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पटना में सावन की पहली सोमवारी पर शिव भक्तों ने किया जलाभिषेक, भारी संख्या में उमड़े लोग

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Published : Jul 18, 2022, 1:30 PM IST

पटना के जगदेव पथ में शिव मंदिर में काफी भीड़ देखने को मिल रही है. यहां काफी संख्या में शिव भक्त पहली सोमवारी के दिन जल अर्पण करने पहुंचे है. वहीं पुजारी ने कहा कि आज के दिन भोले बाबा को जल अर्पण करने का अलग ही महत्व है. पढ़ें पूरी खबर...

सावन के पहले सोमवारी
सावन के पहले सोमवारी

पटना: आज सावन की पहली सोमवारी (Sawan Somvar 2022) है. हालांकि सावन महीने की शुरूआत 14 जुलाई से ही हो गई थी. इस महीने के शुरू होते ही श्रद्धालु भगवान शिव की भक्ति में जुट जाते हैं लेकिन सोमवार के दिन बाबा भोलेनाथ की पूजा लोग काफी श्रद्धा और उत्साह के साथ करते हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, सावन का महीना (First Somvari Of Sawan) सबसे पवित्र माना जाता है. यह साल का पांचवा महीना है. यह माह भगवान शिव को समर्पित है. इस महीने में भगवान शिव पर जलाभिषेक करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

ये भी पढ़ेंः भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग, जिनके दर्शन से नष्ट होते हैं सभी संकट और पाप

सावन महीने में सोमवार का बहुत महत्वः मान्यता है कि इस महीने में सच्चे मन से भक्त अगर भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करें तो भोलेनाथ उनके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं. सावन महीनें में सोमवार का बहुत महत्व है. इस दिन व्रत रखने से काफी भक्तों को फायदा होता है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. सावन महीने की सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है. अगर विवाह में परेशानियां आ रही हैं, उन्हें इस महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं. सावन में शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

जगदेव पथ शिवालय में काफी भीड़: राजधानी पटना के जगदेव पथ स्थित शिवालय में काफी भीड़ देखने को मिली है. पिछले 2 सालों से कोरोना के लेकर शिवालय सावन के महीने में बंद रहा करते थे लेकिन इस बार शिवालय खुला हुआ है और लोग सावन की सोमवारी के दिन लगातार भगवान भोले पर जल अर्पण करते नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः Sawan 2022: सावन की पहली सोमवारी पर शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानिए पूजा विधि


क्या कहते हैं पुजारी: मंदिर के पुजारी रंजीत उपाध्याय का कहना है कि सोमवारी के दिन भगवान भोले पर जल चढ़ाने से सारी मनोकामना पूरी होती है. वैसे तो सोमवार जितने भी साल में होते हैं, सब भगवान भोले का ही दिन होता है लेकिन सावन की सोमवारी का विशेष महत्व है. माना जाता है कि जो भक्त सोमवारी के दिन भगवान भोले पर जल चढ़ाते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.

क्या कहा शिव भक्तों ने: शिवालय पहुंची रेखा देवी ने कहा कि हम लोग हर एक सोमवारी को यहां पर आकर भगवान भोले पर जल अर्पण करते हैं. सोमवारी का व्रत भी रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि परिवार में किसी भी तरह का दुख को भगवान दूर करते हैं. यही कारण है कि सोमवारी अधिकांश महिलाएं करती हैं.

12 अगस्त को समाप्त होगा सावनः आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से ही सावन मास की शुरुआत हो गई थी. साल 2022 के सावन में कुल 4 सोमवार हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस बार सावन 14 जुलाई से शुरू हुआ और 12 अगस्त को समाप्त होगा. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा सोमवार 25 जुलाई , तीसरा सोमवार 01 अगस्त और चौथा सोमवार 08 अगस्त को होगा और सावन मास की शिवरात्रि 26 जुलाई को है.

ये भी पढ़ेंः आज से मधुश्रावणी की शुरुआत, नवविवाहिता करती हैं पति के दीर्घायु होने की कामना

कैसे करें इस महीने में पूजाः इस महीने में सुबह जल्दी उठें. स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर में पूजा करें और देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. इसके बाद शिवलिंग पर गंगा जल और दूध चढ़ाएं और पुष्प अर्पित करें. इसके बाद शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाएं. इसके बाद भोलेनाथ की आरती करें और भोग लगाएं. ध्यान रखें कि इस महीने में भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.

