पटना : बिहार की राजधानी पटना में एक बार फिर बड़े स्तर पर देशरत्न कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. बीजेपी एनआरआई सेल के संयोजक और इंडिया पॉजिटिव संगठन के सेक्रेटरी मनीष सिन्हा की ओर से 2 दिसंबर को प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती की पूर्व संध्या के मौके पर पटना के बापू सभागार में देशरत्न कॉन्क्लेव का आयोजन होना है. कॉन्क्लेव की तैयारी को लेकर मनीष सिन्हा इन दिनों लगातार सक्रिय हैं. मनीष सिन्हा, डॉ राजेंद्र प्रसाद के परिवार के तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं. वह राजेंद्र प्रसाद के प्रपौत्र हैं.
2 दिसंबर को होगा देशरत्न कॉन्क्लेव : इस कॉन्क्लेव में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के तर्ज पर स्टेच्यू ऑफ विजडम बनाने का ब्लूप्रिंट पेश किया जाएगा. इस संबंध में इंडिया पॉजिटिव के कार्यालय में रविवार को एक बैठक बुलाई गई. इसमें सभी लोगों ने एक सुर में देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की याद में स्टेच्यू ऑफ विजडम के निर्माण का संकल्प लिया. इस मौके पर मनीष सिन्हा ने बताया कि 2 दिसंबर को पटना के बापू सभागार में देशरत्न कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है.
"यह कार्यक्रम सभी जाति धर्म और राजनीतिक दलों से ऊपर उठकर है. इसमें देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की याद में स्टेच्यू ऑफ विजडम के निर्माण को लेकर तैयार किये गये ब्लू प्रिंट और पूरे प्रोजेक्ट को पेश किया जायेगा. इस काम को लेकर हमें देश और राज्य की जनता का अपार जनसमर्थन मिल रहा है. लोगों की इच्छा है कि सरदार पटेल की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के रूप में मूर्ति जिस प्रकार गुजरात में स्थापित है. उसी प्रकार राज्य में एक गगनचुंबी मूर्ति डॉ.राजेंद्र प्रसाद की स्थापित की जानी चाहिए." - मनीष सिन्हा, सचिव, इंडिया पॉजिटिव
बिहार में बने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की सबसे ऊंची प्रतिमा : मनीष ने बताया कि उनका प्रयास है कि दुनिया में अब तक किसी भी राष्ट्रपति की सबसे ऊंची जो मूर्ति है. उससे बड़ी और ऊंची मूर्ति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की बिहार में हो. इस मौके पर मनीष सिन्हा ने कहा कि बिहार वासियों का अभी भी मानना है कि स्वतंत्रता आंदोलन में डॉ राजेंद्र प्रसाद का जो योगदान रहा है और आधुनिक भारत के निर्माण में जो उनकी भूमिका रही है, इसका उन्हें उचित सम्मान अब तक नहीं दिया गया है. केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद कई गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों का उचित सम्मान दिया गया है.
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर बने प्रतिमा : मनीष ने बताया कि गुजरात में सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई गई. दिल्ली में इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाई गई और उनके योगदान को सम्मानित किया गया. इसी तर्ज पर वह चाहते हैं कि बिहार में स्टेच्यू ऑफ विजडम तैयार किया जाए. यह स्टेच्यू वहां बनाई जाए जहां दो-तीन किलोमीटर के एरिया में काफी विकास किया जा सके और नए रोजगार सृजित किए जा सकें.
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