पटनाः बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बजट के बहाने एक बार फिर विपक्ष पर निशाना साधा. खासकर विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष के हंगामा को लेकर बड़ी बात कही. कहा कि इस तरह से हंगामा करने से काम नहीं चलेगा. किसी का नाम लिए बिना ही निशाना साधा. कहा कि ये लोग पढ़ें लिखे नहीं है. फिर बाद में खुद कहा कि पढ़ें लिखे होंगे, लेकिन इनकी नजर डाटा पर नहीं है. जबकि सर्वे खुद कहता है कि बिहार क्राइम के मामले में 25वें नंबर पर है. पहले 22वें नंबर पर था. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार में कितना सुधार हुआ है. भाजपा के लोग क्या कहते हैं, इससे हमें क्या लेना देना है.
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"सदन में हंगामा करने से काम नहीं चलेगा. क्या वे पढ़ें लिखे नहीं है. पढ़ें लिखे होंगे तो डाटा क्यों नहीं देखते हैं कि बिहार में क्राइम कम हो रहा है. पहले 22वें नंबर पर था, जो अब 25वें नंबर पर आ गया है. यूपी ने देख लीजिए क्या हाल है लेकिन हमें क्या फर्क पड़ता है. जो गड़बड़ करेगा वह नहीं बचेगा. देर हो सकती है लेकिन सजा होगी. आज इतना अच्छा माहौल है, बजट आया है तो इस तरह का माहौल क्यों बनाया जा रहा है." -तेजस्वी यादव, डिप्टी सीएम, बिहार
केंद्र सरकार से नहीं मिल रहा सहयोगः बिहार का बजट पेश कर दिया गया है. बिहार सरकार बिना केंद्र सरकार के सहयोग काम कर रही है. अपने काम के बदौलत बिहार आज तीसरे स्थान पर है. बिहार की जीडीपी अच्छी है. हमलोग हर क्षेत्र के लिए काम कर रहे हैं. इस बार के बजट में सभी लोगों का ख्याल रखने का काम किया गया है. जो मैने वादा किया था उसे पूरा कर रहे हैं. बिहार में विकास हो हो रहा है.
स्वास्थ्य मंत्री की गलती सुधार रहे हैंः मधेपुरा मेडिकल कॉलेज की बातों पर तेजस्वी ने कहा कि रिक्त पदों को भरने का काम हमलोगों का ही है. हमलोग उस दिशा में काम कर रहे हैं. इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. भविष्य में जहां कुछ बनना है इसके लिए भी हमलोग पद का सृजन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब मधेपुरा मेडिकल कॉलेज बना तो उस समय स्वास्थ्य मंत्री को ख्याल रखना चाहिए था. आज वहीं सवाल उठा रहे हैं. लेकिन खैर हम स्वास्थ्य मंत्री की गलती को सुधार रहे हैं.
किसी भी मामले में जांच कर कार्रवाई होगीः मंत्री इसराइल मंसूरी पर कहा कि अगर कोई बात संज्ञान में आएगी तो जरूर कार्रवाई होगी. जो गड़बड़ करेगा वह नहीं बचेगा. देर हो सकती है लेकिन सजा होगी, लेकिन जबरदस्ती मुकदमा तो नहीं बनाया जा सकता है. यूपी में क्या माहौल चल रहा है, ये सब को पता है, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. नेता प्रतिपक्ष आज जो सवाल उठा रहे हैं, उनके काम को नहीं जानते हैं क्या? देश में विपक्षी नेता को टार्गेट करना एक माहौल बन गया है. देश में इतने राजनेता के घर में छापेमारी हुई लेकिन क्या मिला.