पटना: पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कन्या मध्य विद्यालय (kanya madhya vidyalay in patna) का औचक निरीक्षण किया. डीएम ने बच्चों को दी जाने वाली एमडीएम (Midday Meal Scheme) का जायजा लिया. निरीक्षण के दौरान डीएम ने स्कूल की तमाम व्यवस्थाओं का खुद आकलन किया. चंद्रशेखर सिंह ने विद्यालय को शत-प्रतिशत अंक दिया और कहा कि आगे भी इसी तरह से अन्य स्कूलों का भी निरीक्षण किया जाएगा.
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छात्राओं के साथ डीएम ने खाया भोजन: पटना डीएम डॉ. सिंह गुरुवार को कन्या मध्य विद्यालय, अमला टोला पहुंचे थे. डीएम के आने की विद्यालय में किसी को पहले से कोई सूचना प्राप्त नहीं थी. उन्होंने रसोई घर की साफ-सफाई का निरीक्षण किया. डीएम डॉ सिंह ने छात्राओं के साथ पंक्तिबद्ध होकर मध्याह्न भोजन योजना के तहत पका खाना खाया. भोजन का स्वाद लिया एवं गुणवत्ता की जांच की.
बच्चों में उत्साह: औचक निरीक्षण के दौरान डीएम ने बच्चों के लिए बनने वाले खानों की गुणवत्ता से लेकर साफ-सफाई की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया. उन्होंने कहा कि बच्चों का स्वास्थ्य एवं गुणवत्तापूर्ण उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण का निर्माण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. वहीं अपने बीच डीएम को पाकर बच्चे काफी गौरवान्वित दिखे. जिले के 3,149 विद्यालय में एमडीएम योजना चलता है. प्रतिदिन लगभग सवा चार लाख बच्चे इससे लाभान्वित होते हैं.
स्कूल की व्यवस्थाओं से डीएम संतुष्ट: पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने गर्दनीबाग स्थित कन्या मध्य विद्यालय, अमला टोला के औचक निरीक्षण के बाद छात्राओं, शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और शिक्षकों को संबोधित भी किया. डीएम डॉ सिंह ने कहा कि जिले में एमडीएम योजना का सफल क्रियान्वयन और भोजन के पोषक मानकों और क्वालिटी को सुनिश्चित करना सभी का दायित्व है. इससे खाद्य-सुरक्षा और प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी.
औचक निरीक्षण में स्कूल शत-प्रतिशत पास:साप्ताहिक मेनू के अनुसार गुरुवार को चावल, हरी-सब्जी युक्त मिश्रित दाल एवं सलाद बना था. डीएम ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यालय में साफ-सुथरे ढंग से भोजन पकाने की सुविधा है. सरकार द्वारा समय-समय पर जारी मध्याह्न भोजन मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुरूप विद्यालय में एमडीएम का संचालन हो रहा है. उन्होंने विद्यार्थियों से बातचीत की. बच्चे भी भोजन की गुणवत्ता से काफी खुश थे. बच्चों के लिए स्वच्छ, स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता देखकर डीएम भी संतुष्ट हुए और विद्यालय को एमडीएम योजना के क्रियान्वयन में शत-प्रतिशत अंक दिया. उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक, शिक्षकों एवं रसोइयों को भोजन की गुणवत्ता हमेशा बरकरार रखने के लिए प्रोत्साहित किया.
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