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शिक्षक नियोजन की जांच में खुलासा, फर्जी सर्टिफिकेट पर नालंदा के 26 अभ्यर्थी चयनित

बिहार शिक्षक नियोजन में फर्जीवाड़े का आलम ये है कि नालंदा के 26 अभ्यर्थियों का चयन फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर हो गया. हालांकि, बाद में वे पकड़े गए, जिनपर कार्रवाई की जा रही है. पढ़ें पूरी खबर....

विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री
विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री
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Published : Aug 28, 2021, 12:00 PM IST

पटनाः बिहार में शिक्षक नियोजन (Primary Teacher Planning) में इस बार भी अभ्यर्थी बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा (Forgery) कर रहे हैं. फर्जी सर्टिफिकेट (Duplicate Certificate) पर नौकरी के लिए अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है और वे चयनित भी हो जा रहे हैं. नालंदा के 26 अभ्यर्थियों ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर शिक्षक नियोजन में चयनित हुए हैं. उनपर कार्रवाई की जा रही है.

इसे भी पढ़ें- प्राथमिक शिक्षक नियोजन काउंसलिंग: छठे चरण के दूसरे राउंड के बाद भी 48 हजार पद खाली

"शिक्षक नियोजन में जहां भी फर्जीवाड़े की सूचना मिल रही, वहां तुरंत एक्शन लिया जा रहा है. हम तो कहते हैं कि फर्जी करने वालों को हमारे सामने लाइए, हम कार्रवाई करेंगे. दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए सरकार और विभाग प्रतिबद्ध है."- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री

देखें वीडियो

इधर, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि नालंदा जिले में 26 ऐसे अभ्यर्थी पकड़े गए हैं, जिन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर चयन पत्र पा लिया है. ऐसे सभी 26 अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. नालंदा के अलावा सासाराम सहित अन्य जिलों में भी सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट जांच के दौरान प्रारंभिक स्तर पर ही बड़ी संख्या में फर्जी सर्टिफिकेट के साथ आवेदन करने वाले पकड़े गए हैं. इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थियों के टीईटी सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं.

इसे भी पढ़ें- फर्जी डिग्री पर बन गए PMCH अधीक्षक! अब आरोपों की जांच करेगा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो

शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी नियोजन प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा रूकने का नाम नहीं ले रहा है. तमाम कोशिशों के बाद भी इस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं. इस स्थिति में शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती निष्पक्ष तरीके से अभ्यर्थियों के चयन और नियुक्ति पत्र देने की है. हालांकि, शिक्षा मंत्री इस बात को लगातार कहते आ रहे हैं कि कागजातों की पूरी जांच के बाद ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है.

बताते चलें कि अभी बिहार में प्राथमिक शिक्षक नियोजन के छठे चरण के दो दौर की काउंसलिंग चल रही है. इस काउंसलिंग के बाद भी 48 हजार से ज्यादा सीटें खाली हैं. इनमें कक्षा 1 से 5 में 36,428 जबकि कक्षा 6 से 8 में 11,478 पद खाली हैं. इस बीच अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़ा भी सामने आ रहा है.

पटनाः बिहार में शिक्षक नियोजन (Primary Teacher Planning) में इस बार भी अभ्यर्थी बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा (Forgery) कर रहे हैं. फर्जी सर्टिफिकेट (Duplicate Certificate) पर नौकरी के लिए अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है और वे चयनित भी हो जा रहे हैं. नालंदा के 26 अभ्यर्थियों ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर शिक्षक नियोजन में चयनित हुए हैं. उनपर कार्रवाई की जा रही है.

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इधर, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि नालंदा जिले में 26 ऐसे अभ्यर्थी पकड़े गए हैं, जिन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर चयन पत्र पा लिया है. ऐसे सभी 26 अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. नालंदा के अलावा सासाराम सहित अन्य जिलों में भी सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट जांच के दौरान प्रारंभिक स्तर पर ही बड़ी संख्या में फर्जी सर्टिफिकेट के साथ आवेदन करने वाले पकड़े गए हैं. इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थियों के टीईटी सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं.

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शिक्षा विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी नियोजन प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा रूकने का नाम नहीं ले रहा है. तमाम कोशिशों के बाद भी इस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं. इस स्थिति में शिक्षा विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती निष्पक्ष तरीके से अभ्यर्थियों के चयन और नियुक्ति पत्र देने की है. हालांकि, शिक्षा मंत्री इस बात को लगातार कहते आ रहे हैं कि कागजातों की पूरी जांच के बाद ही अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है.

बताते चलें कि अभी बिहार में प्राथमिक शिक्षक नियोजन के छठे चरण के दो दौर की काउंसलिंग चल रही है. इस काउंसलिंग के बाद भी 48 हजार से ज्यादा सीटें खाली हैं. इनमें कक्षा 1 से 5 में 36,428 जबकि कक्षा 6 से 8 में 11,478 पद खाली हैं. इस बीच अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़ा भी सामने आ रहा है.

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