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पटनाः मां दुर्गा के नौवें रूप सिद्धिदात्री की पूजा के लिए पंडालों में लगा भक्तों का तांता

नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. ऐसी मान्यता है कि सिंह की सवारी करने वाली मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्त को सभी देवी-देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है.

पटना
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Published : Oct 7, 2019, 12:31 PM IST

पटना: जिले में नवरात्र को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. सोमवार को मां दुर्गा के नवमें रूप की पूजा के लिए भक्त पूजा पंडालों में पहुंच रहे हैं. बाढ़ अनुमंडल के कचहरी चौक स्थित पंडाल में भी महानवमी की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. भीड़ को संभालने के लिए पूजा समिति ने खास तैयारी कर रखी है.

पटना
मां दुर्गा के नौवें रूप की पूजा के लिए पंडालों में पहुंच रहे हैं भक्त

नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा
नवमी के दिन मां दुर्गा की पूजा का खास महत्व है. भक्त गंगा स्थान कर सुबह से ही पूजा पंडालों में लाइन लगा रहे थे. बता दें कि पूजा पंडाल के बाहर फूल, धूप-बत्ती सहित अन्य पूजा सामग्री और प्रसाद की दुकानें लगाई गईं हैं. साथ ही बच्चों के खिलौने और खाने-पीने के सामानों की भी दुकानें सजाई गईं हैं, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

पूजा पंडाल का वीडियो

महानवमी के दिन कन्याओं की पूजा
बताया जाता है कि नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. ऐसी मान्यता है कि सिंह की सवारी करने वाली मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्त को सभी देवी-देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है. महानवमी के दिन कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर उसकी भी पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन कन्याओं को भोजन कराने का भी महत्व है.

पटना: जिले में नवरात्र को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. सोमवार को मां दुर्गा के नवमें रूप की पूजा के लिए भक्त पूजा पंडालों में पहुंच रहे हैं. बाढ़ अनुमंडल के कचहरी चौक स्थित पंडाल में भी महानवमी की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. भीड़ को संभालने के लिए पूजा समिति ने खास तैयारी कर रखी है.

पटना
मां दुर्गा के नौवें रूप की पूजा के लिए पंडालों में पहुंच रहे हैं भक्त

नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा
नवमी के दिन मां दुर्गा की पूजा का खास महत्व है. भक्त गंगा स्थान कर सुबह से ही पूजा पंडालों में लाइन लगा रहे थे. बता दें कि पूजा पंडाल के बाहर फूल, धूप-बत्ती सहित अन्य पूजा सामग्री और प्रसाद की दुकानें लगाई गईं हैं. साथ ही बच्चों के खिलौने और खाने-पीने के सामानों की भी दुकानें सजाई गईं हैं, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

पूजा पंडाल का वीडियो

महानवमी के दिन कन्याओं की पूजा
बताया जाता है कि नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. ऐसी मान्यता है कि सिंह की सवारी करने वाली मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्त को सभी देवी-देवताओं की पूजा का फल मिल जाता है. महानवमी के दिन कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर उसकी भी पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन कन्याओं को भोजन कराने का भी महत्व है.

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Body:बाढ़ के कचहरी चौक स्थित पंडाल में महानवमी के दिन पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ में उमड़ पड़ी महानवमी के दिन छोटी बच्चियों को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है नवरात्रि का यह दिन बेहद शुभ माना जाता है ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ करने से भक्तों पर मां की अपनी कृपा बनी रहती है

वह इसको लेकर पंडाल परिसर में फल फूल पूजा सामग्री सहित सिंगार के दुकान सुबह से ही खुल गए और महिलाएं सुबह से ही गंगा स्नान कर पूजा अर्चना में जुटी। वही मंदिर पंडाल के द्वारा भक्तों के लिए पूजा-अर्चना करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई।

नवरात्रि के नवमी तिथि को महानवमी के रूप में जाना जाता है इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। मां सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से व्यक्ति को सभी देवताओं की पूजा का फल मिल सकता है।

इस दिन माता सिद्धिदात्री को नवम प्रसाद नवरस युक्त भोजन नो प्रकार के पुष्प और 9 प्रकार के फल अर्पित लोग करते हैं और सब प्रथम कलश की पूजा व उसमें स्थापित सभी देवी देवताओं का ध्यान करते हैं। इसके पश्चात माता के मंत्रों का जाप कर उनकी पूजा की जाती है।इस दिन नौ कन्याओं को घर में भोग लगाया जाता है। नवदुर्गा में सिद्धिदात्री का अंतिम है तथा इनकी पूजा से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। कन्याओं की आयु 2 वर्ष से ऊपर और 10 वर्ष के बीच होनी चाहिए और इनकी संख्या 9 से कम नहीं होनी चाहिए यदि 9 से ज्यादा कन्या भोजन आती है तो उस पर कोई आपत्ति नहीं है।


Conclusion:
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