ETV Bharat / state

पटना: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एम्स के डॉक्टर, मरीज परेशान - एम्स परिसर में नारेबाजी

डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. शुक्रवार शाम से ही रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में लगे मरीजों को बिना इलाज कराए वापस लौटना पड़ रहा है.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एम्स के डॉक्टर
author img

By

Published : Aug 3, 2019, 1:34 PM IST

पटना: एनएमसी बिल के विरोध में राजधानी स्थित एम्स में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं. शुक्रवार की शाम 5 बजे से जूनियर और सीनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. ऐसे में दूर दराज से आये मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में लगे मरीजों को बिना इलाज कराये वापस लौटना पड़ रहा है.

दरअसल लोकसभा में पारित एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में पिछले कुछ दिनों से देश भर के डॉक्टर आंदोलन पर हैं. एम्स परिसर में डॉक्टरों ने एनएमसी बिल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एक ओर डॉक्टर अपनी मांग से टस से मस नहीं हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मरीज बेहाल हैं.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एम्स के डॉक्टर

डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान
दर्द से कराह रहे मरीजों को बिना इलाज कराये ही वापस जाना पड़ रहा है. घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है. कुछ मरीजों को बिना इलाज के ही ओपीडी के बाहर ही चादर बिछा कर लिटा दिया है. इनमें इतनी भी ताकत नहीं कि ये उठ कर खड़ा हो सकें. लेकिन ठीक बगल में नारेबाजी करते डॉक्टरों को इनका दर्द नहीं दिख रहा है. वो बस अपनी मांगों पर अड़े हैं.

'एनएमसी बिल में कई त्रुटियां'
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि बिल में कई खामियां हैं, जिससे नाराज होकर हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल की है. ये हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. हम अपने भविष्य के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे. उनका कहना है कि हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. यदि मरीजों को इससे परेशानी होती है तो इसकी जिम्मेवारी सरकार को लेनी पड़ेगी.

क्या कहते हैं एम्स के निदेशक
इधर, एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार का कहना है कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से परेशानी बढ़ी है. इमरजेंसी और आईसीयू सेवा भी बाधित हुई है. हड़ताल को देखते हुए एम्स प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर फैकेल्टी डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगा दिया है. निदेशक का कहना है कि फिलहाल नए मरीजों को नही लिया जा रहा है. जो पहले से भर्ती हैं उन्हीं का इलाज किया जा रहा है. जल्द ही व्यवस्था दुरूस्त की जाएगी.

पटना: एनएमसी बिल के विरोध में राजधानी स्थित एम्स में भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं. शुक्रवार की शाम 5 बजे से जूनियर और सीनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. ऐसे में दूर दराज से आये मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में लगे मरीजों को बिना इलाज कराये वापस लौटना पड़ रहा है.

दरअसल लोकसभा में पारित एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में पिछले कुछ दिनों से देश भर के डॉक्टर आंदोलन पर हैं. एम्स परिसर में डॉक्टरों ने एनएमसी बिल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. एक ओर डॉक्टर अपनी मांग से टस से मस नहीं हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मरीज बेहाल हैं.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एम्स के डॉक्टर

डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान
दर्द से कराह रहे मरीजों को बिना इलाज कराये ही वापस जाना पड़ रहा है. घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है. कुछ मरीजों को बिना इलाज के ही ओपीडी के बाहर ही चादर बिछा कर लिटा दिया है. इनमें इतनी भी ताकत नहीं कि ये उठ कर खड़ा हो सकें. लेकिन ठीक बगल में नारेबाजी करते डॉक्टरों को इनका दर्द नहीं दिख रहा है. वो बस अपनी मांगों पर अड़े हैं.

'एनएमसी बिल में कई त्रुटियां'
रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि बिल में कई खामियां हैं, जिससे नाराज होकर हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल की है. ये हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है. हम अपने भविष्य के साथ किसी को खिलवाड़ नहीं करने देंगे. उनका कहना है कि हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. यदि मरीजों को इससे परेशानी होती है तो इसकी जिम्मेवारी सरकार को लेनी पड़ेगी.

क्या कहते हैं एम्स के निदेशक
इधर, एम्स के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार का कहना है कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से परेशानी बढ़ी है. इमरजेंसी और आईसीयू सेवा भी बाधित हुई है. हड़ताल को देखते हुए एम्स प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर फैकेल्टी डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगा दिया है. निदेशक का कहना है कि फिलहाल नए मरीजों को नही लिया जा रहा है. जो पहले से भर्ती हैं उन्हीं का इलाज किया जा रहा है. जल्द ही व्यवस्था दुरूस्त की जाएगी.

