ETV Bharat / state

Opposition Unity : केजरीवाल के रवैये पर दीपांकर नाराज, कहा- ' बैठक को लेकर आप की रीडिंग दुर्भाग्यपूर्ण'

विपक्षी एकता की बैठक के बाद भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने अरविंद केजरीवाल के रवैये पर नाराज हैं. उन्होंने कहा कि मैं इसे दुखद मानूंगा कि आम आदमी पार्टी ने अगर इस बैठक को इस तरह से रीड किया कि आर्डिनेंस को लेकर कांग्रेस में कोई दुविधा है, जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी. अगर ये उनका निष्कर्ष है तो मैं इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहूंगा. पढ़ें पूरी खबर..

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jun 23, 2023, 10:26 PM IST

दीपांकर भट्टाचार्य का बयान

पटना : बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को विपक्षी एकजुटता की महा बैठक संपन्न हुई. इसमें देश के 17 प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए. इस बैठक के बाद जहां एक ओर चर्चाएं उमड़ने लगी कि अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ किसी गठबंधन में आगे बढ़ने के लिए तैयार नहीं है. वहीं दूसरी ओर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि अगर आम आदमी पार्टी ने अगर इस बैठक को इस तरह से रीड किया कि आर्डिनेंस को लेकर कांग्रेस में कोई दुविधा है, तो यह काफी दुखद है.

ये भी पढ़ें : Patna Opposition Meeting : शिमला में फिर बैठेंगे विपक्षी दल, संयोजक के नाम पर वहीं लगेगी मुहर

'आम आदमी पार्टी की रीडिंग दुर्भाग्यपूर्ण' : दीपांकर ने कहा कि आम आदमी पार्टी जो सोच रही है. वैसा कुछ नहीं है. अगर वह यह निष्कर्ष पर आती है कि बैठक में आर्डिनेंस के लिए कांग्रेस में दुविधा है, तो ऐसा कुछ है. उनकी रीडिंग गलत है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. वैसे यह भी एक एक पासिंग फेज है. सब मिलजुलकर इसे आगे बढ़ाएंगे. वहीं उन्होंने कहा कि यह संविधान का, ज्युडिशरी का और संघीय ढांचे का सवाल है.

"मैं इसे दुखद मानूंगा कि आम आदमी पार्टी ने अगर इस बैठक को इस तरह से रीड किया कि आर्डिनेंस को लेकर कांग्रेस में कोई दुविधा है, जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी. अगर ये उनका निष्कर्ष है तो मैं इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहूंगा. वैसे यह भी एक एक पासिंग फेज है. सब मिलजुलकर इसे आगे बढ़ाएंगे" - दीपांकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय महासचिव, भाकपा माले

आप के वाकआउट करने की बात गलत: दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यदि चर्चाएं हैं कि आम आदमी पार्टी के बैठक से वॉकआउट करने की तो यह गलत है. आम आदमी पार्टी के 4 -4 नेता बैठक में मौजूद रहे. जहां तक दिल्ली के ऑर्डिनेंस की बात है तो इस पर बातें हुई और सब ने यह महसूस किया कि यह सिर्फ दिल्ली का मसला नहीं है. यह संविधान पर सीधा अटैक है. संविधान पीठ ने जब फैसला दिया, उसके खिलाफ ऑर्डिनेंस लाया गया है.

'कश्मीर के मुद्दे पर पूरा हिंदुस्तान चुप था' : दीपांकर ने कहा कि इस मसले पर कश्मीर से जो दो प्रमुख दलों के नेता थे दोनों ने एक स्वर से कहा कि इसकी शुरुआत तो कश्मीर से हुई थी. कश्मीर से जब राज्य का दर्जा छीन लिया गया और 2 केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया. 370 जैसे विशेष अधिकार को छीन लिया गया. उस समय बहुत सारे लोग हिंदुस्तान में चुप थे. उस समय आम आदमी पार्टी के लोग भी चुप थे और समर्थन में थे. यह उन लोगों को उस समय अटपटा लगा था.

विपक्ष के बंटे रहने की अवधारणा टूटी: दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर विस्तार से बातें हुई और तीन बातें निकल कर सामने आई. पहला यह कि देश में जो एक अवधारणा है कि विपक्ष बंटा हुआ है, इसलिए भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है. इस अवधारणा को तोड़ा जाए और विपक्ष की वजह से कोई मौका भाजपा को ना दिया जाए. विपक्ष पूरी तरह से यूनाइटेड रहे. दूसरी बात यह रही कि आज कहने के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष की बातें की जाती है, लेकिन आज के समय देश में भारतीय जनता पार्टी भारतीय सत्ता पार्टी बन के रह गई है.

