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मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में प्रदर्शन, कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की रखी मांग

बिहार में पुरानी पेंशन योजना की मांग (Demand for old pension scheme in Bihar) को लेकर राज्य में लगातार कर्मचारियों का आंदोलन जारी है. कर्मचारी छत्तीसगढ़, झारखंड सहित अन्य राज्यों की तरह बिहार में पेंशन की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में मसौढ़ी अनुमंडल अस्पताल में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. पढ़ें पूरी खबर..

पुरानी पेंशन योजना को लेकर प्रदर्शन
पुरानी पेंशन योजना को लेकर प्रदर्शन
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Published : Dec 3, 2022, 6:11 PM IST

पटनाः पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर शनिवार को राजधानी पटना सटे मसौढ़ी अनुमंडलीय अस्पताल में जन स्वास्थ्य चिकित्सा कर्मचारी ने प्रदर्शन (Protest In Masaurhi For Old Pension Scheme) किया. मसौढ़ी अनुमंडल में सभी प्रखंडों से आए हुए जन स्वास्थ्य चिकित्सा कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार से छत्तीसगढ़, झारखंड सहित अन्य राज्यों की तरह राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की. कर्मचारियों ने जल्द ही सरकार की ओर से इसपर कदम नहीं उठाये जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

ये भी पढ़ें- बिहार में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग, उपेंद्र कुशवाहा से मिला राज्य कर्मियों का प्रतिनिधिमंडल


"रिटायरमेंट के बाद हम सभी कर्मचारियों का जीवन गुजर बसर करना काफी कष्टकारी हो जाता है. पुरानी पेंशन लेना हमारा हक है. ऐसे में सरकार को इस योजना को चालू करना होगा. इसके लिए मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा."-ललन सिंह, जिलाध्यक्ष, बिहार राज्य जन स्वास्थ्य चिकित्सा कर्मचारी संघ

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन लागू करने, ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल खत्म करने, संविदा पर बहाली बंद करने समेत कर्मचारी हितों के लिए कई मांगों के साथ प्रदर्शन किया. बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ की ओर से मसौढ़ी में आयोजित हल्ला बोल का आयोजन किया गया था, जहां पर विभिन्न प्रखंडों से आए हुए चिकित्सा कर्मचारियों ने घंटों विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना हमारा अधिकार है, इसे हम लेकर रहेंगे.

2004 से बंद है पुरानी पेंशन व्यवस्थाः जिला अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था हमारा हक है और इसे लेकर रहेंगे. सभी अपना पुरा जीवन सरकार को दे देते हैं. पर बुढ़ापा में कष्ट में जीवन हो जाता है. कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है. ऐसे में बिहार में भी सरकार को पुरानी पेंशन लागू करनी चाहिए. केंद्र सरकार ने 2004 में सरकारी कर्मचारियों का पेंशन बंद कर दिया है, जिसमें राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर तानाशाही रवैया अपना रही है. ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद इन कर्मचारियों का गुजर-बसर करना कष्टकारी होता है.

ये भी पढ़ें- क्या जनता से किए वादे को तेजस्वी करेंगे पूरा, पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर बढ़ी लोगों की उम्मीदें

पटनाः पुरानी पेंशन योजना की मांग को लेकर शनिवार को राजधानी पटना सटे मसौढ़ी अनुमंडलीय अस्पताल में जन स्वास्थ्य चिकित्सा कर्मचारी ने प्रदर्शन (Protest In Masaurhi For Old Pension Scheme) किया. मसौढ़ी अनुमंडल में सभी प्रखंडों से आए हुए जन स्वास्थ्य चिकित्सा कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार से छत्तीसगढ़, झारखंड सहित अन्य राज्यों की तरह राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की. कर्मचारियों ने जल्द ही सरकार की ओर से इसपर कदम नहीं उठाये जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

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"रिटायरमेंट के बाद हम सभी कर्मचारियों का जीवन गुजर बसर करना काफी कष्टकारी हो जाता है. पुरानी पेंशन लेना हमारा हक है. ऐसे में सरकार को इस योजना को चालू करना होगा. इसके लिए मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा."-ललन सिंह, जिलाध्यक्ष, बिहार राज्य जन स्वास्थ्य चिकित्सा कर्मचारी संघ

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन लागू करने, ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल खत्म करने, संविदा पर बहाली बंद करने समेत कर्मचारी हितों के लिए कई मांगों के साथ प्रदर्शन किया. बिहार राज्य चिकित्सा कर्मचारी संघ की ओर से मसौढ़ी में आयोजित हल्ला बोल का आयोजन किया गया था, जहां पर विभिन्न प्रखंडों से आए हुए चिकित्सा कर्मचारियों ने घंटों विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना हमारा अधिकार है, इसे हम लेकर रहेंगे.

2004 से बंद है पुरानी पेंशन व्यवस्थाः जिला अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था हमारा हक है और इसे लेकर रहेंगे. सभी अपना पुरा जीवन सरकार को दे देते हैं. पर बुढ़ापा में कष्ट में जीवन हो जाता है. कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है. ऐसे में बिहार में भी सरकार को पुरानी पेंशन लागू करनी चाहिए. केंद्र सरकार ने 2004 में सरकारी कर्मचारियों का पेंशन बंद कर दिया है, जिसमें राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर तानाशाही रवैया अपना रही है. ऐसे में सेवानिवृत्ति के बाद इन कर्मचारियों का गुजर-बसर करना कष्टकारी होता है.

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