Intro:पटना के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में कल शाम 5 बजे से एनएमसी बिल के विरोध में जूनियर और सीनियर सभी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है ऐसे में सबसे ज्यादा फजीहत एम्स में इलाज कराने आने वाले उन मरीजो की है जो दूर दराज के क्षेत्रों से आते है। कल शाम से ही रजिस्ट्रेशन की लाइन में लगे मरीजो को बिना इलाज के ही लौटना पड़ रहा है। डॉक्टर भी क्या करे इस लोकतंत्र में उन्हें भी हक़ है अपनी मांगों के लिए लड़ने का।


Body:जब धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ही नाराज हो जाय तो बेबस और लाचार मरीजो की कौन सुनेगा। दरअसल लोकसभा में पारित एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल के विरोध में पिछले कुछ दिनों से देश भर के डॉक्टर आंदोलन पर है। ऐसे में पटना एम्स के डॉक्टर भी आंदोलन कर रहे है ,यहां के डॉक्टर तो इस बिल से इतने खफा है कि उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दिया है और एम्स परिसर में एनएमसी बिल वापस लो,डॉ हर्षवर्धन मुर्दाबाद और एक दो तीन चार नही सहेंगे अत्याचार जैसे नारो के साथ एनएमसी बिल का विरोध कर रहे है। एक तरफ डॉक्टर अपनी मांग से टस से मस नही हो रहे तो वही दूसरी तरफ मरीज बेहाल है। आप देख सकते है कि विल चेयर पर बैठा ये मरीज कैसे दर्द से कराह रहा है पर बिना इलाज के इसके परिजन उसे ऑटो पर बिठाकर वापस ले जा रहे है। वही इस दूसरे मरीज को भी देख लीजिए कैसे इसके परिजनों ने दर्द से बेहाल इस मरीज को बिना इलाज के ओपीडी के बाहर ही चादर बिछा कर लिटा दिया है,इसके शरीर मे इतनी भी ताकत नही है कि ये खड़ा हो सके लेकिन ठीक इसके बगल में नारेबाजी करते डॉक्टरों को इसका दर्द नही दिख रहा वो बस अपनी मांगों पर अड़े है। कोई पूर्णिया से आया है तो कोई बक्सर से तो कोई नवादा से। ये जनाब तो नेपाल से एम्स में इलाज कराने आये है इनका नाम विवेक है कहते है आया था कि यहां इस सबसे बड़े अस्पताल में अच्छा इलाज होता है पर यहां तो डॉक्टर ही स्ट्राइक पर है अब काहे का अच्छा इलाज। ऐसे ही खीज भड़े जवाब हर मरीज और उनके परिजनों से सुनने को मिल रहा हैं।


Conclusion:हड़ताली रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के कहना है कि बिल में कई खामियां है जिससे नाराज होकर हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल किया है और ये हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है,हम अपने भविष्य के साथ किसी को खिलवाड़ नही करने देंगे। उनका कहना है कि वो अपने हक की लड़ाई लड़ रहे है यदि मरीजो को इससे परेशानी होती है तो इसकी जिम्मेवारी सरकार को लेनी पड़ेगी। वो हड़ताल खत्म नही करेंगे मरीजो के लिए सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करे। इधर एम्स के निदेशक डॉ प्रभात कुमार का कहना है कि बेशक डॉक्टरों के हड़ताल में जाने से परेशानी बढ़ी है । इमरजेंसी और आईसीयू सेवा भी बाधित हुई है पर अब हड़ताल को देखते हुए एम्स प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर फैकेल्टी डॉक्टरों को ड्यूटी पर लगा दिया है। निदेशक का कहना है कि फिलहाल नए मरीजो को नही लिया जा रहा है जो पहले आए भर्ती है उन्ही का इलाज किया जा रहा है। जल्द ही कोई दूसरी व्यवस्था की जाएगी। बहरहाल धरती के भगवान तो रूत गए है पर इन मरीजो का क्या जो इन्ही भगवान के भरोसे है अब देखना है कि सरकार और इन रूठे हुए भगवानों की जंग में कितने मासूम मरीजो की जान जाती है।
बाइट - बिमला देवी - मरीज
बाइट - रफीक - मरीज
बाइट - विवेक - नेपाल से आया मरीज
बाइट - डॉ विनय - अध्यक्ष - रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन - एम्स
बाइट - डॉ प्रभात कुमार - निदेशक - एम्स पटना

कुणाल सिंह...ईटीवी भारत...पटना
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.