'सोमवारी के दिन भगवान भोले पर जल चढ़ाने से सारी मनोकामना पूरी होती है ऐसे सोमवार जितना भी साल में होता है. सब भगवान भोले का ही दिन होता है. लेकिन सावन के सोमवारी का विशेष महत्व है माना जाता है कि जो भक्त सोमवारी के दिन भगवान भोले पर जल चढ़ाते हैं'- रंजीत उपाध्याय, पुजारी

पटना: आज सावन की पहली सोमवारी (Sawan Somvar 2022) है. हालांकि सावन महीने की शुरूआत 14 जुलाई से ही हो गई थी. इस महीने के शुरू होते ही श्रद्धालु भगवान शिव की भक्ति में जुट जाते हैं लेकिन सोमवार के दिन बाबा भोलेनाथ की पूजा लोग काफी श्रद्धा और उत्साह के साथ करते हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, सावन का महीना (First Somvari Of Sawan) सबसे पवित्र माना जाता है. यह साल का पांचवा महीना है. यह माह भगवान शिव को समर्पित है. इस महीने में भगवान शिव पर जलाभिषेक करने मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

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सावन महीने में सोमवार का बहुत महत्वः मान्यता है कि इस महीने में सच्चे मन से भक्त अगर भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करें तो भोलेनाथ उनके सभी कष्टों को दूर कर देते हैं. सावन महीनें में सोमवार का बहुत महत्व है. इस दिन व्रत रखने से काफी भक्तों को फायदा होता है. इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. सावन महीने की सोमवार के व्रत का फल बहुत जल्दी मिलता है. अगर विवाह में परेशानियां आ रही हैं, उन्हें इस महीने में भगवान शंकर की विशेष पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा से विवाह संबंधित समस्याएं दूर हो जाती हैं. सावन में शिव की पूजा करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

जगदेव पथ शिवालय में काफी भीड़: राजधानी पटना के जगदेव पथ स्थित शिवालय में काफी भीड़ देखने को मिली है. पिछले 2 सालों से कोरोना के लेकर शिवालय सावन के महीने में बंद रहा करते थे लेकिन इस बार शिवालय खुला हुआ है और लोग सावन की सोमवारी के दिन लगातार भगवान भोले पर जल अर्पण करते नजर आ रहे हैं.

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क्या कहते हैं पुजारी: मंदिर के पुजारी रंजीत उपाध्याय का कहना है कि सोमवारी के दिन भगवान भोले पर जल चढ़ाने से सारी मनोकामना पूरी होती है. वैसे तो सोमवार जितने भी साल में होते हैं, सब भगवान भोले का ही दिन होता है लेकिन सावन की सोमवारी का विशेष महत्व है. माना जाता है कि जो भक्त सोमवारी के दिन भगवान भोले पर जल चढ़ाते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.

क्या कहा शिव भक्तों ने: शिवालय पहुंची रेखा देवी ने कहा कि हम लोग हर एक सोमवारी को यहां पर आकर भगवान भोले पर जल अर्पण करते हैं. सोमवारी का व्रत भी रखते हैं. ऐसा माना जाता है कि परिवार में किसी भी तरह का दुख को भगवान दूर करते हैं. यही कारण है कि सोमवारी अधिकांश महिलाएं करती हैं.

12 अगस्त को समाप्त होगा सावनः आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से ही सावन मास की शुरुआत हो गई थी. साल 2022 के सावन में कुल 4 सोमवार हैं. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस बार सावन 14 जुलाई से शुरू हुआ और 12 अगस्त को समाप्त होगा. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा सोमवार 25 जुलाई , तीसरा सोमवार 01 अगस्त और चौथा सोमवार 08 अगस्त को होगा और सावन मास की शिवरात्रि 26 जुलाई को है.

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कैसे करें इस महीने में पूजाः इस महीने में सुबह जल्दी उठें. स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें. घर के मंदिर में पूजा करें और देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. इसके बाद शिवलिंग पर गंगा जल और दूध चढ़ाएं और पुष्प अर्पित करें. इसके बाद शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाएं. इसके बाद भोलेनाथ की आरती करें और भोग लगाएं. ध्यान रखें कि इस महीने में भगवान शिव का अधिक से अधिक ध्यान करें.

'सोमवारी के दिन भगवान भोले पर जल चढ़ाने से सारी मनोकामना पूरी होती है ऐसे सोमवार जितना भी साल में होता है. सब भगवान भोले का ही दिन होता है. लेकिन सावन के सोमवारी का विशेष महत्व है माना जाता है कि जो भक्त सोमवारी के दिन भगवान भोले पर जल चढ़ाते हैं'- रंजीत उपाध्याय, पुजारी

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