पटना: बिहार में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया उस तरह से नहीं हुई, जिस तरह से सरकार ने दावा किया था. सरकार ने इसे जल्द से जल्द पूरा करने की बात करते हुए नियोजन प्रक्रिया शुरू करवायी. लेकिन हालात ऐसे आ गए कि पिछले साल शुरू हुई प्रक्रिया अब तक ठंडे बस्ते पर है. लिहाजा, अभ्यर्थी परेशान और हताश हो उठे हैं.
कोरोना काल के बुरे दौर में अभ्यर्थी सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से अपनी मांग रख रहे हैं. बेबसी बता रहे हैं और ये भी कह रहे हैं कि आर्थिक तंगी के चलते अब वो और इंतजार नहीं कर सकते. बिहार में करीब 90 हजार प्राथमिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया, पिछले साल जुलाई महीने में शुरू हुई थी. 1 साल बीत गया, अब तक नियोजन पूरा नहीं हो पाया है.
समय से पूरा होगा नियोजन या नहीं?
बहुत जल्द बिहार में चुनाव होने हैं और वर्तमान परिस्थितियों को देखकर शिक्षक अभ्यर्थी सशंकित हैं कि यह नियोजन समय पर पूरा हो पाएगा या नहीं. हालांकि सरकार ने आज यह साफ कर दिया है कि कक्षा 6 से 8 तक के नियोजन की प्रक्रिया में मेधा सूची बनाने का काम जारी रहेगा. लेकिन नियोजन का ये पेंच कहा फंस गया. इसको लेकर ईटीवी भारत संवाददाता अमित वर्मा ने पूरी रिपोर्ट तैयार की.
ईटीवी भारत ने दी प्राथमिकता
बिहार में पिछले साल करीब 90 हजार शिक्षक पद के लिए छठे चरण की नियोजन प्रक्रिया शुरू हुई. सरकार का दावा था कुछ महीने में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. लेकिन 1 साल बीतने को है, अब तक पूरा मामला जस का तस है. ईटीवी भारत पहले दिन से ही शिक्षक नियोजन की खबरें प्राथमिकता के तौर पर दिखाता रहा है. हमने अपनी जिम्मेदारी से स्कूलों में शिक्षक नियोजन का महत्व समझते हुए और शिक्षक अभ्यर्थियों की परेशानी देखते हुए हमेशा प्रमुखता से शिक्षक नियोजन से जुड़ी खबरें प्रसारित की हैं.
#EtvBharat4Teachers : हैज टैग के माध्यम से अभ्यर्थी लगातार हमें अपनी प्रतिक्रिया भेज रहे हैं.
'बिहार में बहुत जल्द चुनाव होने हैं और इस बीच पटना हाई कोर्ट के आदेश के कारण प्राथमिक शिक्षकों का नियोजन स्थगित हो गया है. दो अलग अलग मामलों को लेकर नियोजन प्रक्रिया पर कोर्ट ने रोक लगाई है और इस मामले में 4 सितंबर और 7 सितंबर को सुनवाई होनी है. इस बारे में शिक्षक लगातार सरकार से अपील कर रहे हैं कि उन्हें कोर्ट में इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए, ताकि शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो सके.'
अभ्यर्थियों का दर्द
ईटीवी भारत को वीडियो साझा करते हुए एक अभ्यर्थी ने अपनी बेटी के माध्यम से पीड़ा बयां की. इस वीडियो के मुताबिक बच्ची कह रही है, 'मम्मी को नौकरी मिलेगी, तब न मैं अच्छे से पढ़ पाऊंगी. उन्हें जल्दी से नौकरी दे दी जाए.'
एक अभ्यर्थी ने कहा, 'सरकार क्वालिटी शिक्षा की बात करती है. लेकिन वो कैसे आएगी, जब बिहार में शिक्षकों की कमी है. कृपा इस बहाली को पूरा कराया जाए. हम बेरोजगारों की सुनी जाए.'
प्लीज कर दीजिए बहाली
एक महिला अभ्यर्थी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार जी प्लीज चुनाव के पहले बहाली को पूरा किया जाए. उसने आगे कहा कि कोरोना काल में जब चुनाव कराया जा सकता है, तो ये बहाली क्यों नहीं. हम सभी तनावग्रस्त हैं, हमारी मनोस्थिति को पहचानते हुए इस प्रक्रिया को पूरा करें.
आक्रोश में अभ्यर्थी
पिछले दिनों आक्रोशित अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के खिलाफ बिगुल फूंका था. अभ्यर्थियों ने 'नियोजन नहीं, तो वोट नहीं' हैज टैग पर ट्वीट किया था. यह इंडिया टॉप ट्रेंड कर रहा था. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व सांसद कीर्ति आजाद झा और कांग्रेस एमएलसी प्रेम चंद्र पटेल ने इसका समर्थन करते हुए सरकार से नियोजन को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की.
सवालों का जवाब
परेशान शिक्षक अभ्यर्थियों की समस्या का समाधान को ढूंढने के लिए ईटीवी भारत ने शिक्षा विभाग से संपर्क किया. खास बातचीत में बिहार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने विस्तार से छठे चरण के शिक्षक नियोजन से जुड़ी सारी बातें साझा की.
- शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने बताया कि सरकार नियोजन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. सरकार की तरफ से महाधिवक्ता से यह अनुरोध किया गया है कि कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए याचिका दायर किया जाए, ताकि इस मामले का जल्द निपटारा हो और नियोजन की प्रक्रिया समय से पूरी हो जाए.
- हालांकि, प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के साथ यह भी बताया कि आखिर क्यों बार-बार छठे चरण के नियोजन की प्रक्रिया में रुकावट हो रही है. उन्होंने अभ्यर्थियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं.
- इस बारे में कक्षा 6 से 8 तक के लिए तो सरकार ने नियोजन की प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति भी दे दी है क्योंकि कक्षा 6 से 8 के नियोजन पर हाई कोर्ट का कोई रोक का आदेश नहीं है. हालांकि, नियोजन पत्र हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही सरकार दे सकती है.
कहां फंसा है पेंच
वर्ष 2019 के दिसंबर महीने में सीटेट पास करने वाले एनआईओएस डीएलएड अभ्यर्थियों ने नियोजन में मौका दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अपील की थी. उसके बाद पटना हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है और 4 सितंबर तक सरकार को इस बारे में जवाब देना है. पटना हाई कोर्ट ने नियोजन की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है. लेकिन इस मामले की सुनवाई होने तक नियोजन पत्र बांटने पर रोक लगाई है.
कक्षा 1 से 5 तक के नियोजन में शिक्षा विभाग ने डीएलएड अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने का आदेश जारी किया था, जिसे पटना हाईकोर्ट में बीएड अभ्यर्थियों ने चैलेंज किया. जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने नियोजन की प्रक्रिया पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इस बारे में अगली सुनवाई 7 सितंबर को होनी है. हाईकोर्ट ने सरकार से इस मामले में जवाब मांगा है और क्योंकि मामला प्राथमिकता का है इसलिए मेधा सूची तैयार करने का कोई फायदा नहीं है.