कांग्रेस लचीलापन रवैया अपनाने को तैयार: दीपांकर ने कहा कि कांग्रेस को जहां भी लचीलापन अख्तियार करना होगा लचीलापन रवैया अपनाएगी और इसके लिए वह तैयार हैं. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जहां तक अतीत की बातें हैं उसे छोड़ दीजिए और आज की स्थिति पर नए तरीके से रणनीति तैयार कीजिए. ऐसा इसलिए उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कांग्रेस सत्ता में रही है और इस दौरान कई राजनीतिक दल कांग्रेस का विरोध कर राजनीतिक शुरुआत किए हैं. सभी ने इस बात पर बल दिया कि देश में जितना संभव हो वोट के बिखराव को रोका जाए.

बिहार के डीएनए में लोकतंत्र: दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में विपक्षी एकता की पहली बैठक के लिए इसलिए चुना गया, क्योंकि बिहार के डीएनए में लोकतंत्र है. बिहार आंदोलनों का प्रदेश है. विपक्षी एकजुटता के लिए गतिरोध भाकपा माले के राष्ट्रीय अधिवेशन के समय से टूटने लगे थे. उस अधिवेशन में नीतीश कुमार भी आए, सलमान खुर्शीद सम्मिलित हुए और उस समय उन लोगों ने जीतन राम मांझी को भी न्योता भेजा था जो नहीं शामिल हुए और आज वह महागठबंधन छोड़ दिए हैं. इसके बाद कर्नाटक का चुनाव का जो परिणाम आया वह यह उम्मीद जगाया की एकजुट होकर भाजपा को हराया जा सकता है.

अगली बैठक शिमला में होगी : दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि अगली बैठक कांग्रेस के नेतृत्व में शिमला में होगी और इसका अभी डेट तय नहीं हुआ है. सभी ने बैठक में महसूस किया की अगली बैठक कांग्रेस के नेतृत्व में हो. ऐसे में जाहिर सी बात है कि इस बैठक में जितनी बातें हुई है उससे आगे की बातें शिमला की बैठक में होगी. अगर जो टेंटेटिव डेट निकाला जा रहा है उतने कम समय में बैठक होगी तो कितना ग्राउंड हम सब कवर कर पाएंगे यह देखने वाली बात होगी.

दीपांकर भट्टाचार्य का बयान

पटना : बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को विपक्षी एकजुटता की महा बैठक संपन्न हुई. इसमें देश के 17 प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए. इस बैठक के बाद जहां एक ओर चर्चाएं उमड़ने लगी कि अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के साथ किसी गठबंधन में आगे बढ़ने के लिए तैयार नहीं है. वहीं दूसरी ओर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बताया कि अगर आम आदमी पार्टी ने अगर इस बैठक को इस तरह से रीड किया कि आर्डिनेंस को लेकर कांग्रेस में कोई दुविधा है, तो यह काफी दुखद है.

ये भी पढ़ें : Patna Opposition Meeting : शिमला में फिर बैठेंगे विपक्षी दल, संयोजक के नाम पर वहीं लगेगी मुहर

'आम आदमी पार्टी की रीडिंग दुर्भाग्यपूर्ण' : दीपांकर ने कहा कि आम आदमी पार्टी जो सोच रही है. वैसा कुछ नहीं है. अगर वह यह निष्कर्ष पर आती है कि बैठक में आर्डिनेंस के लिए कांग्रेस में दुविधा है, तो ऐसा कुछ है. उनकी रीडिंग गलत है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है. वैसे यह भी एक एक पासिंग फेज है. सब मिलजुलकर इसे आगे बढ़ाएंगे. वहीं उन्होंने कहा कि यह संविधान का, ज्युडिशरी का और संघीय ढांचे का सवाल है.

