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Mahashivratri 2022: बाबा बिटेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़, जलाभिषेक के लिए भक्तों की लंबी कतार - Crowd gathered in temple on Mahashivaratri

शिव आराधना का पर्व महाशिवरात्रि (Mahashivratri festival of worship of Shiva) इस बार कई विशेष संयोगों के बीच आज मनाया जा रहा हैं. राजधानी पटना से सटे बिहटा स्थित बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में जलाभिषेक को लेकर सुबह से ही भक्तों की भीड़ दिखने को मिली. आज के दिन बिहार के अलग-अलग इलाकों से बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर भक्त जुटते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Mahashivratri in Patna
Mahashivratri in Patna
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Published : Mar 1, 2022, 8:22 AM IST

पटना: महाशिवरात्रि के पावन पर्व को लेकर राजधानी पटना से सटे बिहटा स्थित अति प्राचीन बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर (Baba Bateshwar Nath Temple) में बाबा भोलेनाथ की जलाभिषेक को लेकर सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गयी. जहां भारी संख्या में श्रद्धालु दूरदराज से आकर बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक करने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन ने अलग से बंदोबस्त किया है. ताकि सभी भक्त अच्छी तरह से पूजा कर सकें.

यह भी पढ़ें - शिव आराधना का पर्व महाशिवरात्रि पर बन रहा पंचग्रही योग, जानें पूजा का मुहूर्त

मंदिर प्रशासन की तरफ से पुरुष और महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था की गई थी. महिलाओं के लिए अलग से बैरिकेडिंग और प्रवेश द्वार बनाया गया है, तो वहीं पुरुष के लिए भी अलग से बैरिकेडिंग और प्रवेश द्वार बनाए गया था. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पूजा समिति के लोग भी मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर लाइन में खड़े दिख रहे है. महाशिवरात्रि के रात में बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में भव्य तरीके से शिव विवाह का भी आयोजन किया गया है. जिसे मंदिर प्रशासन ने महादेव महोत्सव का रूप दिया है.

बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर पूजा समिति के सदस्य निखिल कुमार ने बताया कि महाशिवरात्रि को लेकर यहां पर बिहार के अलग-अलग इलाकों से भक्त जुटते हैं. जिसको लेकर मंदिर प्रशासन के तरफ से पूरी तैयारियां कर ली गई है. भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की तरफ से सीसीटीवी के अलावा सुरक्षा बल की तैनाती भी की गई है.

वहीं, मंदिर के पुजारी चंदन कुमार मिश्र बताते हैं कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर काफी संख्या में भक्त श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए बाबू बिटेश्वरनाथ मंदिर पहुंच रहे हैं. अहले सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि आज के दिन ही महादेव और मां पार्वती का विवाह हुई थी, जिसके रूप में महाशिवरात्रि पर्व मनाते हैं. हिंदू धर्म में यह काफी महत्व रखता है. अगर कोई भक्त सच्चे मन से बाबा भोलेनाथ से मांगता है. उसका मनकामना जरूर पूर्ण होता है.

हर साल महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. भगवान महाकाल की आराधना का सबसे बड़ा दिन महाशिवरात्रि (Mahashivratri Festival) के दिन 4 साल बाद शुभ मुहूर्त और संयोग के साथ ही पंचग्रही योग भी बन रहा है. इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलेगा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आचार्य रामाशंकर दुबे ने बताया कि महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह 03.16 मिनट से शुरू होकर बुधवार 2 मार्च को सुबह 10 बजे तक रहेगी. रात्रि में शिव जी के पूजन का शुभ समय शाम 06.22 मिनट से शुरू होकर रात्रि 12.33 मिनट तक रहेगा.

यह भी पढ़ें - 4 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा विशेष संयोग, जानें पूजा का मुहूर्त

यह भी पढ़ें - ..तो इसलिए की जाती है महाशिवरात्रि, जानिए पूजा की विधि और प्रचलित कथाएं

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मंदिर प्रशासन की तरफ से पुरुष और महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था की गई थी. महिलाओं के लिए अलग से बैरिकेडिंग और प्रवेश द्वार बनाया गया है, तो वहीं पुरुष के लिए भी अलग से बैरिकेडिंग और प्रवेश द्वार बनाए गया था. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पूजा समिति के लोग भी मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर लाइन में खड़े दिख रहे है. महाशिवरात्रि के रात में बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में भव्य तरीके से शिव विवाह का भी आयोजन किया गया है. जिसे मंदिर प्रशासन ने महादेव महोत्सव का रूप दिया है.

बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर पूजा समिति के सदस्य निखिल कुमार ने बताया कि महाशिवरात्रि को लेकर यहां पर बिहार के अलग-अलग इलाकों से भक्त जुटते हैं. जिसको लेकर मंदिर प्रशासन के तरफ से पूरी तैयारियां कर ली गई है. भक्तों के लिए मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की तरफ से सीसीटीवी के अलावा सुरक्षा बल की तैनाती भी की गई है.

वहीं, मंदिर के पुजारी चंदन कुमार मिश्र बताते हैं कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर काफी संख्या में भक्त श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए बाबू बिटेश्वरनाथ मंदिर पहुंच रहे हैं. अहले सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. उन्होंने बताया कि आज के दिन ही महादेव और मां पार्वती का विवाह हुई थी, जिसके रूप में महाशिवरात्रि पर्व मनाते हैं. हिंदू धर्म में यह काफी महत्व रखता है. अगर कोई भक्त सच्चे मन से बाबा भोलेनाथ से मांगता है. उसका मनकामना जरूर पूर्ण होता है.

हर साल महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. भगवान महाकाल की आराधना का सबसे बड़ा दिन महाशिवरात्रि (Mahashivratri Festival) के दिन 4 साल बाद शुभ मुहूर्त और संयोग के साथ ही पंचग्रही योग भी बन रहा है. इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलेगा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आचार्य रामाशंकर दुबे ने बताया कि महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह 03.16 मिनट से शुरू होकर बुधवार 2 मार्च को सुबह 10 बजे तक रहेगी. रात्रि में शिव जी के पूजन का शुभ समय शाम 06.22 मिनट से शुरू होकर रात्रि 12.33 मिनट तक रहेगा.

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