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Lockdown में घर में भी सुरक्षित नहीं महिलाएं! घरेलू हिंसा की शिकायतों में हुई बढ़ोतरी

बिहार में कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन दौरान घरेलू हिंसा काफी बढ़ गई है. पुलिस मुख्यालय की माने तो ज्यादातार मामलों को काउंसलिंग के जरिए निपटाने की कोशिश की जा रही है. गंभीर मामलों में होम विजिट किया जा रहा है.

लॉकडाउन में घरेलू हिंसा की शिकायतों में हुई बढ़ोतरी
लॉकडाउन में घरेलू हिंसा की शिकायतों में हुई बढ़ोतरी
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Published : Jun 13, 2021, 10:04 AM IST

पटना : बिहार में कोरोना (Coronavirus) के मामलों में लगातार कमी आ रही है. वहीं लॉकडाउन (Lockdown) ने वायरस को फैलने से तो रोका, लेकिन इस दौरान घरेलू हिंसा (Domestic violence) के मामलों में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिल रहा है. हांलाकि राज्य में अब धीरे-धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहा है, फिर भी हर दिन तीन से पांच मामले महिला उत्पीड़न के बिहार के विभिन्न थानों में दर्ज हो रहे हैं. महिला हेल्पलाइन ( Women Helpline ) में ज्यादा मामले आ रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : PMCH में इंडोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा नहीं, ओपन सर्जरी से हो रहा इलाज

काउंसलिंग से निपटाये जा रहे ज्यादातर मामले
हालांकि, घरेलू हिंसा के ज्यादातार मामलों को काउंसलिंग के माध्यम से निपटाया जा रहा है. बचे कुछ ही मामले दर्ज हो रहे हैं. कोरोना संक्रमण रोकथाम को लेकर लॉकडाउन में महिलाओं पर हिंसा से संबंधित घटनाएं कम नहीं हो रही है. वर्तमान परिस्थिति में पीड़ित होने के बावजूद भी वह हेल्पलाइन तक नहीं पहुंच पा रही हैं. ऐसे में फिलहाल व्हाट्सएप या एसएमएस के जरिए अपना आवेदन दे रही हैं. इसके बाद महिला हेल्पलाइन की ओर से फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ज्यादातर मामलों का समाधान किया जा रहा है.

देखें वीडियो

लॉकडाउन में बढ़ी घरेलू हिंसा : ADG
वहीं इस पूरे मसले पर पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने बताया कि तो महिलाओं से संबंधित मामले इन दिनों बढ़ गए हैं. इसका मुख्य कारण है कि लॉकडाउन के दौरान परिवार के सभी सदस्य घर में अपना समय व्यतीत कर रहे हैं. जिस वजह से महिलाओं पर काम का बोझ बढ़ गया है. एडीजी के मुताबिक, ऐसे मामलों को पहले काउंसलिंग के माध्यम से निपटारा करने का प्रयास किया जाता है ताकि किसी का परिवार में टूट ना हो.

'घरेलू हिंसा के इमरजेंसी मामले में ही होम विजिट किया जा रहा है. मामला अधिक बिगड़ने पर पीड़िता के साथ दूसरे पक्ष को हेल्पलाइन बुलाया जा रहा है. भले ही पीड़िता हेल्पलाइन नहीं आ रही है लेकिन यहां की प्रोजेक्ट मैनेजर और काउंसलर्स लगातार पीड़ितों की काउंसलिंग कर रहे हैं. हर दिन घरेलू हिंसा से जुड़े तीन से पांच मामले रजिस्टर हो रहे हैं. जबकि नॉन रजिस्टर मामले की संख्या काफी अधिक है.' :- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

घरेलू हिंसा की शिकायतों में हुई बढ़ोतरी
घरेलू हिंसा की शिकायतों में हुई बढ़ोतरी

घर के पुरुष अनावश्यक झगड़ ना करें : ADG
ईटीवी भारत के माध्यम से एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने आम लोगों से अपील की है कि कोरोना काल और लॉकडाउन के समय का उपयोग कर लोगों को अपने रिश्ते में मिठास लाने की जरूरत है. एडीजी पुलिस मुख्यालय ने पुरुषों से अपील किया कि अनावश्यक अपने घर के सदस्य से, चाहे वह भाई-बहन, पत्नी, मां-बाप से झगड़ा नहीं करें. यह समय हम सभी को आपस में सहयोग करने का है. हर केस का स्टडी किया जा रहा है और यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किन कारणों से इन दिनों महिलाओं को उत्पीड़न के मामले ज्यादा हो रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : पटना के 8 थानों को मिलेगा नया भवन, 0.5 एकड़ भूमि की गई चिह्नित

