पटनाः : ग्रामीण इलाके यानी गांव भारत की संस्कृति और सभ्यता आज भी जिंदा है. दरअसल दीपावली के खास मौके पर बनाए जाने वाली चीनी की खिलौनेनुमा मिठाइयों की मसौढ़ी में काफी धूम मचती है. कहा जाता है कि इसके बिना दीपावली अधूरी है. हर घर में लोग खिलौनेनुमा मिठाइयां खरीदते हैं. जिसको लेकर मसौढ़ी बाजार में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं.
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मसौढ़ी में खिलौनेनुमा मिठाइयों की धूमः मिठाई बनाने वाले कारीगर रात दिन एक कर मिठाइयां बना रहे हैं. इसके बारे में कई लोगों का कहना यह भी है कि माता लक्ष्मी के पूजन में चीनी से बने हुए मिठाइयां का भोग लगाया जाता है और सबसे ज्यादा बच्चे खिलौनेनुमा मिठाई के प्रति आकर्षित होते हैं. ऐसे में आज भी शहरों की अपेक्षा ग्रामीण परिवेश में खिलौनेनुमा मिठाइयां को लेकर काफी लोग आकर्षित रहते हैं.
पुराणों में भी की गई है इसकी चर्चाः कई लोगों का मानना है कि इसकी चर्चा पुराणों में भी कही गई है, क्योंकि माता लक्ष्मी का हाथी घोड़ा ऊंट से काफी पुराना संबंध रहा है. ऐसे में लक्ष्मी पूजन में खिलौने की मिठाइयां लोग भोग के रूप में लगाते हैं तब से इस परिपाटी की शुरुआत हुई है और शहर की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर या देखने को मिलता है.