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CM फेस पर महागठबंधन में रार, तेजस्वी के सवर्ण कार्ड से NDA में बढ़ सकती हैं मुश्किलें - bjp attacks on tejashwi yadav

बिहार में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने को हैं. इसको लेकर अभी से ही पार्टी रणनीति बनाने में लगी है. हालांकि, महागठबंधन में अभी भी सीएम फेस और को-ऑर्डिनेशन कमेटी मामले में खुलासा नहीं हुआ है.

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Published : Jun 11, 2020, 5:42 PM IST

पटना: आगामी कुछ महीनों में बिहार विधानसभा का चुनाव होने हैं. एनडीए से लेकर महागठबंधन तक के नेता इसकी तैयारी में जुट गए हैं. आरजेडी ने छोटे-छोटे दलों को मिलाकर महागठबंधन का निर्माण किया. लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में महागठबंन का सूपड़ा साफ हो गया. वहीं, इस बार विधावसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में अभी भी कुछ बात बनती नहीं दिख रही है.

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महागठबंधन की बैठक, फाइल फोटो

हालांकि पिछले कोरोना काल से पहले पटना के बापू सभागार में महागठबंधन के दलों को एकजुट करने की कोशिश भी की गई थी. लेकिन को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मांग को लेकर महागठबंधन एक घटक दल गुटबाजी का शिकार हो गए. जिसमें जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी आरजेडी पर दबाव बनाने की कोशिश में बैठक करने लगे.

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मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता

CM फेस पर फंसा पेंच
दरअसल, महागठबंधन के अंदर सीएम फेस को लेकर सारी समस्या है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के दावेदार मानने को तैयार नहीं है. तीनों घटक दल लोकसभा चुनाव के बाद से ही आरजेडी पर को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग करने लगे. बता दें कि एक और जहां जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी हम ने उपचुनाव में नाथनगर से अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए. वहीं, दूसरी तरफ मुकेश सहनी ने भी अपनी पार्टी की ओर से उम्मीदवार खड़े किए. इन सबके बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अपने सहयोगी दलों के दबाव में नहीं झुके. माना जाता है कि उन्होंने दोनों राजनीतिक दलों को किनारा कर अपनी रणनीति पर चल पड़े. इन सबके बीच तेजस्वी यादव ने सवर्ण जाति से आने वाले एडिशन को राज्यसभा भेज दिया और भविष्य में स्वर्ण कार्ड खेलने के संकेत दे दिए. बता दें कि इससे पहले भी आरजेडी मनोज झा को राज्यसभा भेजा चुकी है.

सवर्ण कार्ड खेलने की तैयारी में तेजस्वी!
सूत्रों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानसभा चुनाव में सवर्ण कार्ड खेलने की योजना बना रहे हैं. जानकारी के मुताबिक आरजेडी बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में सवर्णों को टिकट देने की योजना बना रही है. सूत्र कहते हैं कि आरजेडी की सोच है कि जितने टिकट छोटे दलों के हिस्से में जाएंगे, उतनी ही संख्या में अगर सफल उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर एनडीए के लिए मुश्किलें खड़े कर सकते हैं. इस हिसाब से सवर्णों के खाते में 60 से 65 विधानसभा सीटें जा सकती हैं. इसको लेकर ब्राह्मण और भूमिहार जाति के नेताओं को राज्यसभा भेजकर तेजस्वी यादव ने संकेत भी दे दिए.

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प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

हम प्रवक्ता का आरजेडी पर तंज
इधर हम पार्टी आरजेडी पर हमलावर है. प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि बिहार में जिनका दल बड़ा है, सीएम उन्हीं के पार्टी से बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बननी चाहिए. लेकिन आरजेडी के कुछ बड़बोले नेता के कारण महागठबंधन बिखरता जा रहा है. हम प्रवक्ता ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने कई बार बिहार में को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मांग की. लेकिन अब तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया है. अगर स्थिति ऐसी ही रही तो आने वाले समय में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो जाएगा. वहीं, सूत्र बताते हैं कि हम पार्टी एनडीए खेमे में जाने की तैयारी में है. लगभग 12 विधानसभा सीटें और एक विधान परिषद सीट पर बातचीत चल रही है. दोनों दलों के शीर्ष नेता एक दूसरे के संपर्क में हैं.

पटना से रंजीत कुमार की रिपोर्ट

आरजेडी प्रवक्ता ने दी सफाई
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता ने मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दलित और सवर्ण सबकी चिंता करते हैं. उन्होंने कहा कि आरजेडी ने सभी दलों का साथ लिया है. आज सभी के बच्चे बेरोजगार हैं. उनके मुद्दे को तेजस्वी यादव उठा रहे हैं. आरजेडी प्रवक्ता ने आगे कहा कि आरजेडी जाति की नहीं बल्कि बिहार के विकास की राजनीति करती है.

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दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

BJP प्रवक्ता का आरजेडी पर आरोप
हालांकि, इन मुद्दों पर बीजेपी ने कई सवाल खड़े किए हैं. प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि अगड़ी जाति के लोग आरजेडी के पाले में नहीं आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि आरजेडी ने सवर्ण का शुरू से विरोध किया है. प्रेम रंजन पटेल ने बताया कि आरजेडी भूरा बाल साफ करो की बातें किया करती थी. अब दो सवर्णों को राज्यसभा भेजकर पार्टी सवर्णों जाति की वोट हासिल करने में लगी है.

