पटना: उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि कम समय में बिहार में जाति आधारित गणना के आंकड़े एकत्रित और उन्हें प्रकाशित कर बिहार आज फिर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने विभिन्न माध्यमों से कितनी तरह इसमें रूकावट डालने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सके. आखिरकार बिहार अपने मकसद में सफल रहा.
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"यह पूरी तरह से साइंटिफिक डेटा है. गरीबी सभी जातियों में है, गरीबों के लिए विशेष योजना हम लोग बनाएंगे. लोगों को मुख्यधारा में पहुंचाने का काम करेंगे. जब जाति आधारिक गणना बिहार में हुई है तो हम लोग चाहते हैं प्रधानमंत्री और बीजेपी के लोग पूरे देश में जातीय जनगणना कराए. अब तक तो सेंसेक्स भी नहीं हो पाया तो महिला रिजर्वेशन तो दूर की बात है, यह होना चाहिए. जब भी सेंसेक्स हो हमारी यही मांग होगी. इंडिया एयरलाइंस की भी ये मांग रही है कि देश भर में जातीय जनगणना हो"- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
'दशकों के संघर्ष का प्रतिफल': तेजस्वी यादव ने अपने एक्स (ट्विटर) अकांउट से पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "कम समय में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े एकत्रित एवं उन्हें प्रकाशित कर बिहार आज फिर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना. दशकों के संघर्ष ने एक मील का पत्थर हासिल किया. इस सर्वेक्षण ने ना सिर्फ वर्षों से लंबित जातिगत आंकड़े प्रदान किये हैं बल्कि उनकी सामाजिक आर्थिक स्थिति का भी ठोस संदर्भ दिया है. अब सरकार त्वरित गति से वंचित वर्गों के समग्र विकास एवं हिस्सेदारी को इन आंकड़ों के आलोक में सुनिश्चित करेगी."
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‘बीजेपी नेतृत्व ने रूकावट डालने की कोशिश की’: डिप्टी सीएम ने आगे लिखा, "इतिहास गवाह है भाजपा नेतृत्व ने विभिन्न माध्यमों से कितनी तरह इसमें रूकावट डालने की कोशिश की. बिहार ने देश के समक्ष एक नजीर पेश की है और एक लंबी लकीर खींच दी है सामाजिक और आर्थिक न्याय की मंजिलों के लिए. आज बिहार में हुआ है कल पूरे देश में करवाने की आवाज उठेगी और वो कल बहुत दूर नहीं है. बिहार ने फिर देश को दिशा दिखाई है और आगे भी दिखाता रहेगा."
बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी: बिहार में जाति आधारित सर्वे के आंकड़े जारी: बिहार सरकार ने गांधी जयंती पर जाति आधारित गणना का डेटा जारी कर दिया है. इसके मुताबिक बिहार में कुल 13 करोड़ से अधिक की आबादी है. जिनमें सवर्ण (भूमिहार-2.89, राजपूत-3.45, ब्राह्मण-3.66 और कायस्थ-0.60%) की आबादी 15.52 प्रतिशत, 63 फीसदी ओबीसी (24 फीसदी पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग ), अनुसूचित जाति की आबादी 19 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है. बिहार में सबसे अधिक यादव जाति हैं, जिनकी आबादी 14 फीसदी है. वहीं, कुर्मी 2.8 और कुशवाहा 4.2 प्रतिशत हैं.