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पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर घर के बाहर लगेगा चेतावनी का पोस्टर

शराबबंदी कानून को लेकर फजीहत के बाद सरकार ने तय किया था कि शराब पीकर पहली बार पकड़े जाने वाले लोगों को जुर्माना लेकर छोड़ दिया जायेगा. लेकिन अब सरकार ने फैसला लिया है कि जो कोई भी शराब पीने के आरोप में जुर्माना देकर छूट चुका है, उसके पूरे मोहल्ले या गांव को इसकी खबर दी जाये. पढ़ें पूरी खबर

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Published : Oct 1, 2022, 3:36 PM IST

पटना: शराबबंदी वाले बिहार (Liquor Ban In Bihar) में अगर कोई पहली बार शराब पीते पकड़ा गया तो जुर्माना देकर छूट जाएगा, लेकिन उसके घर पर चेतावनी का पोस्टर (Warning Posters Will Paste Outside Accused House) लगाया जाएगा. पोस्टर में लिखा होगा कि दूसरी बार शराब पीते पकड़े जाने पर एक साल की सजा मिलनी निश्चित है. मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पोस्टर चिपकाने का उद्देश्य चेतावनी देना है. विभागीय अधिकारी ऐसे लोगों की जांच भी करेंगे और संदेह होने पर ब्रेथ एनलाइजर से उसकी जांच भी कर सकेंगे.

ये भी पढ़ें - ड्राई स्टेट बिहार में कथित जहरीली शराब से 25 लोगों की आंखों की रोशनी गई, 7 की मौत

जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान : विभागीय अधिकारी के मुताबिक, पहली बार शराब पीने के मामले में पकड़े गए अभियुक्त को शपथपत्र व तीन से पांच हजार रुपये का जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान किया गया है. प्रावधान के तहत अब तक 50 हजार से अधिक लोग जुर्माना देकर छूट चुके हैं. बताया जाता है कि मद्य निषेध विभाग ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि शिकायत मिल रही है कि कई लोग पहली बार पकड़े जाने के बाद दोबारा भी शराब का सेवन कर रहे हैं.

पोस्टर के जरिये चेतावनी : ऐसे में बिहार के तमाम एक्साइज इंस्पेक्टरों को निर्देश जारी किया गया है. उन्हें कहा गया है कि वे सरकारी रिकार्ड देखें कि कौन-कौन से लोग पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने के बाद जुर्माना देकर छूटे हैं. एक्साइज इंस्पेक्टर वैसे तमाम लोगों के घर बाहर पोस्टर चिपकायें. पोस्टर के जरिये न सिर्फ उन्हें चेतावनी दें, बल्कि आस-पास के लोगों को भी जानकारी दें कि वह व्यक्ति शराब पीने के जुर्म में पकड़ा जा चुका है.

जुर्माना देकर छूटे अभियुक्तों के घर पर पोस्टरः 1 अप्रैल 2022 से संशोधित मध्य निषेध कानून लागू होने के बाद धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीने पर जुर्माना देकर छूटे अभियुक्तों के घर पर मद्य निषेध विभाग के अधिकारी और कर्मी चेतावनी पोस्टर लगाएंगे. पोस्टर के माध्यम से उन्हें चेतावनी दी जाएगी. अगर दूसरी बार शराब पीकर पकड़े गए तो एक साल की सजा मिलनी निश्चित है.

ये भी पढ़ेंः 'जहरीली शराब से मौत पर चौकीदार-थानेदार ही जिम्मेदार क्यों, बड़े अफसरों पर क्यों नहीं होता एक्शन'

मद्य निषेध कानून में संशोधनः दरअसल, विपक्ष शराबबंदी के बाद भी बिहार में अवैध रूप से शराब का धंधा चलने का आरोप लगता रहा है. प्रतिदिन राज्य के किसी न किसी इलाके से शराब बरामदगी की खबरें आती रहती हैं. बता दें कि इस साल मद्य निषेध कानून में संशोधन कर पहली बार शराब पीने वालों को पकड़े जाने पर जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है.

पटना: शराबबंदी वाले बिहार (Liquor Ban In Bihar) में अगर कोई पहली बार शराब पीते पकड़ा गया तो जुर्माना देकर छूट जाएगा, लेकिन उसके घर पर चेतावनी का पोस्टर (Warning Posters Will Paste Outside Accused House) लगाया जाएगा. पोस्टर में लिखा होगा कि दूसरी बार शराब पीते पकड़े जाने पर एक साल की सजा मिलनी निश्चित है. मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पोस्टर चिपकाने का उद्देश्य चेतावनी देना है. विभागीय अधिकारी ऐसे लोगों की जांच भी करेंगे और संदेह होने पर ब्रेथ एनलाइजर से उसकी जांच भी कर सकेंगे.

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जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान : विभागीय अधिकारी के मुताबिक, पहली बार शराब पीने के मामले में पकड़े गए अभियुक्त को शपथपत्र व तीन से पांच हजार रुपये का जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान किया गया है. प्रावधान के तहत अब तक 50 हजार से अधिक लोग जुर्माना देकर छूट चुके हैं. बताया जाता है कि मद्य निषेध विभाग ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है, क्योंकि शिकायत मिल रही है कि कई लोग पहली बार पकड़े जाने के बाद दोबारा भी शराब का सेवन कर रहे हैं.

पोस्टर के जरिये चेतावनी : ऐसे में बिहार के तमाम एक्साइज इंस्पेक्टरों को निर्देश जारी किया गया है. उन्हें कहा गया है कि वे सरकारी रिकार्ड देखें कि कौन-कौन से लोग पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने के बाद जुर्माना देकर छूटे हैं. एक्साइज इंस्पेक्टर वैसे तमाम लोगों के घर बाहर पोस्टर चिपकायें. पोस्टर के जरिये न सिर्फ उन्हें चेतावनी दें, बल्कि आस-पास के लोगों को भी जानकारी दें कि वह व्यक्ति शराब पीने के जुर्म में पकड़ा जा चुका है.

जुर्माना देकर छूटे अभियुक्तों के घर पर पोस्टरः 1 अप्रैल 2022 से संशोधित मध्य निषेध कानून लागू होने के बाद धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीने पर जुर्माना देकर छूटे अभियुक्तों के घर पर मद्य निषेध विभाग के अधिकारी और कर्मी चेतावनी पोस्टर लगाएंगे. पोस्टर के माध्यम से उन्हें चेतावनी दी जाएगी. अगर दूसरी बार शराब पीकर पकड़े गए तो एक साल की सजा मिलनी निश्चित है.

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मद्य निषेध कानून में संशोधनः दरअसल, विपक्ष शराबबंदी के बाद भी बिहार में अवैध रूप से शराब का धंधा चलने का आरोप लगता रहा है. प्रतिदिन राज्य के किसी न किसी इलाके से शराब बरामदगी की खबरें आती रहती हैं. बता दें कि इस साल मद्य निषेध कानून में संशोधन कर पहली बार शराब पीने वालों को पकड़े जाने पर जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है.

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