"मैं इसे दुखद मानूंगा कि आम आदमी पार्टी ने अगर इस बैठक को इस तरह से रीड किया कि आर्डिनेंस को लेकर कांग्रेस में कोई दुविधा है, जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी. अगर ये उनका निष्कर्ष है तो मैं इसे दुर्भाग्यपूर्ण कहूंगा. वैसे यह भी एक एक पासिंग फेज है. सब मिलजुलकर इसे आगे बढ़ाएंगे" - दीपांकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय महासचिव, भाकपा माले

आप के वाकआउट करने की बात गलत: दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि यदि चर्चाएं हैं कि आम आदमी पार्टी के बैठक से वॉकआउट करने की तो यह गलत है. आम आदमी पार्टी के 4 -4 नेता बैठक में मौजूद रहे. जहां तक दिल्ली के ऑर्डिनेंस की बात है तो इस पर बातें हुई और सब ने यह महसूस किया कि यह सिर्फ दिल्ली का मसला नहीं है. यह संविधान पर सीधा अटैक है. संविधान पीठ ने जब फैसला दिया, उसके खिलाफ ऑर्डिनेंस लाया गया है.

'कश्मीर के मुद्दे पर पूरा हिंदुस्तान चुप था' : दीपांकर ने कहा कि इस मसले पर कश्मीर से जो दो प्रमुख दलों के नेता थे दोनों ने एक स्वर से कहा कि इसकी शुरुआत तो कश्मीर से हुई थी. कश्मीर से जब राज्य का दर्जा छीन लिया गया और 2 केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया. 370 जैसे विशेष अधिकार को छीन लिया गया. उस समय बहुत सारे लोग हिंदुस्तान में चुप थे. उस समय आम आदमी पार्टी के लोग भी चुप थे और समर्थन में थे. यह उन लोगों को उस समय अटपटा लगा था.

विपक्ष के बंटे रहने की अवधारणा टूटी: दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि इस बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर विस्तार से बातें हुई और तीन बातें निकल कर सामने आई. पहला यह कि देश में जो एक अवधारणा है कि विपक्ष बंटा हुआ है, इसलिए भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है. इस अवधारणा को तोड़ा जाए और विपक्ष की वजह से कोई मौका भाजपा को ना दिया जाए. विपक्ष पूरी तरह से यूनाइटेड रहे. दूसरी बात यह रही कि आज कहने के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष की बातें की जाती है, लेकिन आज के समय देश में भारतीय जनता पार्टी भारतीय सत्ता पार्टी बन के रह गई है.

कांग्रेस लचीलापन रवैया अपनाने को तैयार: दीपांकर ने कहा कि कांग्रेस को जहां भी लचीलापन अख्तियार करना होगा लचीलापन रवैया अपनाएगी और इसके लिए वह तैयार हैं. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जहां तक अतीत की बातें हैं उसे छोड़ दीजिए और आज की स्थिति पर नए तरीके से रणनीति तैयार कीजिए. ऐसा इसलिए उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कांग्रेस सत्ता में रही है और इस दौरान कई राजनीतिक दल कांग्रेस का विरोध कर राजनीतिक शुरुआत किए हैं. सभी ने इस बात पर बल दिया कि देश में जितना संभव हो वोट के बिखराव को रोका जाए.

बिहार के डीएनए में लोकतंत्र: दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार में विपक्षी एकता की पहली बैठक के लिए इसलिए चुना गया, क्योंकि बिहार के डीएनए में लोकतंत्र है. बिहार आंदोलनों का प्रदेश है. विपक्षी एकजुटता के लिए गतिरोध भाकपा माले के राष्ट्रीय अधिवेशन के समय से टूटने लगे थे. उस अधिवेशन में नीतीश कुमार भी आए, सलमान खुर्शीद सम्मिलित हुए और उस समय उन लोगों ने जीतन राम मांझी को भी न्योता भेजा था जो नहीं शामिल हुए और आज वह महागठबंधन छोड़ दिए हैं. इसके बाद कर्नाटक का चुनाव का जो परिणाम आया वह यह उम्मीद जगाया की एकजुट होकर भाजपा को हराया जा सकता है.

अगली बैठक शिमला में होगी : दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि अगली बैठक कांग्रेस के नेतृत्व में शिमला में होगी और इसका अभी डेट तय नहीं हुआ है. सभी ने बैठक में महसूस किया की अगली बैठक कांग्रेस के नेतृत्व में हो. ऐसे में जाहिर सी बात है कि इस बैठक में जितनी बातें हुई है उससे आगे की बातें शिमला की बैठक में होगी. अगर जो टेंटेटिव डेट निकाला जा रहा है उतने कम समय में बैठक होगी तो कितना ग्राउंड हम सब कवर कर पाएंगे यह देखने वाली बात होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.