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पटना: दशमी के दिन पंडालों में उमड़ी भक्तों की भीड़, आज होगी माता की विदाई

ऐसा माना जाता है कि दशमी के दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से विजय की प्राप्ति होती है. साथ ही घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है.

मां दुर्गा
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Published : Oct 8, 2019, 10:45 AM IST

पटना: राजधानी में नवरात्र के अवसर पर दशमी के दिन मां दुर्गा के दर्शन के लिए विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी है. महिला श्रद्धालु माता को खोईचा भर रही है. जिसके बाद वह माता की विदाई करेंगी. सभी श्रद्धालु आज गंगा स्नान कर माता की पूजा-अर्चना में लीन हो गए हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने मंदिर के आस-पास फल-फूल और श्रृंगार की दुकानें लगाई है.

दंसवे दिन हुआ था महिषासुर का वध
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने रावण का इसी दिन वध किया था. साथ ही यह भी कहा जाता है कि रावण का वध करने से पहले उन्होंने समुद्र तट पर 9 दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की थी. फिर दशमी के दिन उन्हें विजय की प्राप्ति हुई थी. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दसवें दिन युद्ध के बाद राक्षस महिषासुर का वध किया गया था.

patna
भक्तों की भीड़

दसवीं के दिन हुई थी विजय की प्राप्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राक्षस महिषासुर को ब्रह्मा से आशीर्वाद मिला था कि पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति उसे नहीं मार सकता है. इस आशीर्वाद के कारण उसने तीनो लोक में हाहाकार कार मचा दिया था. इसके बढ़ते पाप को रोकने के लिए ब्रह्मा विष्णु महेश ने अपनी शक्ति मिलाकर मां दुर्गा का सृजन किया. मां दुर्गा ने 9 दिनों तक महिषासुर का मुकाबला किया और दंसवे दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया. जिसके चलते चारों तरफ खुशी को माहौल हो गया, क्योंकि मां दुर्गा को दशमी के दिन विजय की प्राप्ति हुई थी. इसी कारण दशहरा को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है.

मां के दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

मां दुर्गा की होगी विदाई
ऐसा माना जाता है कि दशमी के दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से विजय की प्राप्ति होती है. साथ ही घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है. मां दुर्गा की आज विदाई होती है, जिसके लिए महिलाएं मां दुर्गा को खोईचा भरती है. जिसके चलते आज सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है.

पटना: राजधानी में नवरात्र के अवसर पर दशमी के दिन मां दुर्गा के दर्शन के लिए विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी है. महिला श्रद्धालु माता को खोईचा भर रही है. जिसके बाद वह माता की विदाई करेंगी. सभी श्रद्धालु आज गंगा स्नान कर माता की पूजा-अर्चना में लीन हो गए हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने मंदिर के आस-पास फल-फूल और श्रृंगार की दुकानें लगाई है.

दंसवे दिन हुआ था महिषासुर का वध
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने रावण का इसी दिन वध किया था. साथ ही यह भी कहा जाता है कि रावण का वध करने से पहले उन्होंने समुद्र तट पर 9 दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की थी. फिर दशमी के दिन उन्हें विजय की प्राप्ति हुई थी. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दसवें दिन युद्ध के बाद राक्षस महिषासुर का वध किया गया था.

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भक्तों की भीड़

दसवीं के दिन हुई थी विजय की प्राप्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राक्षस महिषासुर को ब्रह्मा से आशीर्वाद मिला था कि पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति उसे नहीं मार सकता है. इस आशीर्वाद के कारण उसने तीनो लोक में हाहाकार कार मचा दिया था. इसके बढ़ते पाप को रोकने के लिए ब्रह्मा विष्णु महेश ने अपनी शक्ति मिलाकर मां दुर्गा का सृजन किया. मां दुर्गा ने 9 दिनों तक महिषासुर का मुकाबला किया और दंसवे दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया. जिसके चलते चारों तरफ खुशी को माहौल हो गया, क्योंकि मां दुर्गा को दशमी के दिन विजय की प्राप्ति हुई थी. इसी कारण दशहरा को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है.

मां के दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

मां दुर्गा की होगी विदाई
ऐसा माना जाता है कि दशमी के दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से विजय की प्राप्ति होती है. साथ ही घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है. मां दुर्गा की आज विदाई होती है, जिसके लिए महिलाएं मां दुर्गा को खोईचा भरती है. जिसके चलते आज सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है.

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Body:नवरात्र के अवसर पर दसवीं के दिन मां दुर्गा के दर्शन के लिए शहर के विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ लग रही है। महिला श्रद्धालुओं द्वारा माता को डोलिया और खोईचा भरा जा रहा है आज माता को खोइचा भर सभी महिलाएं माता की विदाई करेंगे। सभी मलाई आज गंगा स्नान कर माता को पूजा अर्चना में लीन हो गए हैं वही स्थानीय लोगों द्वारा फल फूल एवं सिंगार के दुकान में लगाए गए हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने रावण का इसी दिन वध किया था साथ ही यह भी कहा जाता है कि रावण का वध करने से पहले उन्होंने समुद्र तट पर 9 दिनों तक माता दुर्गा की आराधना की थी। फिर दशमी दिन उन्हें विजय की प्राप्ति हुई थी ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा के नवरात्रि और दसवें दिन के युद्ध के बाद राक्षस महिषासुर का वध किया गया था।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महिषासुर नामक एक राक्षस ने ब्रह्मा से आशीर्वाद मिला था कि पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति उसे नहीं मार सकता है। इस आशीर्वाद के कारण उसने तीनो लोक में हाहाकार कार मचा दिया है इसके बढ़ते पाप को रोकने के लिए ब्रह्मा विष्णु महेश ने अपनी शक्ति मिलाकर मां दुर्गा का सृजन किया। मां दुर्गा ने 9 दिनों तक महिषासुर का मुकाबला किया और उसमें दिन दुर्गा महिषासुर का वध कर दिया। जिससे चारों तरफ हर्ष का माहौल हो गया क्योंकि मां दुर्गा को 10 में दिन विजय प्राप्ति हुई थी इसी कारण दशहरा को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि माता दुर्गा के दशमी दिन गंगा स्नान कर पूजा करने से विजय की प्राप्ति होती है और घर में सुख और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। और माता की आज भी दागी विदाई होगी जिसको लेकर महिलाओं द्वारा खोईचा भरने का भी रिवाज है जिसको लेकर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का भीड़ लगा हुआ है।


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