पटना: राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर डीजल से चलने वाले वाहनों को बंद करने के आदेश के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. इसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है. विपक्ष का कहना है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए ही सरकार डीजल से चलने वाले वाहनों को बंद करके गरीबों पर अत्याचार कर रही है.
हम प्रवक्ता विजय यादव का कहना है कि सरकार के आदेशानुसार यदि डीजल से चलने वाली गाड़ियों बंद कर दिया जाए तो इन्हें कहा रखा रखा जायेगा. इसलिये सरकार को पहले वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए. वहीं आरएलएसपी प्रवक्ता अभिषेक झा का कहना है कि जबतक बिहार में सीएनजी स्टेशन नहीं खुल जाता तबतक गाड़ियों की धर-पकड़ करने का कोई मतलब नहीं है. यह सिर्फ कमाई का जरिया बन गया है.
2021 तक नहीं बंद होंगे डीजल से चलने वाले वाहन
इधर, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला ने साफ कर दिया है कि अभी डीजल से चलने वाले ऑटो या बस को बंद नहीं किया जाएगा बल्कि 2021 तक सरकार उन्हें मोहलत दे रही है ताकि लोग अपने वाहनों के सीएनजी में बदल ले. डीजल से चलने वाले ऑटो को सीएनजी में बदलने के लिए सरकार आर्थिक मदद देगी और लोगों में जागरूकता फैलागी.
राजधानी में जल्द खुलेंगे CNG स्टेशन
परिवहन मंत्री ने बताया कि 3 महीने के अंदर राजधानी में दर्जनों सीएनजी स्टेशन खुल जाएंगे. अभी पटना में चलने वाले सीएनजी गाड़ियों को दानापुर जाकर सीएनजी डलवाना पड़ता है. राजधानी में सीएनजी स्टेशन नहीं रहने के कारण गाड़ी मालिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.