पटना: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है. भाजपा और जदयू के बीच सदन के अंदर और सदन के बाहर विवाद बरकरार (Difference Between BJP JDU) है. विवाद सुलझाने के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मध्यस्थ की भूमिका में आए और सीजफायर हुआ. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दोनों दलों के बीच विवाद (BJP Leaders Statement Against JDU) की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा में जो गतिरोध देखने को मिला है, उस पर प्रदेश स्तर के नेता पक्ष रखेंगे.
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बीजेपी नेताओं को नसीहत: साथ ही धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रपति चुनाव तक भाजपा नेताओं को संयम बरतने की नसीहत दी गई है. दरअसल भाजपा और जदयू के बीच की रिश्तों की कड़वाहट सतह पर आ गई है. राजनैतिक मुद्दों पर विवादों से इतर दोनों दलों के बीच सदन में भी अभूतपूर्व तनाव का नजारा दिखा. अग्निपथ योजना को लेकर भाजपा और जदयू आमने-सामने है. अग्निपथ योजना को लेकर जहां विपक्ष बहस पर अड़ी है. वहीं जदयू नेता भी पुनर्विचार की बात कह रहे हैं.
जदयू से बढ़ रही दूरी!: विपक्षी सदस्य सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. इधर सदन के अंदर भी भाजपा और जदयू के बीच विवाद सतह पर आ गई है. दरअसल विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में सर्वोत्कृष्ट विधायक और विधानसभा पर चर्चा के लिए समय तय किया लेकिन तय समय पर जदयू नेताओं ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया और सिर्फ भाजपा के ही सदस्य सदन के अंदर थे. विकट परिस्थिति को देखते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी.
कई मुद्दों पर तल्खी: दूसरी तरफ सदन में विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कहा गया कि विधायकों को समाहरणालय और प्रखंड में दफ्तर दिया जाना चाहिए. इस पर सरकार को पहल करने की बात की गई. जदयू नेता इस बात से नाराज दिखे कि जो सरकार का क्षेत्राधिकार है या फिर जिसमें कार्य मंत्रणा पर सहमति नहीं बनी उस मुद्दे को भी सदन में रखा जा रहा है. राष्ट्रपति चुनाव से पहले तनाव की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना पड़ा और भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान दूत बनकर आए.
दूत बनकर पहुंचे थे धर्मेंद्र प्रधान: धर्मेंद्र प्रधान ने पहले तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से मुलाकात की इसके बाद भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर उनकी क्लास लगाई. धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रपति चुनाव तक नेताओं को बयानबाजी करने से परहेज करने को कहा है. इस बात पर भी सहमति बनी कि गठबंधन पर बयान देने से नेता बचे और संगठन महामंत्री जीतू भाई दलसानिया के सहमति के बगैर कोई नेता गठबंधन को लेकर बयान ना दें.
जारी है अग्निपथ पर घमासान: अग्निपथ योजना को लेकर पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि बीजेपी और जदयू के बीच कोई विवाद नहीं है. जदयू की तरफ से किसी विधायक ने कोई बयान नहीं दिया. जबकि जदयू विधायक डॉ संजीव ने कहा है कि अग्निपथ योजना को लेकर छात्रों में नाराजगी है सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए. वहीं बीजेपी अग्निपथ योजना को लेकर अपनी बात पर अड़ी है. इधर राजनीतिक विश्लेषक इस पूरे घटनाक्रम पर अपना तर्क देते हुए बिहार की राजनीति की भविष्यवाणी कर रहे हैं.
"जदयू ने कहा है क्या कि वह आरजेडी के साथ है? कोई सदन से एकाएक गायब नहीं हुआ है. हमने अंदर में ऐसा कुछ महसूस नहीं किया."- पवन जायसवाल, भाजपा विधायक
"अग्निपथ योजना ऐसी योजना है जिसकी सच्चाई सभी को पता है. युवाओं में आक्रोश है. हम किसी के साथ नहीं है. केंद्र सरकार को इसपर सोचना चाहिए. इसपर पुनर्विचार की जरूरत है."- डॉ संजीव, जदयू विधायक
"पूरे देश में आक्रोश है. हमारी मांग को जदयू के लोग भी समझ रहे हैं. वह भी इसपर चर्चा चाहती है. जदयू अग्निपथ को लेकर हमारे पक्ष में है."- अख्तरुल इमान शाहीन, राजद विधायक
"अग्निपथ योजना देश और युवाओं के पक्ष में है. साइबर कैफे में छात्रों की लाइन लगी है. योजना से देश मजबूत होगा. जदयू पुनर्विचार की बात नहीं कर रहा है."- हरि भूषण ठाकुर, भाजपा विधायक
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