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102 एंबुलेंस कर्मियों के साथ नहीं हो रहा श्रम कानून के नियमों का पालन- एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन - PDPL and Samman Foundation

डायल 102 एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के पटना जिलाध्यक्ष ने बताया कि जिस प्रकार की सुविधा एंबुलेंस कर्मियों को दी जाती है. उसका बिहार में पालन नहीं किया जाता है. साथ ही दिन-रात मेहनत के बाद हम लोगों को मात्र 9 हजार रुपये प्रतिमाह ही तनख्वाह मिलती है.

पटना
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Published : May 29, 2020, 6:12 PM IST

पटना: लॉकडाउन में जहां निजी एंबुलेंस वाले मनमाना पैसा ले रहे हैं. वहीं, डायल 102 एंबुलेंस की सभी गाड़ियां इस समय ओवरटाइम कर रही हैं. क्योंकि मरीजों का लोड ज्यादा है. आपात स्थिति में दूसरे जिले से राजधानी के अस्पतालों तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस ही एकमात्र साधन है.

डायल 102 एंबुलेंस की सुविधा किफायती और सुविधाजनक है. जिस कारण एंबुलेंस की खूब बुकिंग हो रही है और ऐसे में एंबुलेंस कर्मचारियों को ओवरटाइम करना पड़ रहा है. जिसमें कर्मचारियों का आरोप है कि ओवरटाइम का उनको पैसा भी नहीं दिया जा रहा है.

पटना
डायल 102 एंबुलेंस

'ओवरटाइम का वेतन नहीं मिलता'
डायल 102 एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के पटना जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि पटना में 230 एंबुलेंस कर्मी डायल 102 एंबुलेंस सेवा से जुड़े हैं, जिनमें ड्राइवर और हेल्पर भी सम्मिलित हैं. उन्होंने बताया कि हम लोगों के लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद पिछले 3 महीनों से पेमेंट टाइमली हुआ है, लेकिन पेमेंट देने में श्रम कानून के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. डायल 102 एंबुलेंस सेवा राज्य के सभी इलाकों में सुविधा पहुंचाती है. इस कारण पटना के पीएमसीएच और एनएमसीएच अस्पताल से 400 से 500 किलोमीटर दूर तक का भाड़ा बुक होता है. इस दौरान एंबुलेंस के कर्मियों को ओवरटाइम करना पड़ता है और इस ओवरटाइम का कंपनी की तरफ से कुछ नहीं मिलता.

पटना
राजेश कुमार, जिलाध्यक्ष, पटना एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन

'मात्र 9 हजार रुपये प्रतिमाह ही तनख्वाह'
राजेश कुमार ने बताया कि पिछले 3 महीनों में सभी एंबुलेंस कर्मियों ने सप्ताहिक अवकाश के दिन भी काम किया है. मगर इसका उन्हें कोई अतिरिक्त पैसा नहीं मिला है. दूसरे राज्यों में जो एंबुलेंस सेवाएं चलती हैं. वहां, जिस प्रकार की सुविधा एंबुलेंस कर्मियों को दी जाती है. उसका बिहार में पालन नहीं किया जाता है. साथ ही दिन-रात मेहनत के बाद हम लोगों को मात्र 9 हजार रुपये प्रतिमाह ही तनख्वाह मिलती है. गौरतलब है कि राज्य में डायल 102 एंबुलेंस की लगभग 1100 गाड़ियां हैं. जिनसे करीब 4500 की संख्या में कर्मचारी जुड़े हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

10 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से भाड़ा निर्धारित
वहीं, पटना जिले में कुल 65 एंबुलेंस हैं. जिससे 230 कर्मचारी जुड़े हुए हैं. राज्य में डायल 102 एंबुलेंस सेवा पीडीपीएल और सम्मान फाउंडेशन द्वारा संचालित की जाती है. ये एंबुलेंस सेवा पूरे बिहार भर में संचालित होती है. साथ ही बीपीएल सूची और आयुष्मान भारत के कार्डधारी मरीजों के लिए इसकी सुविधा नि:शुल्क होती है. डायल 102 एंबुलेंस 10 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से भाड़ा निर्धारित है.

