पटना: बिहार में 609 मदरसा शिक्षकों का वेतन जनवरी माह से ही बंद है और उसको लेकर अल्पसंख्यक समाज से जो विधान पार्षद आते हैं उन्होंने अपनी चिंता जताई है. महागठबंधन घटक दल के सभी अल्पसंख्यक समाज के विधान पार्षदों ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और मदरसा शिक्षकों के वेतन को लेकर बातचीत की. साथ ही मदरसा शिक्षकों की अन्य समस्याओं को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने रखा.
सीएम नीतीश से मदरसा शिक्षकों के वेतन की मांग: मुख्यमंत्री नीतीश से मुलाकात के बाद राजद विधान पार्षद मोहम्मद फारूक ने कहा कि रमजान का महीना चल रहा है. ऐसे में मदरसा शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है. उनकी स्थिति क्या होगी आप समझिए. सिर्फ एक मदरसा ने गलती की वेतन 609 मदरसों के शिक्षक का रोका गया है ये उचित नहीं है.
"हमलोग मुख्यमंत्री जी से मिले है और वेतन देने की मांग की है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि सरकार इसको लेकर प्रयास करेगी और रमजान के महीने में मदरसा शिक्षकों को वेतन मिल जाएगा."- मोहम्मद फारूक, राजद विधान पार्षद
सीएम नीतीश ने दिया भुगतान का आश्वासन: वहीं राजद के विधान पार्षद कारी सोहेब ने कहा कि "मदरसा शिक्षकों की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती चली जा रही है. जनवरी महीने से ही उन्हें वेतन नहीं मिला है और रमजान जैसे पाक महीने में उनकी हालत और खराब होगी. इसीलिए हमलोग मुख्यमंत्री जी से मिले है उन्होंने आश्वासन दिया है. उम्मीद है कि जल्द ही मदरसा शिक्षकों को वेतन मिल जाएगा."
क्या है पूरा मामला: दरअसल पूरा मामला जाली दस्तावेजों के आधार पर 609 मदरसों को अनुदान राशि जारी करने से जुड़ा है. पटना उच्चा न्यायालय ने अल्लाउद्दीन बिस्मिल की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्देश दिया था कि राज्य सरकार चार महीने में जांच कर रिपोर्ट पेश करे. वहीं जांच प्रक्रिया पूरी होने तक अनुदान राशि पर रोक लगा दी गई है. इसके कारण 609 मदरसों के शिक्षकों के सामने भूखमरी की नौबत आ गई है.