ETV Bharat / state

पटना: करवा चौथ और कार्तिक मास की चतुर्थी को लेकर गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़, पूजा-पाठ में जुटे श्रद्धालु

शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है.

गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़
author img

By

Published : Oct 17, 2019, 10:52 AM IST

पटना: करवा चौथ और कार्तिक मास की चतुर्थी को लेकर सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है. शहर के अलखनाथ घाट, उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों पर महिलाएं गंगा स्नान के लिये जा रही हैं. कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं. एक महीना तक गंगा स्नान कर कार्तिक व्रत का कथा भी सुनती हैं.

आज करवा चौथ है. महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं. आज दिनभर उपवास रहकर रात को चंद्रमा को अर्घ देकर अपना व्रत को तोड़ती हैं. महिलाएं चलनी से चंद्रमा को देखने के बाद पति को देखती है और पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं.

patna
अलखनाथ घाट

कल्पवास मेला की शुरुआत
शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं.

जानकारी देते पुजारी

पटना: करवा चौथ और कार्तिक मास की चतुर्थी को लेकर सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है. शहर के अलखनाथ घाट, उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों पर महिलाएं गंगा स्नान के लिये जा रही हैं. कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं. एक महीना तक गंगा स्नान कर कार्तिक व्रत का कथा भी सुनती हैं.

आज करवा चौथ है. महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत करती हैं. आज दिनभर उपवास रहकर रात को चंद्रमा को अर्घ देकर अपना व्रत को तोड़ती हैं. महिलाएं चलनी से चंद्रमा को देखने के बाद पति को देखती है और पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती हैं.

patna
अलखनाथ घाट

कल्पवास मेला की शुरुआत
शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं.

जानकारी देते पुजारी
Intro:


Body:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।


करवा चौथ और कार्तिक मास की चतुर्थी को लेकर सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं। वहीं कई महिलाएं कार्तिक व्रत में एक महीना तक गंगा स्नान कर कार्तिक व्रत का कथा भी सुनती है।

आज महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए करवा चौथ का व्रत करती है आज दिनभर उपवास रहकर रात को चंद्रमा को अर्घ देकर अपना व्रत को तोड़ती है और अपनी पति की लंबी उम्र की कामना के लिए प्रार्थना करती है। वही इस व्रत में चलनी से चंद्रमा को देखने के बाद पति को देखती है और पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ती है। वही वही मंदिर परिसर में कई महिलाएं पुजारी से कथा भी सुन रही थी।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- आनंद मोहन पांडे lअलखनाथ घाट के पुजारी)




Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.