पटना: लॉकडाउन में जहां निजी एंबुलेंस वाले मनमाना पैसा ले रहे हैं. वहीं, डायल 102 एंबुलेंस की सभी गाड़ियां इस समय ओवरटाइम कर रही हैं. क्योंकि मरीजों का लोड ज्यादा है. आपात स्थिति में दूसरे जिले से राजधानी के अस्पतालों तक पहुंचने के लिए एंबुलेंस ही एकमात्र साधन है.

डायल 102 एंबुलेंस की सुविधा किफायती और सुविधाजनक है. जिस कारण एंबुलेंस की खूब बुकिंग हो रही है और ऐसे में एंबुलेंस कर्मचारियों को ओवरटाइम करना पड़ रहा है. जिसमें कर्मचारियों का आरोप है कि ओवरटाइम का उनको पैसा भी नहीं दिया जा रहा है.

पटना
डायल 102 एंबुलेंस

'ओवरटाइम का वेतन नहीं मिलता'
डायल 102 एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के पटना जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि पटना में 230 एंबुलेंस कर्मी डायल 102 एंबुलेंस सेवा से जुड़े हैं, जिनमें ड्राइवर और हेल्पर भी सम्मिलित हैं. उन्होंने बताया कि हम लोगों के लंबे विरोध प्रदर्शन के बाद पिछले 3 महीनों से पेमेंट टाइमली हुआ है, लेकिन पेमेंट देने में श्रम कानून के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. डायल 102 एंबुलेंस सेवा राज्य के सभी इलाकों में सुविधा पहुंचाती है. इस कारण पटना के पीएमसीएच और एनएमसीएच अस्पताल से 400 से 500 किलोमीटर दूर तक का भाड़ा बुक होता है. इस दौरान एंबुलेंस के कर्मियों को ओवरटाइम करना पड़ता है और इस ओवरटाइम का कंपनी की तरफ से कुछ नहीं मिलता.

पटना
राजेश कुमार, जिलाध्यक्ष, पटना एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन

'मात्र 9 हजार रुपये प्रतिमाह ही तनख्वाह'
राजेश कुमार ने बताया कि पिछले 3 महीनों में सभी एंबुलेंस कर्मियों ने सप्ताहिक अवकाश के दिन भी काम किया है. मगर इसका उन्हें कोई अतिरिक्त पैसा नहीं मिला है. दूसरे राज्यों में जो एंबुलेंस सेवाएं चलती हैं. वहां, जिस प्रकार की सुविधा एंबुलेंस कर्मियों को दी जाती है. उसका बिहार में पालन नहीं किया जाता है. साथ ही दिन-रात मेहनत के बाद हम लोगों को मात्र 9 हजार रुपये प्रतिमाह ही तनख्वाह मिलती है. गौरतलब है कि राज्य में डायल 102 एंबुलेंस की लगभग 1100 गाड़ियां हैं. जिनसे करीब 4500 की संख्या में कर्मचारी जुड़े हुए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

10 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से भाड़ा निर्धारित
वहीं, पटना जिले में कुल 65 एंबुलेंस हैं. जिससे 230 कर्मचारी जुड़े हुए हैं. राज्य में डायल 102 एंबुलेंस सेवा पीडीपीएल और सम्मान फाउंडेशन द्वारा संचालित की जाती है. ये एंबुलेंस सेवा पूरे बिहार भर में संचालित होती है. साथ ही बीपीएल सूची और आयुष्मान भारत के कार्डधारी मरीजों के लिए इसकी सुविधा नि:शुल्क होती है. डायल 102 एंबुलेंस 10 रुपये प्रति किलोमीटर की दर से भाड़ा निर्धारित है.

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