पटना: आगामी कुछ महीनों में बिहार विधानसभा का चुनाव होने हैं. एनडीए से लेकर महागठबंधन तक के नेता इसकी तैयारी में जुट गए हैं. आरजेडी ने छोटे-छोटे दलों को मिलाकर महागठबंधन का निर्माण किया. लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में महागठबंन का सूपड़ा साफ हो गया. वहीं, इस बार विधावसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में अभी भी कुछ बात बनती नहीं दिख रही है.

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महागठबंधन की बैठक, फाइल फोटो

हालांकि पिछले कोरोना काल से पहले पटना के बापू सभागार में महागठबंधन के दलों को एकजुट करने की कोशिश भी की गई थी. लेकिन को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मांग को लेकर महागठबंधन एक घटक दल गुटबाजी का शिकार हो गए. जिसमें जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश सहनी आरजेडी पर दबाव बनाने की कोशिश में बैठक करने लगे.

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मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता

CM फेस पर फंसा पेंच
दरअसल, महागठबंधन के अंदर सीएम फेस को लेकर सारी समस्या है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के दावेदार मानने को तैयार नहीं है. तीनों घटक दल लोकसभा चुनाव के बाद से ही आरजेडी पर को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग करने लगे. बता दें कि एक और जहां जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी हम ने उपचुनाव में नाथनगर से अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए. वहीं, दूसरी तरफ मुकेश सहनी ने भी अपनी पार्टी की ओर से उम्मीदवार खड़े किए. इन सबके बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव अपने सहयोगी दलों के दबाव में नहीं झुके. माना जाता है कि उन्होंने दोनों राजनीतिक दलों को किनारा कर अपनी रणनीति पर चल पड़े. इन सबके बीच तेजस्वी यादव ने सवर्ण जाति से आने वाले एडिशन को राज्यसभा भेज दिया और भविष्य में स्वर्ण कार्ड खेलने के संकेत दे दिए. बता दें कि इससे पहले भी आरजेडी मनोज झा को राज्यसभा भेजा चुकी है.

सवर्ण कार्ड खेलने की तैयारी में तेजस्वी!
सूत्रों के मुताबिक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधानसभा चुनाव में सवर्ण कार्ड खेलने की योजना बना रहे हैं. जानकारी के मुताबिक आरजेडी बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में सवर्णों को टिकट देने की योजना बना रही है. सूत्र कहते हैं कि आरजेडी की सोच है कि जितने टिकट छोटे दलों के हिस्से में जाएंगे, उतनी ही संख्या में अगर सफल उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर एनडीए के लिए मुश्किलें खड़े कर सकते हैं. इस हिसाब से सवर्णों के खाते में 60 से 65 विधानसभा सीटें जा सकती हैं. इसको लेकर ब्राह्मण और भूमिहार जाति के नेताओं को राज्यसभा भेजकर तेजस्वी यादव ने संकेत भी दे दिए.

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प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता

हम प्रवक्ता का आरजेडी पर तंज
इधर हम पार्टी आरजेडी पर हमलावर है. प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि बिहार में जिनका दल बड़ा है, सीएम उन्हीं के पार्टी से बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बननी चाहिए. लेकिन आरजेडी के कुछ बड़बोले नेता के कारण महागठबंधन बिखरता जा रहा है. हम प्रवक्ता ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने कई बार बिहार में को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मांग की. लेकिन अब तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया है. अगर स्थिति ऐसी ही रही तो आने वाले समय में महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो जाएगा. वहीं, सूत्र बताते हैं कि हम पार्टी एनडीए खेमे में जाने की तैयारी में है. लगभग 12 विधानसभा सीटें और एक विधान परिषद सीट पर बातचीत चल रही है. दोनों दलों के शीर्ष नेता एक दूसरे के संपर्क में हैं.

पटना से रंजीत कुमार की रिपोर्ट

आरजेडी प्रवक्ता ने दी सफाई
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता ने मृत्युंजय तिवारी ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दलित और सवर्ण सबकी चिंता करते हैं. उन्होंने कहा कि आरजेडी ने सभी दलों का साथ लिया है. आज सभी के बच्चे बेरोजगार हैं. उनके मुद्दे को तेजस्वी यादव उठा रहे हैं. आरजेडी प्रवक्ता ने आगे कहा कि आरजेडी जाति की नहीं बल्कि बिहार के विकास की राजनीति करती है.

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दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

BJP प्रवक्ता का आरजेडी पर आरोप
हालांकि, इन मुद्दों पर बीजेपी ने कई सवाल खड़े किए हैं. प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि अगड़ी जाति के लोग आरजेडी के पाले में नहीं आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि आरजेडी ने सवर्ण का शुरू से विरोध किया है. प्रेम रंजन पटेल ने बताया कि आरजेडी भूरा बाल साफ करो की बातें किया करती थी. अब दो सवर्णों को राज्यसभा भेजकर पार्टी सवर्णों जाति की वोट हासिल करने में लगी है.

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