पटना: राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में इन दिनों हत्या, अपहरण और दुष्कर्म जैसी वारदात में वृद्धि हो रही है. बिहार में बढ़ रहे अपराध पर काबू पाने के लिए पुलिस विभाग ने सभी जिलों में श्वान दस्ता (डॉग स्क्वायड) की टीम तैनात करने का निर्णय लिया है.
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जल्द ही बिहार के सभी जिलों में स्वान दस्ता की टीम स्थापित की जाएगी. इससे अपराध से जुड़े अनुसंधान और अपराधियों की गिरफ्तारी में पुलिस को मदद मिलेगी. फिलहाल पटना समेत बड़े शहरों में डॉग स्क्वायड की टीम है. इन्हें जिले में घटित अपराध के अनुसंधान के लिए भेजा जाता है. जब सभी जिले में श्वान दस्ते की टीम तैनात रहेगी तो दूसरे जिले से श्वान दस्ते को भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे जल्द से जल्द मामले का अनुसंधान किया जा सकेगा.
शराब पकड़ने में माहिर हैं स्निफर डॉग
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार ने कहा "राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों में स्वान दस्ता का गठन करने की योजना बनाई गई है. अभी 12 जिलों में यह कार्यरत है. बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने में भी श्वान दस्ता की मदद ली जा रही है. बड़े और महत्वपूर्ण घटनाओं की जांच में अब बिहार पुलिस को स्वान दस्ता की मदद मिलेगी. स्निफर डॉग खरीदे गए थे. ये शराब पकड़ने में भी माहिर हैं. इन सभी डॉग्स और उनके हैंडलर को 6 महीने हैदराबाद में ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद उन्हें बिहार लाया गया."
सीआईडी के पास हैं 100 डॉग
बिहार पुलिस के सीआईडी के डॉग स्क्वायड में अभी लगभग 100 कुत्ते हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार डॉग स्क्वायड के हर कुत्ते पर राज्य सरकार हर महीने करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च करती है. इन सभी की तैनाती रेंज हेडक्वार्टर पर है. अभी कोई भी घटना होने पर उन्हें ट्रेन या फिर वाहन से घटनास्थल पर ले जाया जाता है. बिहार पुलिस ने 1 साल पहले 20 स्निफर डॉग्स खरीदे थे. ये शराब पकड़ने में माहिर हैं. कुछ दिन पहले बिहार पुलिस में 25 नए डॉग्स शामिल हुए हैं.
देर होने पर खत्म हो जाती है गंध
अपराधियों द्वारा किसी घटना को अंजाम देने पर मौके पर उनकी गंध रह जाती है. यह कुछ समय बाद खत्म हो जाती है. कुत्ते गंध के आधार पर ही अपराधियों तक पहुंचते हैं. हर जिले में टीम रहने पर कुत्ते को समय रहते मौके पर लाया जा सकेगा.
3 चरण में पूरी होगी योजना
हर जिले में डॉग स्क्वायड की टीम स्थापित करने की योजना को 3 चरण में क्रियान्वित किया जा रहा है. प्रथम चरण में पुलिस मुख्यालय और क्षेत्रीय मुख्यालय वाले जिलों के लिए 17 यूनिट तैयार किए जाएंगे. दूसरे चरण में 19 जिले के लिए 19 यूनिट और तीसरे चरण में 14 जिलों में 14 यूनिट तैयार किए जाएंगे.
"कई बड़े अनुसंधान में स्वान की मदद से मामलों का समाधान किया गया है. इस वजह से पुलिस मुख्यालय ने निर्णय लिया है कि सभी जिले में स्वान दस्ता की टीम तैनात की जाएगी. इसपर काम चल रहा है. मानव की तुलना में स्वान की क्षमता काफी अधिक होती है. फील्ड में तैनात पुलिस अफसरों की मदद के लिए स्वान की तैनाती की जा रही है. स्वान पुलिस के अच्छे सहयोगी के रूप में काम करते हैं."- जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
सबसे पहले 1912 में बिहार पुलिस में शामिल हुए थे डॉग
- फिलहाल पटना समेत बिहार के 12 पुलिस रेंज में स्वान दस्ता की टीम तैनात है
- अगले 2 साल में बिहार के सभी जिले में श्वान दस्ता की टीम तैनात करने का लक्ष्य है
- बिहार पुलिस में 1912 में सर्वप्रथम ब्लड हाउंड प्रजाति के 2 डॉग को शामिल किया गया था
- 1913 में दोनों डॉग की मौत के बाद श्वान दस्ता क्रियाशील नहीं रहा था
- 2014 में बिहार पुलिस के श्वान दस्ता में मात्र 14 डॉग थे
- बिहार के लिए 50 श्वान दस्ता टीम की स्वीकृति दी गई है
- प्रत्येक टीम में 4 डॉग रहेंगे, प्रति यूनिट 29,76224 रुपए खर्च की स्वीकृति मिली है
- 2014 के बाद अब तक बिहार पुलिस में 105 डॉग खरीदे गए
- 2019 में देश के पहले शराब खोजी डॉग्स का प्रशिक्षण आईआईटीए हैदराबाद से कराकर बिहार पुलिस के स्वर्ण दस्ता में शामिल किया गया
- इन डॉग्स के सहयोग से लगातार अवैध शराब का उद्भेदन किया जा रहा है