पटना: डी.एल.एड की मान्यता रद्द किए जाने को लेकर भारतीय स्वतंत्र शिक्षण संघ ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया. पटना सीटी में हुए इस विरोध प्रदर्शन में डी.एल.एड की डिग्री हासिल किए स्थानीय शिक्षकों ने भाग लिया. जिसमें सरकार की नीतियों के खिलाफ नारे लगाए गए और मांग नहीं माने जाने पर आगमी 15 सितंबर को उग्र आंदोलन करने की आह्वान किया.
अधर में लाखों शिक्षकों का भविष्य
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने बताया कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने शिक्षक बनने की लालसा रखने वाले अनट्रेंड शिक्षकों के लिए दो साल का डी.एल.एड कोर्स लाया था. देश भर के लाखों शिक्षकों ने इस कोर्स को किया, ताकि सरकारी व गैरसरकारी स्कूलों में वो अपना योगदान दे सकेंगे. लेकिन राष्ट्रीय अध्यापक प्रशिक्षण परिषद ने झटके में इसकी मान्यता को रद्द कर दिया. ऐसे में लाखों शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है.
कई परिवारों का भविष्य प्रभावित
भारतीय स्वतंत्र शिक्षण संघ के प्रदेश संयोजक संतोष शर्मा ने कहा कि सरकार को यह सोचना चाहिए कि उसकी एक नीति से लाखों परिवारों का भविष्य प्रभावित होता है. जिन युवाओं ने अपना बहुमूल्य समय और पैसा लगाकर इस कोर्स को किया, वो अब क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश को लोगों से अपील करता हूं कि 15 सितंबर को पटना के गांधा मैदान में जुट कर एक व्यापक विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने में सहयोग करें.