल ठीक करने के लिए टीम गठित: वहीं, पंचायती राज पदाधिकारी विनय कुमार ने इस संबंध में बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर गांव में जितने भी सरकारी चापाकल खराब हुए हैं, उनको दुरूस्त करने के लिए टीम गठित की गई है. यह टीम गांव-गांव में घूमकर उसे ठीक करेगी. इसके साथ ही सात निश्चय योजना के तहत लगे नल के जल को दुरुस्त करने की पुरजोर तैयारी चल रही है.

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एक चापाकल से पूरा गांव भरता है पानी: वहीं, गर्मी के दिनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना फेल होती दिखाई दे रही है. जहां नल का जल योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है. जिससे पटना के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों पानी के लिए हाय तौबा मची है. मसौढ़ी के हांसाड़ीह और चेथौलल गांव में एक चापाकल पर सैकड़ों परिवार रोजाना सुबह और शाम पानी के लिए जंग लड़ते नजर आते हैं. मसौढ़ी प्रखंड के तकरीबन दो दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं. जहां पर सिर्फ एक चापाकल के सहारे पूरे गांव के लोग पानी ले रहे हैं.

चापाकल ठीक करने के लिए टीम गठित: वहीं, पंचायती राज पदाधिकारी विनय कुमार ने इस संबंध में बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर गांव में जितने भी सरकारी चापाकल खराब हुए हैं, उनको दुरूस्त करने के लिए टीम गठित की गई है. यह टीम गांव-गांव में घूमकर उसे ठीक करेगी. इसके साथ ही सात निश्चय योजना के तहत लगे नल के जल को दुरुस्त करने की पुरजोर तैयारी चल रही है.

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