'घरेलू हिंसा के कई ऐसे मामले आ रहे हैं. जिसमें महिला पीड़ित मामला रजिस्टर्ड नहीं करना चाहती हैं लेकिन घर के माहौल और अपने रिश्तों को बचाने के लिए सलाह और कंसलटिंग की मांग कर रही हैं. प्रतिदिन 25 से 30 फोन के माध्यम से मामलों का निपटारा किया जा रहा है. लगातार थानों में मौजूद काउंसलर द्वारा दोनों पक्षों की काउंसलिंग की जा रही है.' :- प्रमिला, महिला प्रोजेक्ट मैनेजर

पटना : बिहार में कोरोना (Coronavirus) के मामलों में लगातार कमी आ रही है. वहीं लॉकडाउन (Lockdown) ने वायरस को फैलने से तो रोका, लेकिन इस दौरान घरेलू हिंसा (Domestic violence) के मामलों में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिल रहा है. हांलाकि राज्य में अब धीरे-धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहा है, फिर भी हर दिन तीन से पांच मामले महिला उत्पीड़न के बिहार के विभिन्न थानों में दर्ज हो रहे हैं. महिला हेल्पलाइन ( Women Helpline ) में ज्यादा मामले आ रहे हैं.

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काउंसलिंग से निपटाये जा रहे ज्यादातर मामले
हालांकि, घरेलू हिंसा के ज्यादातार मामलों को काउंसलिंग के माध्यम से निपटाया जा रहा है. बचे कुछ ही मामले दर्ज हो रहे हैं. कोरोना संक्रमण रोकथाम को लेकर लॉकडाउन में महिलाओं पर हिंसा से संबंधित घटनाएं कम नहीं हो रही है. वर्तमान परिस्थिति में पीड़ित होने के बावजूद भी वह हेल्पलाइन तक नहीं पहुंच पा रही हैं. ऐसे में फिलहाल व्हाट्सएप या एसएमएस के जरिए अपना आवेदन दे रही हैं. इसके बाद महिला हेल्पलाइन की ओर से फोन और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ज्यादातर मामलों का समाधान किया जा रहा है.

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लॉकडाउन में बढ़ी घरेलू हिंसा : ADG
वहीं इस पूरे मसले पर पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने बताया कि तो महिलाओं से संबंधित मामले इन दिनों बढ़ गए हैं. इसका मुख्य कारण है कि लॉकडाउन के दौरान परिवार के सभी सदस्य घर में अपना समय व्यतीत कर रहे हैं. जिस वजह से महिलाओं पर काम का बोझ बढ़ गया है. एडीजी के मुताबिक, ऐसे मामलों को पहले काउंसलिंग के माध्यम से निपटारा करने का प्रयास किया जाता है ताकि किसी का परिवार में टूट ना हो.

'घरेलू हिंसा के इमरजेंसी मामले में ही होम विजिट किया जा रहा है. मामला अधिक बिगड़ने पर पीड़िता के साथ दूसरे पक्ष को हेल्पलाइन बुलाया जा रहा है. भले ही पीड़िता हेल्पलाइन नहीं आ रही है लेकिन यहां की प्रोजेक्ट मैनेजर और काउंसलर्स लगातार पीड़ितों की काउंसलिंग कर रहे हैं. हर दिन घरेलू हिंसा से जुड़े तीन से पांच मामले रजिस्टर हो रहे हैं. जबकि नॉन रजिस्टर मामले की संख्या काफी अधिक है.' :- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

घरेलू हिंसा की शिकायतों में हुई बढ़ोतरी
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ईटीवी भारत के माध्यम से एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने आम लोगों से अपील की है कि कोरोना काल और लॉकडाउन के समय का उपयोग कर लोगों को अपने रिश्ते में मिठास लाने की जरूरत है. एडीजी पुलिस मुख्यालय ने पुरुषों से अपील किया कि अनावश्यक अपने घर के सदस्य से, चाहे वह भाई-बहन, पत्नी, मां-बाप से झगड़ा नहीं करें. यह समय हम सभी को आपस में सहयोग करने का है. हर केस का स्टडी किया जा रहा है और यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किन कारणों से इन दिनों महिलाओं को उत्पीड़न के मामले ज्यादा हो रहे हैं.

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'घरेलू हिंसा के कई ऐसे मामले आ रहे हैं. जिसमें महिला पीड़ित मामला रजिस्टर्ड नहीं करना चाहती हैं लेकिन घर के माहौल और अपने रिश्तों को बचाने के लिए सलाह और कंसलटिंग की मांग कर रही हैं. प्रतिदिन 25 से 30 फोन के माध्यम से मामलों का निपटारा किया जा रहा है. लगातार थानों में मौजूद काउंसलर द्वारा दोनों पक्षों की काउंसलिंग की जा रही है.' :- प्रमिला, महिला प्रोजेक्ट मैनेजर

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